- – एलजी विनय सक्सेना पर सबूतों के साथ भ्रष्टाचार के 3 बड़े गंभीर आरोप लगे हैं, लेकिन एलजी जांच करवाने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं हैं – उप राज्यपाल ने खादी ग्रामोद्योग का चेयरमैन रहते हुए ब्लैक मनी को व्हाइट करवाया, खादी इंडिया के लाउंज का काम अपनी बेटी को दिया और कारीगरों को गैर कानूनी तरीके से नगद में भुगतान किया -जन धन योजना के तहत पीएम मोदी जी ने लगभग सभी के अकाउंट खुलवा दिए, इसके बावजूद 4.55 लाख कारीगरों में 2.65 लाख कारीगरों को अकाउंट में पैसा नहीं भेजा- जिस मामले में सीबीआई ने डेढ़ साल पहले PE दर्ज की और अभी तक कुछ नहीं मिला, उसे उप राज्यपाल ने तीसरी बार सीबीआई को भेजा है – इस मामले में एक भी बस नहीं खरीदी गई है, एक भी रुपए की पेमेंट नहीं की गई है, ऐसे में भ्रष्टाचार संभव नहीं है – भारतीय जनता पार्टी पहले कहती रही कि बस नहीं खरीदी, जब से बसों के टेंडर दिए गए हैं तो भाजपा नहीं चाहती कि बस खरीदी जाएं : सौरभ भारद्वाज
नई दिल्ली, 11 सितंबर, 2022 : आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के उप राज्यपाल अपने भ्रष्टाचारों के आरोपों से ध्यान भटकाने के रोज नया नाटक करते हैं। पुराना मामला उठाकर दिल्ली सरकार पर हमला करते हैं। एलजी विनय सक्सेना पर सबूतों के साथ भ्रष्टाचार के 3 बड़े गंभीर आरोप लगे हैं। लेकिन एलजी जांच करवाने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं हैं। उप राज्यपाल ने खादी ग्रामोद्योग का चेयरमैन रहते हुए ब्लैक मनी को व्हाइट करवाया, खादी इंडिया के लाउंज का ठेका बेटी को दिया और कारीगरों को गैर कानूनी तरीके से नगद में भुगतान किया। जन धन योजना के तहत पीएम मोदी जी ने लगभग सभी के अकाउंट खुलवा दिए। इसके बावजूद 4.55 लाख कारीगरों में 2.65 लाख कारीगरों को अकाउंट में पैसा नहीं भेजा। उन्होंने कहा कि जिस मामले में सीबीआई ने डेढ़ साल पहले क्लीन चिट दे दी। उसे उप राज्यपाल ने तीसरी बार सीबीआई को भेजा है। इस मामले में एक भी बस नहीं खरीदी गई है। एक भी रुपए की पेमेंट नहीं की गई है। ऐसे में भ्रष्टाचार संभव नहीं है। भारतीय जनता पार्टी पहले कहती रही कि बस नहीं खरीदी, जब से बसों के टेंडर दिए गए हैं तो भाजपा नहीं चाहती कि बस खरीदी जाएं।
आम आदमी के विधायक और मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आज पार्टी कार्यालाय में महत्वपूर्ण प्रेसवार्ता को संबोधित किया। विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के उप राज्यपाल विनय सक्सेना रोज सुबह उठकर दिल्ली सरकार के खिलाफ कोई न कोई खबर मीडिया में दे रहे हैं। एलजी एक संवैधानिक दायित्व होता है लेकिन यह रोज कोई पुराना मामला उठाकर दिल्ली की चुनी हुई सरकार के ऊपर हमला करते हैं। विनय सक्सेना जी जब खादी उद्योग के चेयरमैन थे, उस समय उनके ऊपर तीन गंभीर आरोप लगे। जिसमें पहला नोटबंदी के समय अपने पुराने नोटों को नए नोटों में बदलावाया। इसके बारे में उनके ही खादी ग्राम उद्योग के हेड कैशियर का लिखित बयान है कि विनय सक्सेना जी के दबाव में पुराने नोटों को बदला गया। इस पर हमने कहा आप जांच कराइए तो वह जांच कराने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं हुए। दूसरा आरोप लगा कि विनय सक्सेना जी ने खादी ग्राम उद्योग के चेयरमैन रहते मुंबई में खादी लाउंज बनाने का काम अपनी बेटी को दे दिया। हमने कहा कि इसमें कोई प्रोसीजर तो फॉलो हुआ होगा। इसपर आप जांच करवाइए, लेकिन एलजी जांच करने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं हुए। उन्होंने एक बार भी नहीं कहा कि मेरी जांच करा लीजिए, मुझे कोई दिक्कत नहीं है। वह जांच से भाग रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दो-तीन दिन पहले सांसद संजय सिंह जी ने पटना हाई कोर्ट का एक आर्डर दिखाकर बहुत गंभीर आरोप लगाया क्ष। हाईकोर्ट ने खादी ग्राम उद्योग को ऑर्डर दिया कि आप जितने भी खादी ग्राम उद्योग के कारीगर हैं, उनको बैंक अकाउंट में सीधे पैसा दीजिए। प्रधानमंत्री मोदी जी ने बैंक अकाउंट में सीधा पैसा देने की कवायद शुरू की। वह खुद कहते हैं पैसा कैश में दिया जाता है तो इसका मतलब उसके अंदर लूट होती है। हमें लगा की पीएम मोदी ने जन धन योजना बनाकर हिंदुस्तान में सबके बैंक अकाउंट बना दिए थे। उसके बावजूद 4.55 लाख कारीगरों में से मात्र 1.95 लाख कारीगरों को आपने अकाउंट से पेमेंट की। इसके अलावा बाकी लाखों कारीगरों को कैश में भुगतान करने के निर्देश दिए। इस पेमेंट के ऊपर बहुत सवाल खड़े होते हैं कि किसी को दिया या नहीं दिया और कोई कारीगर था या नहीं था। इसपर करोड़ों का हेराफेरी का आरोप है। इसपर भी एलजी ने नहीं कहा कि मैं जांच के लिए तैयार हूं।
विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अपने ऊपर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपों से बचने के लिए एलजी रोज नए-नए नाटक कर रहे हैं। इन्होंने अभी जो मामला बताया है। इसके अंदर डेढ़ साल पहले सीबीआई पीई दर्ज कर चुकी है। जिसमें सीबीआई को कुछ नहीं मिला है। इसको दोबारा उठाकर तीन हफ्ते पहले सीबीआई को भेज दिया। इन्होंने कल तीसरी बार सीबीआई को भेज दिया। आपको इसकी समझ है या नहीं है। इस मामले के अंदर एक भी बस नहीं खरीदी गई। एक भी रुपए की पेमेंट नहीं की गई। इसके अंदर टेंडर प्रक्रिया की जांच हुई और सरकार ने कहा जब तक जांच होगी, तब तक टेंडर प्रोसेस को रोक दिया जाएगा। हम एक बस नहीं खरीदेंगे। आप पूरी इंक्वायरी करके बता दो कि गड़बड़ी है या नहीं है। अगर गड़बड़ी नहीं है तो बस खरीदना भी जरुरी है।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी वाले ही बस नहीं खरीदने को लेकर शोर मचाते हैं। लेकिन जब-जब बस के लिए टेंडर किए गए हैं, भारतीय जनता पार्टी ने उसकी शिकायत की है। यह नहीं चाहते है कि बस खरीदी जाएं। अगर भ्रष्टाचार हुआ है तो वह बता दीजिए, ताकि प्रोसेस खत्म करके नई प्रक्रिया शुरू कर दें। अगर उसके अंदर भ्रष्टाचार नहीं हुआ तो उस प्रोसेस को आगे बढाएं। दो साल से ज्यादा हो गया हमने प्रक्रिया को तभी से रोका हुआ है। एक बस नहीं खरीदी गई। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। एलजी कोई प्राइवेट आदमी नहीं है वह एक संवैधानिक पद पर बैठे हुए हैं।
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एक इक्षईमानदार आदमी के उपर आरोप लगता है तो वह कहता कि जांच कर लो। आज मैं भी आपके सामने सीबीआई जांच को रूकवान के लिए नहीं आया हूं। मैं आपको यह बता रहा हूं कि इसके अंदर सीबीआई डेढ़ साल पहले पीई दर्ज कर चुकी है। सीबीआई जांच करें, कुछ नया निकलता तो और जांच करें। हम जांच से नहीं भागने वाले हैं। एलजी विनय सक्सेना जी भाग रहे हैं, वह जेल में डालने की धमकी और मानहानी के केस दर्ज कराने की धमकी देकर डरा रहे हैं, और इंक्वायरी नहीं करने दे रहे है। एक सांसद, विधायक और विधानसभा तक ने आपके ऊपर आरोप लगाया गया है। आप जांच के लिए क्यों नहीं तैयार हैं। एलजी सिर्फ अपने भ्रष्टाचार के आरोप से ध्यान भटकाने के रोज नया नाटक करते हैं। यह नहीं पता कि वह फाइल पढ़ते भी हैं या नहीं पढ़ते हैं। ऐसा हो नहीं सकता की एक मामला जिसमें डेढ़ साल पहले पीई दर्ज है। उसे दोबारा और तीसरी बार सीबीआई को दे दिया। ऐसे तो यह कल फिर से दे देंगे। फिर कहेंगे टीवी पर इसको चलाओ।
उन्होंने कहा कि मुझे एक वाकया याद आता है। एक विभाग में टॉप पर नए अधिकारी आए तो हवा चलाई गई कि ऑफिसर साहब बहुत स्ट्रिक्ट है। ऑफिसर ने छोटी-छोटी बातों पर लोगों को सस्पेंड करना शुरू कर दिया। किसी डिपार्टमेंट में कुछ गड़बड़ी हुई तो ऊपर से नीचे तक सभी को सस्पेंड कर दिया। वह कभी यहां सस्पेंशन कभी वहां सस्पेंशन करने लगे। लेकिन उसी ऑफिसर के ऊपर काफी भ्रष्टाचार के आरोप थे। यह सब देखकर नीचे वाले अफसर बड़े परेशान थे, कि बड़े बाबू जो आए हैं आखिर वह चाहते क्या हैं। सभी के ऊपर दबाव, सभी के ऊपर खौफ था। वह कोई ईमानदार आदमी भी नहीं है। काफी भ्रष्टाचार के आरोप लेकर घूम रहे हैं फिर भी यह चाहते क्या हैं। ऐसे में पता चला बड़े बाबू चाहते थे कि ठेकेदार डायरेक्ट संपर्क करें और परसेंटेज देना शुरू कर दें। सस्पेंड कर करके सभी ऑफिसर के पास यह मैसेज पहुंच गया, कि अगर यहां रहकर नौकरी करनी है तो ठेकेदारों को कहो कि सीधा ऊपर मिले और सीधी बातचीत करें।