Saturday, November 30, 2024
Homeताजा खबरेंहरदयाल लाइब्रेरी में पूर्व सचिव पूनम पाराशर ने किया था बड़ा घोटाला...

हरदयाल लाइब्रेरी में पूर्व सचिव पूनम पाराशर ने किया था बड़ा घोटाला :  डॉ शैली ओबरॉय

– मेयर ने अधिकारियों को जांच करने के दिए आदेश

– भाजपा नेता पूनम पराशर के खिलाफ गैर कानूनी तरीके से अपने बेटे को लाइब्रेरी में नौकरी पर रखने और पति को सदस्य बनाने की मिली शिकायत -डॉ शैली ओबरॉय
– पार्षद पद पर न रहने के बावजूद सरकारी गाड़ी और चेक साइन करने की अथॉरिटी का किया गलत इस्तेमाल- डॉ शैली ओबरॉय
– हरदयाल लाइब्रेरी के कर्मचारियों को निगम की आप सरकार ने पांच माह का वेतन दे दिया है, जल्द उनका पूरा वेतन दे दिया जाएगा- डॉ शैली ओबरॉय
– कमिश्नर को पत्र लिखकर घोटाले की जांच के निर्देश दिए गए हैं- डॉ शैली ओबरॉय

नई दिल्ली, 13 मार्च, 2024

दिल्ली की मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने आज सिविक सेंटर में हरदयाल म्युनिसिपल लाइब्रेरी के संबंध में महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया। दिल्ली की मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने कहा कि दिल्ली नगर निगम की हरदयाल लाइब्रेरी 160 साल पुरानी हेरिटेज लाइब्रेरी है। जिसकी शुरुआत 1862 में हुई थी। इस ऐतिहासिक लाइब्रेरी में दिल्ली ही नहीं बल्कि देश भर से छात्र पढ़ने आते हैं। यह लाइब्रेरी किताबों की एक धरोहर है। इसकी मुख्यालय को मिलाकर जिसकी कुल 33 ब्रांच है।उन्होंने बताया कि हरदयाल लाइब्रेरी को चलाने की ज़िम्मेदारी मैनेजमेंट कमेटी की होती है जिसमें छह सदस्य होते हैं। इसके अलावा तीन पद ज मैनेजमेंट कमेटी में होते हैं। इसका मेयर चेयरमैन होता है। इसके अलावा एक-एक सेक्रेटरी व जॉइंट सेक्रेटरी भी होता है।

मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने बताया कि आम आदमी पार्टी की सरकार नगर निगम में आने से पहले भारतीय जनता पार्टी की सरकार 15 साल तक निगम में थी। हम लोगों के आने से पहले भारतीय जनता पार्टी की पार्षद पूनम पराशर 2021-22 में लाइब्रेरी की सेक्रेटरी रहीं। हरदयाल लाइब्रेरी के कर्मचारी 2021-22 से लेकर 2023 तक अपनी सैलरी के लिए धरने पर बैठे रहे। हमारी सरकार आने से पहले भी हमने उनको आश्वासन दिया था कि आम आदमी पार्टी की सरकार आएगी तो इनकी हर समस्या का समाधान होगा। हम लोगों ने कर्मचारियों से काफ़ी बार जाकर मुलाक़ात की और  इनका धरना ख़त्म करवाया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के निर्देशानुसार हमने आश्वासन दिया की जल्द वेतन दिया जाएगा।

मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने बताया कि पूनम पराशर 2017 से 2022 तक भारतीय जनता पार्टी की पार्षद रही। मैं आपको बताना चाहूंगी कि कैसे भारतीय जनता पार्टी के पार्षद, नेता कितना कर्मचारियों के हितों में काम करने का ढोंग करते आए हैं। 2021 और 2022 में जब पूनम पाराशर लाइब्रेरी की सेक्रेटरी रहीं तो 33 ब्रांचों को चलाने की इनकी जिम्मेदारी थी। उस समय एक साल के दौरान नॉर्थ एमसीडी द्वारा 50 लाख का ग्रांट इनको दिया गया। साउथ एमसीडी द्वारा लाइब्रेरी के लिए एक करोड़ रुपये का ग्रांट दिया गया। ईस्ट एमसीडी की लाइब्रेरी के लिए 35 लाख रुपये का ग्रांट दिया गया। एमसीडी की सिर्फ़  सेक्रेटरी को ग्रांट देना ही जिम्मेदारी है। उस ग्रांट को कैसे उपयोग करना है यह जिम्मेदारी सेक्रेटरी की रहती है। मैनेजमेंट कमेटी के पास पूरी पावर इस लाइब्रेरी को चलाने की रहती है। दो शिकायत पूनम पराशर के खिलाफ डाक के माध्यम से मेयर के दफ़्तर में आई हैं। इन शिकायतों के बात अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए हैं।

मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने बताया की पहली शिकायत यह है कि इस लाइब्रेरी में पूनम पराशर जी ने अपने बेटे को असिस्टेंट केयरटेकर का पद दिलवाया, जिसमें 35 हजार रुपये प्रतिमाह का वेतन दिया गया जो कि पूरी तरह गैर कानूनी है। दूसरा पूनम पराशर जी ने अपने पति को इस लाइब्रेरी का सब्सक्राइबर बनाया जो भी पूरी तरह गैरकानूनी है। अपने पावर और पद का दुरुपयोग करके जो कर्मचारी लाइब्रेरी में काम करते थे उनसे अपने घर के काम करवाये। कर्मचारियों से भी पूछ सकते हैं। तीसरी शिकायत है कि पूरे एक साल तक बिजली का बिल नहीं भरा गया।

उन्होंने कहा कि अगर नगर निगम द्वारा ग्रांट दी गई हैं तो एक साल तक बिजली का बिल क्यों नहीं भरा गया। छह महीने तक पूरी लाइब्रेरी अंधेरे में रही। बच्चों को पढ़ने में असुविधा हुई। अब माननीय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के आदेशानुसार 5.50 लाख रुपये का बिजली का बिल ग्रांट मिलने के बाद हम लोगों ने भरकर वहां बिजली चालू करवाई। एक शिकायत ग्रांट के दुरुपयोग से संबंधित है। यह भी कहा गया है कि बड़ी संख्या में किताबें खरीदी गईं, जिसका पुख़्ता सबूत पूनम पराशर जी नहीं दे पाई। इसके अलावा ग्रांट से कर्मचारियों को जो पूरी सैलरी देनी चाहिए थी इस ग्रांट से वो कई महीनों तक नहीं दी गई।

मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने कहा कि पूनम पाराशर की जिम्मेदारी 2021-22 तक थी। उसके बाद स्पेशल ऑफ़िसर ने नगर निगम को चलाया। उसके बावजूद पूनम 2023 तक ख़ुद को हरदयाल लाइब्रेरी का सेक्रेटरी मानती रही, जो की पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी था। मैनेजमेंट कमेटी के जितने भी सदस्य होते हैं वो पार्षद होते हैं। सेक्रेटरी भी पार्षद होना चाहिए और जॉइंट सेक्रेटरी भी पार्षद होना चाहिए। जब उनका कार्यकाल 2022 में कार्यकाल ख़त्म हो गया और वह पार्षद ही नहीं रहीं। इसके बावजूद 2023 तक ख़ुद को पार्षद मानती रहीं। उन्होंने गाड़ी और चेक बुक साइन करने की अथॉरिटी का मिस यूज़ किया।

उन्होंने कहा कि यह शिकायत डाक से मेरे ऑफिस में आयी है‌। इसमें साफ शब्दों में सीबीआई इंक्वायरी की मांग की गई हैं। हम हरदयाल लाइब्रेरी को बचाना चाहते हैं। कर्मचारियों के हितों के बारे में सोचना चाहते हैं। आम आदमी पार्टी की प्राथमिकता हमेशा शिक्षा रही है, ऐसी लाइब्रेरी जहां पर बच्चे आकर यूपीएससी आदि परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। इसके बाद आईएएस- आईपीएस ऑफिसर बनते हैं। ऐसी लाइब्रेरी और कर्मचारियों के बारे में सोचते हुए अधिकारियों को आदेश देती हूं कि इस पर जांच बिठाई जाए। इस संबंध में कमिश्नर को पत्र लिखा गया है। इसके माध्यम से घोटाले की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।

मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने कहा कि हमने उन कर्मचारियों की आंखों में आंसू देखे हैं। एक कर्मचारी अपनी बेटी की शादी के लिए भी हमारे पैरों तक में गिर गई। मुझे लगता है भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने कहीं न कहीं उन्हें तड़पाया है। इस बार लगभग दो करोड़ रुपये की जो ग्रांट मिली है, उनमें से पांच माह की सैलरी दी है। मैं कर्मचारियों को आश्वासन देती हूं कि अगले वित्तीय वर्ष में जो ग्रांट मिलेगी, उससे उनका पूरा वेतन दे दिया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी के नेता को जो समाज सेवा, कर्मचारियों के हितों के बारे में नहीं सोचते, उनके ऊपर जांच होनी चाहिए।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments