Friday, December 20, 2024
Homeताजा खबरेंदिल्ली सरकार के थिंक टैंक डीडीसीडी ने किया सात साल में दिल्ली...

दिल्ली सरकार के थिंक टैंक डीडीसीडी ने किया सात साल में दिल्ली के विकास में अभूतपूर्व और शानदार काम : केजरीवाल

  • सात साल पहले हमने डीडीसीडी का गठन किया था, दिल्ली सरकार की योजनाएं अक्सर सफल होती हैं और उसका बड़ा श्रेय डीडीसी को जाता है – डीडीसीडी 3 स्टेज पर काम करता है- प्रोजेक्ट डिज़ाइन, योजना बनने के बाद उस पर नज़र रखना और फिर कमियों के आधार पर उसे ठीक करना – सात साल में डीडीसीडी ने 70 से ज्यादा शानदार प्रोजेक्ट किए हैं, जिसमें ईवी पॉलिसी, डोरस्टेप डिलीवरी, सीसीटीवी, स्ट्रीट लाइट्स, हेल्थ इंफार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम, रोजगार पोर्टल से 10 लाख नौकरियां, राशन के लिए ई-कूपन, कोविड में कैट्स एंबुलेंस का टाइम 55 से 18 मिनट करना प्रमुख हैं : अरविंद केजरीवाल / पिछले 7 वर्षों में डीडीसीडी का एक ऐसी संस्था के रूप में उदय हुआ है, जो दिल्ली की सबसे जटिल नीतिगत चुनौतियों का समाधान ढूंढ सकती है और उन्हें वास्तविकता में बदल सकती है – डीडीसीडी की 7 साल की रिपोर्ट बताती है कि कैसे डीडीसी ने दिल्ली के सामने आने वाली महत्वपूर्ण नीतिगत समस्याओं को हल करने के लिए करीब 70 शासन इनोवेशंस लागू किए : जस्मिन शाह

नई दिल्ली, 19 अक्टूबर, 2022 : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में आज दिल्ली सरकार के डायलॉग एंड डेवलमेंट कमीशन (डीडीसी) की बैठक हुई, जिसमें पिछले सात साल में डीडीसी के उल्लेखनीय कार्यों पर चर्चा हुई। डीडीसी के चर्चित कार्यों की जानकारी देते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार के थिंक टैंक डीडीसी ने सात साल में दिल्ली के विकास में अभूतपूर्व और शानदार काम किया है। सात साल पहले हमने डीडीसी का गठन किया था। दिल्ली सरकार की योजनाएं अक्सर सफल होती हैं और उसका बड़ा श्रेय डीडीसी को जाता है। डीडीसी 3 स्टेज पर काम करता है, जिसमें प्रोजेक्ट डिज़ाइन करना, योजना बनने के बाद उस पर नज़र रखना और फिर कमियों के आधार पर उसे ठीक करना है। पिछले सात साल में डीडीसीडी ने 70 से ज्यादा शानदार प्रोजेक्ट किए हैं, जिसमें ईवी पॉलिसी, डोरस्टेप डिलीवरी, सीसीटीवी, स्ट्रीट लाइट्स, हेल्थ इंफार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम, रोजगार पोर्टल से 10 लाख नौकरियां, राशन के लिए ई-कूपन, कोविड में कैट्स एंबुलेंस का टाइम 55 से 18 मिनट करना प्रमुख हैं। वहीं, डीडीसी के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह ने कहा कि पिछले 7 वर्षों में डीडीसी का एक ऐसी संस्था के रूप में उदय हुआ है, जो दिल्ली की सबसे जटिल नीतिगत चुनौतियों का समाधान ढूंढ सकती है और उन्हें वास्तविकता में बदल सकती है।

