Wednesday, November 20, 2024
Homeताजा खबरें11 एंटी स्मॉग गन से प्रदूषण पर वार करेगी दिल्ली नगर निगम

11 एंटी स्मॉग गन से प्रदूषण पर वार करेगी दिल्ली नगर निगम

  • दिल्ली नगर निगम ने वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए उठाए विभिन्न कदम
  • निगम ने धूल से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए तैनात की 11 एंटी स्मॉग गन
  • प्रदूषण के 13 हॉटस्पॉट पर बढ़ाई निगरानी,अन्य हितधारकों के साथ समन्वय के लिए क्षेत्रीय उपायुक्त को नियुक्त किया नोडल अधिकारी
  • निगम ने सड़कों की सफाई के लिए लगाई 52 एम.आर.एस.एम, धूल नियंत्रण के लिए वाटर स्प्रिंकलर से किया जा रहा है पानी का छिड़काव

नई दिल्ली, 23 सितंबर 2022 : दिल्ली नगर निगम ने वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए अपनी कमर कस ली है। वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए निगम ने विभिन्न कदम उठाए हैं। इस दिशा में कार्य करते हुए धूल से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिल्ली नगर निगम ने 11 एंटी स्मॉग गन तैनात की हैं। दो स्मॉग गन भलस्वा लैंडफिल साइट, तीन स्मॉग गन रानीखेड़ा, बुराड़ी एवं जहांगीर पुरी सी एवं डी प्लांट पर, एक स्मॉग गन ओखला लैंडफिल साइट पर, एक स्मॉग गन बक्करवाला सी एवं डी निस्तारण संयंत्र पर, एक स्मॉग गन गाजीपुर लैंडफिल साइट, एक स्मॉग गन शास्त्री नगर स्थित सी एवं डी संयंत्र पर एवं दो स्मॉग गन सिविक सेंटर स्थित निगम मुख्यालय पर स्थापित की गई हैं।

दिल्ली नगर निगम ने खुले में निर्माण एवं विध्वंस कचरे डालने की समस्या से निजात पाने के लिए अपने अधिकार क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर जगहें निर्दिष्ट की हैं जहां पर थोड़ी मात्रा में निर्माण एवं विध्वंस कचरा डाला जा सकता है। इन निर्दिष्ट स्थानों पर डाला गया निर्माण एवं विध्वंस कचरा निस्तारण स्थलों पर ले जाया जाएगा। अधिक मात्रा में निर्माण एवं विध्वंस कचरा उत्पादन करने वाले मलबे को सीधा बक्करवाला, रानीखेड़ा एवं शास्त्री पार्क स्थित निर्माण एवं विध्वंस कचरा निस्तारण संयंत्र में डालेंगे। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण सेल ने सी एवं डी वेब पोर्टल आरंभ किया है जहां पर 500 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में बन रही इमारतों का पंजीकरण निगम द्वारा सुनिश्चित किया जा रहा है। निगम द्वारा 500 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में हो रहे निर्माण योजना की अनुमति के समय ही भवन निर्माताओं को डीपीसीसी पोर्टल पर 
पंजीकरण हेतु निर्देश दिए जा रहे हैं।

दिल्ली नगर निगम इसके साथ साथ वायु प्रदूषण से निपटने के लिए और भी तरीके अपना रहा है जैसे कि सड़कों की सफाई करने एवं पानी का छिड़काव करने के लिए 52 एम.आर.एस.एम. लगाई गई हैं जोकि प्रतिदिन औसतन 1560 किलोमीटर सड़कों की सफाई कर रही हैं। इनकी निगरानी जीपीएस द्वारा की जा रही है। निगम के पास 252 वाटर स्प्रिंकलर हैं जिसमे से 80ः को धूल नियंत्रण के लिए लगाया गया हैं जो कि प्रतिदिन औसतन 1600 किलोमीटर में पानी का छिड़काव कर रहे हैं। हॉटस्पॉट पर कार्यरत स्प्रिंकलर दिन में दो बार पानी का छिड़काव कर रहे हैं। 
 
 दिल्ली नगर निगम के पास 13 प्रदूषण हॉटस्पॉट हैं, जो कि नरेला, बवाना, जहांगीरपुरी, मुंडका, वजीरपुर, रोहिणी, आर.के. पुरम, विवेक विहार, आनंद विहार, पंजाबी बाग, मायापुरी, द्वारका और ओखला में स्थित हैं। सभी 13 हॉटस्पॉट पर क्षेत्रीय उपायुक्तों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है जोकि प्रदूषण की रोकथाम के लिए अन्य हितधारकों जैसे डीडीए, पीडब्ल्यूडी,दिल्ली जल बोर्ड एवं दिल्ली पुलिस इत्यादि के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं। दिल्ली नगर निगम में 57,500 स्वच्छता सैनिक कार्यरत हैं। स्वच्छता सैनिकों द्वारा प्रतिदिन रिहायशी इलाकों में एक बार एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों/बाजारों में दो बार झाड़ू लगाई जा रही है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के आदेशानुसार दिल्ली नगर निगम एयर पॉल्यूशन एक्शन ग्रुप के साथ मिलकर बिखरे हुए स्त्रोत के माध्यम से वायु प्रदूषण की रोकथाम परियोजना को क्रियान्वित कर रहा है। दिल्ली नगर निगम 311 ऐप के माध्यम से वायु प्रदूषण से संबंधित शिकायतों का निवारण  कर रहा है।

दिल्ली नगर निगम, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा समय समय पर जारी निर्देशों का क्रियान्वन कर रहा है। पूर्ववर्ती तीनों निगमों के एकीकरण के पश्चात दिल्ली नगर निगम ने एनसीएपी, धूल नियंत्रण एवं प्रबंधन सेल के लिए क्रियान्वन समितियां गठित कर दी हैं। वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए निगम ने अपने अधिकार क्षेत्र में 10,5700 वृक्षारोपण किया है एवं 18,9337 झाड़ियां भी लगाई हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments