- कोरोनाकाल में भी शिक्षकों को वेतन नहीं दे पाना दिल्ली सरकार की सबसे बड़ी नाकामी है, सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करनी आती है
- केजरीवाल सरकार की इस नाकामी के चलते विश्व प्रतिष्ठित दिल्ली यूनिवर्सिटी की साख पर भी बट्टा लग रहा है
- दिल्ली में शिक्षा का ऐसा मॉडल भी दुनिया में कहीं देखने को नहीं मिलता होगा, जहां शिक्षकों को वेतन के लिए गिड़गिड़ाना पड़ता हो
- शिक्षकों की समस्याओं को सुनने की बजाय उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया कॉलेजों पर ही आरोप लगा रहे है
नई दिल्ली : दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने आज केजरीवाल के शिक्षा मॉडल पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करना जानती है। जबकि वह दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित कॉलेजों को फंड तक नहीं दे पा रही है, जिससे कि कई महीनों से शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का ऐसा मॉडल सिर्फ दिल्ली में ही देखने मिल रहा है जहां विश्व प्रतिष्ठित दिल्ली यूनिवर्सिटी के शिक्षकों को पढ़ाने के बजाय अपने वेतन के लिए गिड़गिड़ाना पड़ रहा है, जिससे दिल्ली यूनिवर्सिटी की छवि खराब हो रही है।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में देशभर से छात्र पढ़ने के लिए आते हैं और शिक्षकों की ऐसी हालत करके केजरीवाल सरकार उन छात्रों को क्या संदेश दे रही है? उन्होंने केजरीवाल सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि अगर वह कॉलेज को नहीं चला सकती तो अपना अधिकार छोड़ दे, हम चलाकर दिखाएंगे। गुप्ता ने कहा कि जो फंड छात्रों के लिए वह सिर्फ छात्रों पर ही खर्च किया जाना चाहिए। उस फंड का इस्तेमाल शिक्षकों को वेतन देने के लिए करना गलत होगा। यह दिखाता है कि केजरीवाल सरकार अपनी जिम्मेदारियों से बच रही है और छात्रों से उनका हक छीन रही है। एक तरफ तो मनीष सिसोदिया छात्रों के लिए बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, वहीं दूसरी ओर उन्हीं छात्रों के फंड का गलत इस्तेमाल करना चाहते हैं।
गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने लॉकडाउन के दौरान लोगों से अपील की थी कि कोई अपने कर्मचारियों को काम से न निकाले और उनके वेतन में कटौती भी न करें, लेकिन केजरीवाल सरकार ही स्वयं ऐसा कर रही है। कॉलेजों को फंड नहीं दिया जा रहा है, जिससे कि वहां काम करने वाले व अन्य स्टाफ को कई महीनों से वेतन नहीं मिला है। ऐसे में टीचर्स के लिए घर चलाना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने केजरीवाल सरकार से मांग की कि जल्द से जल्द कॉलेजों को उनके हिस्से का फंड जारी किया जाए।