- – उपराज्यपाल द्वारा दिल्लीवालों के हित में काम करने से केजरीवाल को अपने पोल खुलने का डर सताने लगा है – केजरीवाल सिर्फ झूठे प्रचार के भूखे हैं – मोहल्ला क्लीनिक में बेसिक दवाइयां तक उपलब्ध नहीं है लेकिन पोस्टर पर केजरीवाल का चेहरा जरूर चमकता है – केजरीवाल ने अपना चेहरा चमकाने के लिए मासूम बच्चों को भी बीच चौराहे पर धूल फाकने खड़ा करा दिया – केजरीवाल 2018 में भी अंग्रेजी सिखाने का झूठा प्रचार कर चुके हैं – दिल्ली का विकास धरातल की जगह सिर्फ होर्डिंग्स और पोस्टर में ही दिखाई देता है :आदेश गुप्ता
नई दिल्ली, 24 जुलाई। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार की पहल पर दिल्ली के प्रदूषण को कम करने के लिए शुरू किए गए वन महोत्सव योजना के समापन समारोह में केजरीवाल सिर्फ इसलिए नहीं आ सके क्योंकि कार्यक्रम के लिए लगे पोस्टर में उनका फोटो छोटा था। इस तस्वीर में वे बड़ा फ़ोटो चाहते थे। दिल्ली की जनता आज केजरीवाल से पूछना चाहती है कि क्या वे टेक्स इसलिए भरते हैं कि उनके टेक्स के पैसों से केजरीवाल अपना चेहरा चमका सके। गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल को अपना चेहरा चमकाने का सबसे ज्यादा शौक है। वह सिर्फ प्रचार के भूखे हैं और इसके कई उदाहरण आपको देखने को मिल जाएगा। प्रचार आधारित राजनीति करने वाले केजरीवाल अपना चेहरा चमकाने के चक्कर में इतना गिर चुके हैं कि जिन छोटे और मासूम हाथों में कलम होनी चाहिए उन हाथों में वे अपने नाम और मुस्कुराते चेहरे का होर्डिंग्स पकड़वाकर चौराहे पर धूल फाँकने के लिए खड़ा कर दिए।
आदेश गुप्ता ने कहा कि अपना चेहरा चमकाने के पीछे केजरीवाल की मानसिकता जगजाहिर हो चुकी हैं। आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने जिस तरह स्वयं धरातल पर उतरकर काम कर रहे हैं, उससे केजरीवाल को तकलीफ हो रही है। क्योंकि केजरीवाल ने दिल्ली की जनता सिर्फ वायदें और झूठी तसल्ली दिया है। उन्हें इस बात का डर सताने लगा है कि कही उपराज्यपाल के लोगों के बीच जाने से मेरी पोल न खुल जाए। आज केजरीवाल के चेहरा चमकाने का असर है कि दिल्ली के ऊपर साल 2015-2016 में जो कर्ज़ 32, 497 करोड़ रुपये था वह बढ़कर 2019-2020 में 34766 करोड़ रुपये हो चुका है और इस वित्तीय वर्ष इसमें और बढ़ोतरी हुई है।
आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल अपना चेहरा चमकाने का अलग-अलग बहाने ढूंढते रहते हैं। अब नया बहाना अंग्रेजी सिखाने को लेकर दिया है। आज स्पोकन इंग्लिश सिखाने के नाम पर दिल्ली में जगह-जगह होर्डिंग्स और प्रचार शुरू हो गए हैं, लेकिन केजरीवाल किसी को यह नहीं बता रहे हैं कि यही स्पोकेन इंग्लिश सिखाने का झांसा उन्होंने 20 मई 2018 में भी दिया था। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता को सिर्फ केजरीवाल गुमराह कर रहे हैं। क्योंकि 2018 में भी केजरीवाल सरकार दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी सिखाने का काम शुरू होने की बात कही थी और अब एक बार फिर से बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगवाकर वह अंग्रेजी सिखाने की बात कर रहे हैं। केजरीवाल या तो तब झूठ बोल रहे थे या अब झूठ बोल रहे हैं।
गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक के अंदर भले ही बेसिक दवाइयां न हो, डॉक्टर हो न हो लेकिन केजरीवाल और भ्रष्टाचारी सतेंद्र जैन का चमकते चेहरों की तस्वीर जरूर देखने को मिलेगी। मोहल्ला क्लीनिक भले ही बन्द हो चुके हैं लेकिन रेगुलर केजरीवाल के पोस्टर की पेंटिंग और होर्डिंग्स का बदलाव होता रहता है। इतना ही नहीं आज डीटीसी बस के पीछे लगे पोस्टर पर चेहरे भी बताते हैं कि जलती हुई बसों से ज्यादा ध्यान इस बात का दिया जा रहा है कि पोस्टर लगाए गए हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जहां विकास धरातल पर होना चाहिए वह विकास सिर्फ होर्डिंग्स और पोस्टर पर होते हैं।