- दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने सिक्खों के 10वें गुरु गुरु गोबिन्द सिंह जी की 354वीं जन्म जंयती पर दिल्लीवासियों को शुभकामनाऐं दीं।
- दिल्ली के प्रत्येक परिवार के कम से कम एक युवा को सजग एवं जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए वृहत कांग्रेस परिवार में शामिल होना चाहिए।
नई दिल्ली : दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने सिक्खों के 10वें गुरु गुरु गोबिन्द सिंह जी की 354वीं जन्म जंयती पर दिल्लीवासियों को शुभकामनाऐं दीं। उन्होंने कहा कि गुरु गोबिन्द सिंह के जन्मदिन को उनकी जन्म स्थली पटना के ‘‘पटना हरमिन्दरजी साहिब गुरुद्वारे’’ सहित प्रकाश पूरब उत्सव को पूरी दुनिया में मनाया जाता है, और गुरु गोबिन्द सिंह खालसा पंथ के संस्थापक थे। उन्होंने कहा कि आज के समय में हमें गुरु गोबिन्द सिंह जी द्वारा दिखाऐ रास्तों, आदर्शों और जीवन मूल्यों पर चलकर उनके द्वारा समाज के हितों के कल्याण और न्याय के लिए किए गए संघर्ष से शिक्षा लेनी चाहिए।
चौ0 अनिल कुमार ने 10वें गुरु की जन्म जंयती के अवसर पर दिल्ली के प्रत्येक परिवार से अपने एक बच्चे को वृहत कांग्रेस परिवार के साथ जोड़ने का अनुरोध किया, यह मांग कांग्रेस पार्टी की राजनीतिक प्रसार बढ़ाने के लिए नही है बल्कि उन्हें समाज में बड़े पैमाने पर व्याप्त चिंताओं के प्रति एक सजग और जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए की गई है। उन्होंने यह बताया कि आज जो पार्टियां सत्तासीन है वह लोगों को साम्प्रदायिक और जातीवाद पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं और सत्तासीन तानाशाह तरीके से जनता की आवाज अलोकतांत्रित रुप से दबा रहे हैं।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा एक तानाशाह की मनमर्जी के कारण देश की संस्कृति और मूल्यों का पहले ही बलिदान किया जा चुका है, जिसके कारण एक राजनीतिक विचारधारा में भविष्य में युवा पीढी के लिए नुकसान दायक साबित होगा। उन्होंने कहा कि इसी लिए प्रत्येक दिल्लीवासी के युवा सदस्य को कांग्रेस परिवार के साथ जुड़ने के लिए अपील की जा रही है, कांग्रेस उन्हें नागरिकों की देखभाल करने, शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए काम करने, एक ऐसा समाज बनाने के लिए तैयार करेगी जो किसी विशेष धर्म, जाति/समुदाय से साम्प्रदायिकता से रहित समाज के समग्र भलाई के अत्याधिक काम कर सकें। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर देश के किसानों द्वारा मोदी सरकार द्वारा पारित तीनों काले कृषि कानूनों का विरोध कर रहे है, जिसको हृदयहीन सतारुढ नही सुन रही है और कुछ चुनिंदा कॉर्पोरेटों को कृषि उत्पादों को किसानों से सीधे खरीदकर उसकी कीमत तय करने की आजादी देने का अधिकार दे रही है।