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केजरीवाल ने पंजाब चुनाव शराब माफियाओं के सहयोग से लड़ा और उसमें पानी की तरह पैसे खर्च किया : आदेश गुप्ता

शराब बिक्री का दो गुना बढ़ना और राजस्व का कम होना केजरीवाल के भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा प्रमाण है- केजरीवाल ने शराब पर 329.89 रुपये प्रति बोतल मिलने वाले सरकारी राजस्व को घटाकर 8.32 रुपये करके खजाने को लूटने का काम किया-पुरानी शराब नीति में ठेकेदारों को प्रति बोतल 33.35 रुपये मिलता था जिसे केजरीवाल ने बढ़ाकर 363.27 रुपये प्रति बोतल क्यों कर दिया-केजरीवाल नई आबकारी नीति के प्रमुख दलाल विजय नायर को अपने संरक्षण में क्यों छुपा रखा है: आदेश गुप्ता

नई दिल्ली, 3 सितम्बर 2022 : प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने पंजाब चुनाव से ठीक पहले नई आबकारी नीति में बदलाव केवल राजनीतिक और आर्थिक लाभ के लिए किया था। इस बदलाव के कारण दिल्ली सरकार को जहां करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ वहीं शराब माफिया को करोड़ो का लाभ हुआ जिसमें से बड़ा हिस्सा केजरीवाल और सिसोदिया को भी मिला। एक संवाददाता सम्मेलन में गुप्ता ने कहा कि नीति में बदलाव से सरकार को 3000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ वहीं शराब माफिया से मिले हुए धन को पंजाब चुनाव में खर्च किया गया।

आदेश गुप्ता ने केजरीवाल पर भाजपा के सवालों से बचने का आरोप लगाते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल ने अपने राजनैतिक फायदें के लिए विधानसभा सत्र बुलाया जिसमें उन्होंने दिल्ली की समस्याओं पर चर्चा करने की बजाय सिर्फ अपनी सरकार की तारीफ में झूठे कसीदे पढ़े। श्री गुप्ता ने केजरीवाल सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि 2019-20 में जब पुरानी शराब नीति थी तो 132 लाख लीटर शराब प्रति माह की बिक्री हुई और सरकार का राजस्व 5068 करोड़ रुपये आया, लेकिन नई शराब नीति लागू होते ही शराब की बिक्री में दोगुना इजाफा हुआ यानि 245 लाख लीटर प्रतिमाह शराब की बिक्री हुई, लेकिन राजस्व घटकर 4465 करोड़ रुपये हो गया।

आदेश गुप्ता ने कहा कि राजस्व और बिक्री दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। इसलिए बिक्री का बढ़ना और राजस्व का कम होना केजरीवाल के भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा प्रमाण है। उन्होंने कहा कि पुरानी नीति में जिस शराब की बोतल पर सरकार की कमाई 329.89 रुपये होती थी वह नई आबकारी नीति लागू होते ही 8.32 रुपये हो गई। इतना ही नहीं पुरानी शराब की नीति में ठेकेदारों को एक शराब की बोतल पर 33.35 रुपये फायदा होता था वह नई आबकारी नीति में 363.27 रुपये हो गया। जबकि जनता को 30 रुपये अधिक नई आबकारी नीति में प्रति बोतल भूगतान करना पड़ा। ये सब दिल्ली के राजस्व को लूटने के लिए केजरीवाल सरकार का शराब माफियाओं पर मेहरबानी का नतीजा है। प्रेसवार्ता में प्रदेश भाजपा मीडिया रिलेशन विभाग के प्रभारी हरीश खुराना और प्रदेश मीडिया सह-प्रमुख हरिहर रघुवंशी भी मौजूद थे।

आदेश गुप्ता ने कहा कि नई आबकारी नीति में 245 लाख लीटर शराब की बिक्री हुई तो सरकार के खजाने में उससे 8060 करोड़ आना चाहिए, लेकिन घटकर 4465 करोड़ रुपये रह गया। इसलिए केजरीवाल और सिसोदिया इसका जवाब दें कि शराब माफियाओं पर मेहरबान होकर आखिर दिल्ली के खज़ाने को लूटने का काम क्यों किया। सरकारी खजाने में आने से टैक्स पेयर्स के पैसों से जनकल्याण के कई काम होते, लेकिन केजरीवाल ने शराब माफियाओं के कल्याण के लिए काम किया। आखिर केजरीवाल के पास ऐसी कौन सी मजबूरी हैं जो उन्होंने अभी तक अपने खासमखाम फरार दलाल विजय नायर को पेश नहीं कर पा रहे हैं। केजरीवाल को पता है कि विजय नायर उनकी सारे राज खोल देगा।

आदेश गुप्ता ने केजरीवाल से सवाल पूछते हुए कहा कि नई आबकारी नीति का समय पंजाब चुनाव से पहले क्यों चुना गया। इससे साफ है कि शराब माफियाओं के सहयोग से और उनके पैसे से केजरीवाल ने पंजाब चुनाव लड़ा और पंजाब के चुनाव में उनके पैसों का इस्तेमाल हुआ। उन्होंने कहा कि आखिर केजरीवाल भाजपा के सवालों से कब तक बचते रहेंगे। वे जब तक इन सवालों का जवाब नहीं दे देते तब तक भाजपा उनसे यह पूछती रहेगी।

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