दिल्ली सरकार कोई योजना लेकर आती है, तो डीडीसी उस पर सोचने, उसको डिजाइन और सलाह करने काम करता है- अरविंद केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में आज दिल्ली सरकार के डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन को सात साल पूरे होने पर उसकी समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में डीडीसी के वाइस चेयरमैन जस्मिन शाह और सदस्य गोपाल मोहन मौजूद रहे। गौरतलब है कि सीएम अरविंद केजरीवाल डीडीसी के चेयरमैन भी हैं। बैठक में डीडीसी के सात साल पूरे होने पर उसकी उपलब्धियों पर चर्चा की गई। इसके उपरांत सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रेस वार्ता कर डीडीसी की उपलब्धियों का ब्यौरा पेश किया। प्रेस को संबोधित करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि डायलॉग एंड डेवलेपमेंट कमीशन दिल्ली सरकार का एक थिंक टैंक है। हमने अपनी सरकार में यह एक नया प्रयोग किया था। अक्सर सरकार चलाते समय हम लोग देखते हैं कि मंत्री और अधिकारी अपनी रोजमर्रा जिंदगी व कामों में इतने ज्यादा व्यस्त होते हैं कि अगर उनको कोई नई योजना लेकर आनी हो तो उसके के बारे में रिसर्च करने, विशेषज्ञों और लोगों से बात करके उसको डिजाइन करने का अक्सर उनके पास समय नहीं होता है। इसी वजह से सरकार में अधकच्ची योजना बनाई जाती है और उसको लागू करते हैं। फिर वो योजनाएं असफल हो जाती हैं। उस कमी को पूरा करने के लिए हमने यह प्रयोग शुरू किया था। आज से 7 साल पहले डायलॉग एंड डेवलेपमेंट कमीशन (डीडीसी) का गठन किया गया, जिसका काम केवल यह था कि अगर हमें सरकार में कोई नई योजना या प्रोजेक्ट लेकर आना है, तो उस पर सोचने, उसको डिजाइन और सलाह करने का काम डीडीसी करेगा। यह देखने में आया है कि दिल्ली सरकार जितनी योजनाएं चलाती है, वो अक्सर सफल होती हैं। जबकि बाकी सरकारों में देखा गया है कि सरकारें योजना तो बहुत अच्छी-अच्छी लाती हैं, लेकिन वो सारी योजना जमीन पर जाकर असफल हो जाती हैं।

दिल्ली सरकार की जो योजनाएं व प्रोजेक्ट्स जमीन पर सफल होते हैं, उसका बहुत बड़ा श्रेय डीडीसी को जाता है- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार में हमारी जो योजनाएं व प्रोजेक्ट बहुत जमीन पर जाकर सफल होते हैं, उसका बहुत बड़ा श्रेय मैं डीडीसी को देना चाहता हूं। उसका कारण यह है कि डीडीसी तीन स्तरों पर काम करता है। पहला, उस योजना या प्रोजेक्ट को अच्छी तरह से डिजाइन करता है। एक तरफ विशेषज्ञों से बात करता है और दूसरी तरफ सभी हितधारकों से बात करता है। उनसे बात करके एक मजबूत योजना या मजबूत प्रोजेक्ट डिजाइन किया जाता है। दूसरा, जब योजना या प्रोजेक्ट को लागू किया जाता है, तो डीडीसी उस पर नजर रखता है कि सही चल रहा है या नहीं। अक्सर सरकारों के पास उस पर नजर रखने का समय नहीं होता है। सरकारें योजनाएं लागू कर देती हैं और डीएम, डीसी को नजर रखने के लिए बोल देती हैं। तीसरा, जब योजना या प्रोजेक्ट को लागू करने की प्रक्रिया चल रही होती है और उस दौरान उसमें जब कुछ कमियां दिखाई देती हैं, तो उन कमियों को दूर प्रोजेक्ट को ठीक करते रहने का काम भी डीडीसी करता है, ताकि वो सुचारू रूप से काम कर सकें। आज डीडीसी के 7 साल पूरे हुए हैं और इन 7 सालों में डीडीसी ने 70 से ज्यादा बड़े-बड़े प्रोजेक्ट लागू किए हैं।

