Wednesday, July 24, 2024
Homeताजा खबरेंदिल्ली सरकार 12 कॉलेजों की ग्रांट जल्द करे रिलीज

दिल्ली सरकार 12 कॉलेजों की ग्रांट जल्द करे रिलीज

दिल्ली सरकार 12 कॉलेजों की ग्रांट जल्द करे रिलीज

  • फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस ने मुख्यमंत्री से की मांग
  • अतिथि, एडहॉक और कंट्रक्चुअल कर्मचारियों के सामने आर्थिक संकट
  • पूर्ण वित्त पोषित कॉलेजों के लिए अपर्याप्त, वित्त पोषण की कमी

नई दिल्ली: फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस ने दिल्ली के मुख्यमंत्री से दिल्ली सरकार से सम्बद्ध 12 पूर्ण वित्त पोषित कॉलेजों की ग्रांट तुरंत रिलीज करने की मांग की है। बताया गया है कि पिछले दो महीने से सैलरी ना मिलने से स्थायी, तदर्थ, अतिथि शिक्षकों व स्थायी संविदा पर काम कर रहे कर्मचारी भयावह आर्थिक संकट का सामना कर रहे है। ग्रांट रिलीज कराने की मांग को लेकर एक सप्ताह पूर्व शिक्षकों ने अपने घरों में एक दिन की भूख हड़ताल की थीं लेकिन अभी तक उन्हें सैलरी नहीं मिली है।

फोरम के चेयरमैन व पूर्व एकेडमिक काउंसिल के सदस्य प्रोफेसर हंसराज सुमन ने बताया है कि दिल्ली सरकार के पूर्ण वित्त पोषित 12 कॉलेजों के हजारों शैक्षिक और गैर-शिक्षण कर्मचारियों और उनके परिवारों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है, एक तरफ कोरोना यानि कोविद 19 महामारी और दूसरी तरफ मार्च 2020 के महीने से वेतन का भुगतान न होना है। उन्होंने बताया है कि इनमें बहुत से अतिथि, एडहॉक और कंट्रक्चुअल कर्मचारियों को हर महीने मकान का किराया, ईएमआई ,मकान की किस्त, गाड़ी की किस्त आदि भरनी पड़ती है। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा ग्रांट रिलीज ना करने पर डूटा के आह्वान पर 12 वित्त पोषित कॉलेजों की ग्रांट रिलीज कराने की मांग को लेकर पिछले दिनों घरों में रहकर एक दिन की भूख हड़ताल की थीं लेकिन अभी तक सरकार की ओर से इस संदर्भ में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए।

प्रोफेसर सुमन का कहना है कि 12 कॉलेजों की ग्रांट रिलीज ना होने से इससे न केवल वेतन भुगतान प्रभावित हुआ है, बल्कि चिकित्सा बिल, सेवानिवृत्ति लाभ और अन्य विकास व्यय भी लंबित हैं। उनका कहना है कि लॉक डाउन समाप्ति के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय का नया शैक्षिक सत्र 2020-21 शुरू हो जाएगा जिसमें छात्रों के प्रवेश, ओबीसी कोटे के अंतर्गत सेकेंड ट्रांच की शिक्षकों की नियुक्तियां, गैर शैक्षिक कर्मचारियों की नियुक्ति के अलावा परीक्षा और उसका मूल्यांकन आदि में ग्रांट की आवश्यकता है।

प्रोफेसर सुमन का कहना है कि दिल्ली सरकार के 28 कॉलेजों में पिछले 14 महीनों से इन कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी के ना होने से दिल्ली सरकार को गवर्निंग बॉडी के गठन के बारे में दिल्ली विश्वविद्यालय से शिकायत हो सकती है, लेकिन इन कॉलेजों को दी जाने वाली ग्रांट को रोकना बिल्कुल ही गैर-बराबरी, गैर-कानूनी और महामारी और तालाबंदी के बीच अमानवीय है। शिक्षकों, कर्मचारियों और उनके परिवारों की कोई गलती नहीं जो उन्हें कोरोना महामारी में भारी पीड़ा को सहन करना पड़ रहा है। संकट की इस घड़ी में फोरम ने पुनः मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि दिल्ली सरकार द्वारा 12 पूर्ण वित्त पोषित कॉलेजों को धनराशि जारी करने में बिना किसी और देरी के मदद करें ताकि इस अत्यंत कठिन और तनावपूर्ण समय में शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन और अन्य बकाया का भुगतान किया जा सके।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments