Thursday, December 26, 2024
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तीन महीने से नहीं मिल रहा है निगम शिक्षकों को वेतन: रामनिवास सोलंकी

  • प्रधानमंत्री, एलजी, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, महापौर, आयुक्त को गुहार लगाई
  • मानसिक तनाव में जी रहे हैं उत्तरी दिल्ली नगर निगम के शिक्षक
  • कोरोना संकट से निपटने के लिए कर रहे हैं अतिरिक्त काम
  • कोरोना योद्धाओं की तरह नहीं मिल रहा है जीवन बीमा

नई दिल्ली: पिछले तीन माह से वेतन नहीं मिलने के चलते उतरी दिल्ली नगर निगम के करीब आठ हजार शिक्षक बहुत ही परेशान हो गये हैं। नगर निगम शिक्षक संघ के महासचिव रामनिवास सोलंकी ने बताया कि इन दिनों शिक्षकों को मानसिक तनाव से गुजरना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि सभी शिक्षक बिना वेतन इस महामारी में सुबह से शाम तक 10-10 घंटे लगातार बिना साप्ताहिक अवकाश के निगम स्कूलों में राशन एवं पका भोजन बांट रहे है और बीएलओ बन कर कोरोना के बचाव की जानकारी एवं सर्वे का कार्य कर रहे हैं। सचिव आशु शर्मा ने बताया कि उतरी दिल्ली नगर निगम में आर्थिक संकट के कारण शिक्षकों को फरवरी, मार्च और अप्रैल माह का वेतन नहीं मिला है। हमने प्रधानमंत्री, उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री, महापौर, आयुक्त तक वेतन की गुहार लगाई हंै लेकिन समस्या का निदान नहीं हो पाया है। कोई सुनने वाला नहीं है। दिल्ली सरकार निगमों को फंड देना नहीं चाहती है। दिल्ली सरकार ने शिक्षकों को कहा है कि हमने 31 मार्च का सभी बकाया निगम को दे दिया है अब कोरोना संकट में अलग से फंड देने की स्थिति में नहीं है। दिल्ली सरकार का यह भी कहना है कि हमने केंद्र से फंड निगम को देने मांग भेजी हुई है जब केंद्र से फंड मिलेगा तब हम निगम को दे देंगे।

संघ का आरोप है कि निगम स्कूलों में चल रहे राहत शिविर कैम्प में कार्य कर रहे और आॅनलाइन बच्चों को भी पढ़ा रहे हैं। बिना वेतन निगम विभाग एवं दिल्ली सरकार शिक्षकों का खून चूस रही है और वेतन देने के नाम पर इनके पास कुछ नहीं है। ऊपर से सरकार ने निगम कर्मियों को कोरोना बीमा एक करोड रुपये देने के दायरे से बाहर कर शिक्षकों के गुस्से के पारे की सातवें आसमान पर पहुँचा दिया है। करीब 8 हजार शिक्षकों का शारीरिक मानसिक एवं बोद्धिक उत्पीड़न होने पर अब शिक्षकों का धैर्य टूटने के कगार पर है अगर जल्द हमें वेतन नहीं मिलता है और राशन बांटने का समय 10 घंटे के स्थान पर 8 घंटे और साप्ताहिक अवकाश नहीं होता है। निगम शिक्षकों को कोरोना बीमा नहीं मिलता है तो शिक्षक इसका सामूहिक बहिष्कार का निर्णय लेने पर मजबूर होंगे। संघ दिल्ली सरकार और निगम प्रशासन से अपील करता है हमें वेतन और इस सूखा राशन बांटने का समय कम कर व साप्ताहिक अवकाश और कोरोना बीमा देकर कोरोना योद्धाओं शिक्षकों का मनोबल बढ़ाने में मदद करे।

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