कोरोना के दौरान डीडीसी ने रोजगार पोर्टल बनाया, जिसके जरिए युवाओं को 10 लाख से अधिक नौकरियां मिलीं- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कोरोना के दौरान डीडीसी द्वारा किए उल्लेखनीय कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि कोरोना के समय डीडीसी ने बहुत शानदार काम किया। उस दौरान मैंने डीडीसी के वाइस चेयरमैन जस्मिन शाह को फोन कर कहा कि एक तरफ मजदूर, लोग और युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। उनके पास रोजगार नहीं हैं। दूसरी तरफ, बहुत सारी फैक्ट्रियां व स्टेब्लिसमेंट ऐसे हैं, जो बंद हो रहे हैं। क्योंकि उनके पास काम करने वाले नहीं हैं, जबकि वो रोजगार देना चाहते हैं। इन दोनों को कैसे मिलाया जाए। इस पर डीडीसी ने शानदार पोर्टल तैयार किया। उस रोजगार पोर्टल के जरिए 10 लाख से भी ज्यादा नौकरियां तैयार हुईं और खूब सारे युवाओं को नौकरियां मिलीं। डीडीसी ने नौकरी देने वालों और नौकरी तलाशने वालों का संगम कराया। कोरोना के समय हम लोगों ने एक स्कीम निकाली थी। उस समय लोगों के रोजगार खत्म हो गए थे। घर में खाने को नहीं था और पैसे नहीं थे। हम यह चाहते थे कि कोई भी भूख से नहीं मरना चाहिए। एक तरफ वो लोग थे, जिनको राशन की दुकानों पर राशन मिल रहा था और एक तरफ वो लोग थे, जिनके पास राशन कार्ड नहीं था, लेकिन गरीब थे। ऐसे लोगों को फ्री राशन देने के लिए हम लोगों ने योजना बनाई। इसमें कई चुनौतियां थीं। अगर हम कह देते कि कोई भी जाकर फ्री राशन ले सकता है, तो वहां पर भीड़ लग जाती। एक-एक आदमी दस-दस बार राशन ले सकता था। डीडीसी ने इन समस्याओं को हल करने के लिए ई-कूपन का सिस्टम इजाद किया और उसकी निगरानी की। कोरोना के समय हमने देखा कि कैट्स एंबुलेंस को फोन करने पर एक-एक एंबुलेंस को पहुंचने में कम से कम 55 मिनट लगते थे। डीडीसी ने उसके पूरे सिस्टम को री-डिजाइन किया। डीडीसी ने खूब सारी नई एंबुलेंस खरीदी और 55 मिनट के समय को कम करके 18 मिनट पर लाई। कोरोना के समय पर डीडीसी का यह बहुत बड़ा योगदान था।

डीडीसी ने सीसीटीवी प्रोजेक्ट को डिजाइन किया है, आज दिल्ली में सीसीटीवी का जितना घना नेटवर्क है, उतना न्यूयार्क, वाशिंगटन, लंदन और टोक्यो में भी नहीं है- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार के डोरस्टेप डिलीवरी ऑफ सर्विसेज प्रोग्राम के तहत सरकारी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए 1076 पर फोन करना होता है और सरकार आपके घर आकर काम करके जाती है। आपको राशन कार्ड बनवाना है या बिजली-पानी का कनेक्शन लेना है, तो दिल्ली सरकार का कर्मचारी आपके घर आकर करके जाता है। डीडीसी ने इस पूरे प्रोग्राम को डिजाइन किया और इसको लागू करवाया। दिल्ली सरकार की इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पॉलिसी की दुनिया भर में खूब तारीफ हो रही है। डीडीसी ने एक से डेढ़ साल तक सभी हितधारकों, विशेषज्ञों के साथ बहुत ज्यादा गहराई से परामर्श किया है। इस तरह का परामर्श समान्य सरकारों के अंदर करना संभव नहीं होता है। उन परामर्शों के बाद दिल्ली की इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पॉलिसी आई, जो बहुत सफल हो रही है। दो साल के अंदर दिल्ली में इतने बड़े स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे जा रहे हैं। कल (18 अक्टूबर) हमने यूनिक मॉडल पर जो ई-चार्जिंग स्टेशन चालू किया, इसमें गाड़ियां व स्कूटर चलाने की कीमत बहुत नाम मात्र हो गई है। आप 7 पैसे प्रति किलोमीटर कीमत पर स्कूटर और 8 पैसे प्रति किलोमीटर पर ऑटो और 33 पैसे प्रति किलोमीटर पर कार चला सकते हैं। इस तरह का मॉडल पूरी दुनिया में कहीं नहीं देखा गया है। आज पूरी दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे का बहुत बड़ा नेटवर्क है। कहा जा रहा है कि दिल्ली ने पूरी दुनिया में विकसित देशों को भी पीछे छोड़ दिया है। न्यूयार्क, वाशिंगटन, लंदन, टोक्यो के अंदर भी सीसीटीवी का इतना घना नेटवर्क नहीं है, जितना दिल्ली के अंदर है। इसका डिजाइन भी डीडीसी ने किया था।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में जितने भी डॉर्क स्पॉट थे, जहां रात में अंधेरा होता था। वहां हम लोगों ने स्ट्रीट लाइट लगाना चाहते थे। कई जगह खम्भा लगाने के लिए जगह नहीं थी। इसी तरह कई और दिक्कतें थीं। एक नया मॉडल लाए कि हम लोगों के घरों के उपर स्ट्रीट लाइट लगाएंगे और उनके घर से ही बिजली का कनेक्शन लेंगे और बिजली का पूरा खर्चा उनको वापस कर देंगे। इसके बाद पूरी दिल्ली के अंदर स्ट्रीट लाइट का बहुत बड़ा नेटवर्क बन गया है। इस मॉडल को भी डीडीसी ने लागू किया। डीडीसी ने हेल्थ इंफार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम को डिजाइन किया है, जो अभी लागू हो रहा है। डीडीसी ने पिछले 7 साल में बहुत ही शानदार काम किया है। मैं प्रार्थना करता हूं कि वो आगे भी इसी तरह से सरकार और देश के लोगों की सेवा करते रहे।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘7 साल पहले हमने डीडीसी का गठन किया था। दिल्ली सरकार की योजनाएं अक्सर सफल होती हैं और उसका बड़ा श्रेय डीडीसी को जाता है। डीडीसी 3 स्टेज पर काम करता है- प्रोजेक्ट डिज़ाइन, योजना बनने के बाद उस पर नज़र रखना और फिर कमियों के आधार पर उसे ठीक करना।’’

मुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘पिछले 7 साल में डीडीसीडी ने दिल्ली के विकास की दिशा में अभूतपूर्व और शानदार काम करके दिखाया है। सात साल में डीडीसीडी ने 70 से ज्यादा शानदार प्रोजेक्ट किए हैं। जिसमें प्रमुख हैं- ईवी पॉलिसी, डोरस्टेप डिलीवरी, सीसीटीवी, स्ट्रीट लाइट्स, हेल्थ इंफार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम, रोजगार पोर्टल से 10 लाख नौकरियां, राशन के लिए ई-कूपन, कोविड में कैट्स एंबुलेंस का टाइम 55 से 18 मिनट करना।’’

वहीं, डीडीसी के वाइस चेयरमैन जस्मिन शाह ने ट्वीट कर कहा, ‘‘हमारे डीडीसी दिल्ली के चेयरपर्सन और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के प्रेरित नेतृत्व से हमें बहुत ज्यादा प्रेरणा मिलती है। पिछले 7 वर्षों में डीडीसी का एक ऐसी संस्था के रूप में उदय हुआ है, जो दिल्ली की सबसे जटिल नीतिगत चुनौतियों का समाधान ढूंढ सकती है और उन्हें वास्तविकता में बदल सकती है।

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज डीडीसी दिल्ली के 7 साल पूरे होने पर एक रिपोर्ट का अनावरण किया। यह रिपोर्ट एक अभूतपूर्व विंडो प्रदान करती है कि कैसे डीडीसी ने पिछले 7 वर्षों में दिल्ली के सामने आने वाली महत्वपूर्ण नीतिगत समस्याओं को हल करने के लिए लगभग 70 शासन इनोवेशंस लागू किए।


डीडीसीडी की 7 साल की रिपोर्ट की खास बातें

दिल्ली का संवाद और विकास आयोग (डीडीसी) दिल्ली सरकार का थिंक-टैंक है, जो सरकार को दिल्ली के सामने आने वाली महत्वपूर्ण विकास चुनौतियों का स्थाई, जन केंद्रित समाधान खोजने की सलाह देता है।

डीडीसी निम्नलिखित चार व्यापक कार्य करता है-1. नीति डिजाइन 2. समर्थन नीति कार्यान्वयन 3. सहभागी शासन को बढ़ावा देना 4. निगरानी, मूल्यांकन और सीखना।

डीडीसी का कार्य निम्नलिखित छह क्षेत्रों के आसपास होता है- 1. सामाजिक क्षेत्र 2. परिवहन और बुनियादी ढांचा 3. पर्यावरण 4. अर्थव्यवस्था 5. शासन 6. निगरानी, मूल्यांकन और सीखना

सोशल सेक्टर-

  • सामाजिक क्षेत्र में डीडीसी ने उन्नत क्लाउड-आधारित स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली (एचआईएमएस) तैयार किया। जिसमें रोगी के अनुभव को बेहतर बनाने, स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की दक्षता बढ़ाने और डेटा और तथ्य आधारित निर्णय लेने में डिजिटाइज़ रूप से सक्षम बनाता है। इस परियोजना में एक क्यूआर आधारित स्वास्थ्य ई-कार्ड संपूर्ण चिकित्सा रिकॉर्ड रखता है। लोग डिजिटल रूप से अपॉइंटमेंट बुक करने में सक्षम होंगे और एचआईएमएस सिस्टम से जुड़े किसी भी क्लिनिक/अस्पताल में इलाज करा सकेंगे।
  • डीडीसी ने दिल्ली सरकार के निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड (सीडब्लूडब्लूबी) में प्रक्रियाओं को पुनर्जीवित किया। इसमें डिजिटलीकरण कर पहली कोविड लहर के दौरान 39 हज़ार के कल्याण कर्मियों को कल्याणकारी लाभ प्रदान किए। जिसमें 32 सौ करोड़ का एक कॉर्पस फंड था। यह भी सुनिश्चित किया कि अधिकतम पात्र लाभार्थी उपलब्ध कॉर्पस फंड के माध्यम से लाभ उठा सकें। इससे सितंबर 2022 तक 2 वर्षों में कुल पंजीकृत श्रमिकों की संख्या 12.5 लाख हो गई। वही ई-श्रम पोर्टल में पंजीकृत श्रमिकों की राशि 32.5 लाख और निधि के तहत कुल संवितरण राशि 700 करोड़ रुपया है। इसके साथ ही स्ट्रीट वेंडर नियमों का डिजाइन और कार्यान्वयन किया। जिसमें स्ट्रीट वेंडिंग दिल्ली की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण रहा है और यह ग्रामीण क्षेत्रों और अन्य राज्यों से लाखों प्रवासी लोगों को आजीविका प्रदान किया है।डीडीसी ने अनुसंधान में वैश्विक सर्वाेत्तम प्रथाओं के विश्लेषण और नीतिगत सुधारों की सिफारिश के माध्यम से शहरी विकास विभाग का समर्थन किया। जिसकी वजह से अब तक 28 टाउन वेंडिंग कमेटी का गठन किया गया है। जिन्हें वेंडिंग और नॉन-वेंडिंग जोन का सीमांकन और स्ट्रीट वेंडिंग प्लान तैयार करने का काम सौंपा गया है।

ट्रांसपोर्ट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर-

फेसलेस परिवहन सेवाएं

1- इसके साथ ही डीडीसी ने दी जाने वाली सभी परिवहन सेवाओं का अध्ययन कर 33 आरटीओ सेवाओं को पूरी तरह से फेसलेस बनाने की सिफारिश की। इस योजना का उद्देश्य लम्बित, बिचौलियों के हस्तक्षेप, अत्यधिक समय की खपत को समाप्त करना और सार्वजनिक सेवा वितरण में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। अगस्त 2021 तक, लगभग 2.2 मिलियन आवेदन प्राप्त हुए हैं और कुल पेंडेंसी लगातार 2ः से कम रही है।

  1. दिल्ली स्ट्रीट इंफ्रास्ट्रक्चर- सीसीटीवी, वाईफाई, स्ट्रीटलाइट्स
  • परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य लोगों और आरडब्ल्यूए को शामिल करते हुए सड़क के बुनियादी ढांचे को स्थापित करने का एक विकेन्द्रीकृत मॉडल तैयार करना है ताकि निवासियों की सुरक्षा में सुधार हो सके। साथ ही कनेक्टिविटी बेहतर हो।
  • परियोजना को लागू करने के लिए डीडीसी ने लोक निर्माण विभाग की अवधारणा, डिजाइन और सहायता करने में अहम भूमिका निभाई है।
  • दिल्ली में अब तक 2.75,000 सीसीटीवी कैमरे, 11 हजार वाईफाई हॉटस्पॉट और सभी डार्क स्पॉट को कवर करने वाली 1,17,000 स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं।
  1. दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति 2020
  • दिल्ली के कुल वायु प्रदूषण में वाहनों से होने वाला प्रदूषण 22-26 फीसद है। दिल्ली ईवी पॉलिसी का लक्ष्य दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों को बड़े पैमाने पर अपनाने के लिए लोगों को प्रेरित करना है।
  • डीडीसी ने दिल्ली ईवी पॉलिसी 2020 के लिए रिसर्च, स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन और पॉलिसी मसौदा तैयार करने में अहम भूमिका निभाई है। डीडीसी द्वारा पॉलिसी इम्प्लीमेंटेशन में परिवहन और बिजली विभागों का समर्थन किया जा रहा है।
  • साल 2019-20 में 1.2ः की बेसलाइन से दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी मार्च 2022 में तेजी से बढ़कर 12.5ः हो हुई है। केवल 2 वर्षों में, दिल्ली ईवी पॉलिसी ने 2900 से अधिक ईवी चार्जिंग पॉइंट स्थापित किए, जोकि भारत में सबसे ज्यादा है।

पर्यावरण

  1. ग्रीन दिल्ली मोबाइल ऐप
  • डीडीसी ने पर्यावरण विभाग को दिल्ली में सभी एजेंसियों में वायु प्रदूषण से जुड़ी सभी शिकायतों के लिए एकीकृत शिकायत निवारण मोबाइल ऐप के डिजाइन और डेवलपमेंट के लिए सलाह दी थी।
  • ऐप ने प्रभावी संचार और समाधान सुनिश्चित करने के लिए पहली बार दिल्ली की 27 नागरिक एजेंसियों को एक मंच पर लाया।
  • इसके ज़रिये अप्रैल 2022 तक कुल 42,147 शिकायतें मिलीं और 39,438 का समाधान किया गया, जबकि सभी शिकायतों की जीआईएस मैपिंग से पता चला कि शहर के हर हिस्से से उल्लंघन की सूचना मिली।
  1. बैटरी वेस्ट री-साइक्लिंग गाइडलाइन-
  • दिल्ली ईवी पॉलिसी 2020 के लॉन्च के बाद, वैज्ञानिक निपटान और बैटरियों के पुनर्चक्रण की समस्या बहुत जल्द बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में डीडीसी ने बैटरी कचरे के पुनर्चक्रण को नियंत्रित करने वाली मौजूदा नीतियों की समीक्षा की और श्एंड-ऑफ-लाइफश् ईवी बैटरियों के पुनर्चक्रण के लिए मॉडल दिशानिर्देश तैयार किए हैं।
  • डीडीसी ने रिकमेंड किया कि निर्माता उत्तरदायित्व संगठनों (एकाधिक उत्पादकों की ओर से) को आख़िर तक बैटरी कलेक्शन सेंटर स्थापित करने की ज़रूरत है। ईवी डीलरों को भी उत्पादकों की ओर से सिस्टम वापस लेना ज़रूरी है।

3- वायु प्रदूषण का वास्तविक समय स्रोत विभाजन

  • वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली में वायु के प्रदूषकों को वास्तविक समय के आधार पर समझना जरुरी है।
  • डीडीसी ने आईआईटी कानपुर, ज्म्त्प् और आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों की एक टीम को शामिल किया, ताकि डीपीसीसी को वायु-प्रदूषण के रियल-टाइम सोर्स अपॉइंटमेंट के लिए दिल्ली के पहले सिस्टम को स्थापित करने में मदद मिल सके।
  • इसका उद्देश्य विभिन्न प्रदूषण स्रोतों के वास्तविक समय के प्रभाव और कई स्थानों पर एयर क्वॉलिटी व एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के आवधिक पूर्वानुमान को समझना है।

अर्थव्यवस्था

  1. रोजगार बजट

-मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2047 तक दिल्ली के लोगों की प्रति व्यक्ति आय को सिंगापुर की प्रति व्यक्ति आय तक बढ़ाने का विजन रखा है।
-डीडीसी ने दिल्ली की अर्थव्यवस्था की व्यापक समझ और 150 से ज्यादा स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन, फ़ील्ड विजिट और इंटरव्यूज़ के माध्यम से प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की है।

  • विकास और रोजगार के सृजन को बढ़ावा देने के लिए 10 प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की गई। इसके बाद दिल्ली सरकार के 2022-23 के बजट सत्र में पेश किए गए रोज़गार बजट में शामिल किया गया था।
  1. दिल्ली बाजार

-डीडीसी ने श्दिल्ली बाजारश् की अवधारणा तैयार की। इसके साथ ही ग्लोबल बेंचमार्किंग एक्सरसाइज़ में उद्योग विभाग की सहायता की और इस पहल के लिए एक स्ट्रेटर्जिक रोडमैप तैयार किया।

  • 5 लाख विक्रेताओं को पंजीकृत करने के लक्ष्य के साथ, श्दिल्ली बाजारश् पोर्टल दिल्ली का अपना ई-मार्केटप्लेस होगा, जो दिल्ली के स्थानीय विक्रेताओं को अपने अनूठे उत्पादों और सेवाओं के लिए दुनिया भर के बड़े ग्राहकों तक पहुंचने में मदद करेगा।
    -परियोजना की मुख्य विशेषताएं सेलर ऑनबोर्डिंग, वर्चुअल मार्केट टूर, एडवांस्ड सर्च कैपेबिलिटी, लेनदेन की पूर्ति आदि हैं।
  1. रोज़गार बाज़ार
  • जुलाई 2020 में जब कोविड महामारी चरम पर थी तो उस दौरान दिल्ली सरकार ने कोविड-19 महामारी के चलते प्रभावित रोज़गार खोजने वाले लोगों और एम्प्लायर को सपोर्ट करने के लिए अपना रोजगार लिंकेज प्लेटफॉर्म रोज़गार बाज़ार लॉन्च किया था।
  • डीडीसी ने पोर्टल का डिजाइन और डेवलपमेंट देखा और रोजगार विभाग को प्लेटफॉर्म के संचालन और रोजगार बाजार के लिए जन जागरूकता अभियान चलाने में मदद की।
  • अब तक, रोजगार बाजार में 10 लाख से ज़्यादा रोजगार सृजित किए गए हैं, जिसमें 15 लाख से अधिक यूनिक रजिस्टर्ड नौकरी चाहने वाले 19,000 से अधिक इम्प्लॉयर्स के साथ मेल खाते हैं।

दिल्ली सरकार की शासन प्रणाली

  1. सार्वजनिक सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी
  • सार्वजनिक सेवाओं की डोरस्टेप डिलीवरी योजना के तहत लोगों को घर बैठे 100 सार्वजनिक सेवाओं का लाभ मिलता है। उन्हें सरकारी कार्यालयों में लंबी कतार, गलत जानकारी, बिचौलियों की परेशानी से निजात मिलती है।
  • डीडीसी ने शासन प्रणाली में परिवर्तनकारी सुधार की अवधारणा और रूपरेखा तैयार की। इस तरह की पहलों के कार्यान्वयन और शिकायत निवारण में डीडीसी लगातार मदद कर रहा है।

इस योजना की 2019 में स्थापना के बाद सितंबर 2022 तक 20 लाख से अधिक कॉल आयीं हैं और 4.30 लाख के सेवा अनुरोध पूरे हुए हैं। इनमें से करीब 3.60 लाभार्थियों को सफलतापूर्वक सेवा प्रदान की है।

  1. दिल्ली@2047
  • दिल्ली सरकार की एजेंसी डीडीसी ने 2047 तक दिल्ली को दुनिया का नंबर एक शहर बनाने का रोडमैप तैयार किया है। इसमें सहयोग करने के लिए निजी क्षेत्र और संगठनों के लिए एक मंच बनाया।
  • दिल्ली को नंबर एक शहर बनाने के लक्ष्य के साथ, डीडीसी ने दिल्ली@2047 की शुरुआत की। इसकी मेजबानी की। साथ ही इसको साकार करने के लिए कनेक्शन स्थापित किए।
  • दिल्ली@2047 प्लेटफॉर्म के माध्यम से, दिल्ली सरकार के कई प्रमुख कार्यक्रमों को वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है। इसमें स्कूल स्वास्थ्य क्लीनिक, सुरक्षित चौराहों के लिए टैक्टिकल रिडिजाइन आदि पहल शामिल हैं।
  1. सीएमयूएलएफ
  • चीफ मिनिस्टर अर्बन लीडर्स फेलोशिप (सीएमयूएलएफ) भारत भर के युवा नेताओं को दिल्ली सरकार के साथ काम करने और श्परिवर्तन करनेश् में मदद करने का अवसर प्रदान करती है।
  • डीडीसी ने सीएमयूएलएफ की कल्पना की है। भर्ती और चयन प्रक्रिया की शुरुआत की है। इंडक्शन ट्रेनिंग का आयोजन किया है। फेलोशिप असाइनमेंट आवंटित किया है। सीएम फेलो के 2 बैच के लिए सलाह दी है।

निगरानी, मूल्यांकन और सीखना

  1. आउटकम बजट
  • देश भर की राज्य सरकारों में दिल्ली का आउटकम बजट सबसे व्यापक निगरानी तंत्र है। यह बड़े पैमाने पर बजटीय आवंटन को मात्रात्मक आउटपुट और परिणाम तय करता है। जिससे सरकार के भीतर पारदर्शिता और जवाबदेही पैदा होती है।
  • डीडीसी ने दिल्ली सरकार के योजना विभाग को आउटकम बजट पहल के समग्र दृष्टिकोण को लेकर सलाह दी। विशेष रूप से निगरानी और आउटकम बजट डैशबोर्ड तैयार करने आदि को लेकर सलाह दी।
  • वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए कुल 1136 इंडिकेटर्स की मैपिंग की गई है। सरकार के 23 प्रमुख विभागों की योजनाओं में नियमित रूप से निगरानी की जा रही है।
  1. प्रमुख सरकारी योजनाओं की निगरानी
  • डीडीसी ने आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक, दिल्ली सरकार के अस्पतालों और 1031 हेल्पलाइन की हाई फ्रिक्वेंसी, फोन आधारित सर्वेक्षण तैयार किया। नागरिकों की प्रतिक्रिया के आधार पर हर सुविधा को एक रिपोर्ट कार्ड मिलता है।
  • सर्वेक्षण में 90 फीसदी से अधिक मरीज मोहल्ला क्लीनिकों की सेवाओं से संतुष्ट पाए गए
  • दिल्ली के 10 सरकारी अस्पतालों में किए गए सर्वे में 77 फीसदी मरीज संतुष्ट पाए गए।
  1. दिल्ली रोजगार सर्वेक्षण 2020
  • डीडीसी ने कोविड-19 की शुरुआत में रोजगार पर डेटा एकत्र करने और आजीविका पर कोविड के प्रभाव को समझने के लिए 9,900 घरों के सर्वेक्षण का डिजाइन और संचालन किया।
  • रोजगार सर्वेक्षण में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि कैसे महिलाएं, विशेष रूप से लॉकडाउन के बाद असमान रूप से प्रभावित हुईं।
  • थोक और खुदरा व्यापार, निर्माण और विनिर्माण क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुए।
  • इन परिणामों का उपयोग करते हुए दिल्ली सरकार ने महिलाओं के लिए 500 आंगनवाड़ियों में संसाधन केंद्र शुरू करने की पहल शुरू की।

कोविड-19 महामारी प्रबंधन

  1. सीएटीएस एम्बुलेंस प्रबंधन को सुव्यवस्थित करना
  • डीडीसी ने एंबुलेंस की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए केंद्रीकृत दुर्घटना, ट्रोमा सेवाओं और एकीकृत निजी एम्बुलेंस के कार्यों को सुव्यवस्थित और अनुकूलित किया।
  • मरीजों के लिए औसत एम्बुलेंस प्रतिक्रिया समय में 64 फीसदी का सुधार हुआ। दिल्ली में मई 2021 तक यह 55 मिनट (प्री-कोविड) से घटकर 18 मिनट हो गया।
  • अस्पतालों तक पहुंचाने के औसत समय में 40 फीसदी का सुधार हुआ, यानी यह 268 मिनट से घटकर 160 मिनट हो गया।
  1. राशन वितरण के लिए ई-कूपन
  • कोविड के दौरान डीडीसी ने राशन की कमी का सामना करने वाले उन लोगों के लिए एक सार्वजनिक खाद्य वितरण प्रणाली बनाई, जिनके पास राशन कार्ड नहीं थे।
  • डीडीसी ने पूरी तरह से डिजीटल आवेदन प्रक्रिया में उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस बनाया, जिसके माध्यम से लोग कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन किए बिना योजना का लाभ उठा सकते हैं।
  • इन दो वर्षों में सरलतापूर्वक संचालन के दौरान योजना ने 1 हजार से अधिक केंद्रों के माध्यम से लगभग 60 लाख लाभार्थियों को खाद्यान्न वितरित किया।
  1. कोविड हेल्पलाइन 1031
  • डीडीसी ने एक बेहतरीन विकेन्द्रीकृत कॉल हैंडलिंग तंत्र के माध्यम से लॉकडाउन के दौरान कोविड हेल्पलाइन प्रणाली का संचालन किया। जिसने एजेंटों को एक दूरस्थ सीआरएम के माध्यम से घर से काम करने की अनुमति दी।
  • प्रणाली को नए उपकरणों और प्रशिक्षण सत्रों के अनुकूल बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया था, ताकि महामारी के दौरान तेजी से बदलती चिंताओं को हेल्पलाइन के माध्यम से दूर किया जा सके।
  • हेल्पलाइन 1031 हर सवाल को समय पर जवाब देने में कामयाब रही। करीब 2 लाख से अधिक कॉल का जवाब दिया। इसके साथ औसत कॉल हैंडलिंग समय को घटाकर 3 मिनट किया गया।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments