– महापौर डॉ शैली ओबरॉय ने एमसीडी आयुक्त को लिखा पत्र – पिछले 15 सालों के भाजपा के शासन में व्यापारियों ने बहुत कुछ सहा – आयुक्त को दिए गए दो बार निर्देश – दिल्ली नगर निगम में सदन सर्वोपरि होता है
नई दिल्ली
दिल्ली नगर निगम के आयुक्त ज्ञानेश भारती को सील दुकानों को जल्द से जल्द डी-सील करने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए ताकि प्रभावित दुकानदारों को राहत मिल सके। इसके लिए हमने निगमायुक्त को पत्र लिखा है। दिल्ली नगर निगम की महापौर डॉ शैली ओबरॉय ने उपमहापौर आले मोहम्मद इकबाल के साथ निगम मुख्यालय सिविक सेंटर में मंगलवार को आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता में उक्त बातें कही। महापौर ने बताया कि इस पत्र के जरिए एमसीडी आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द सभी दुकानों को डी-सील करने की कार्रवाई शुरू की जाए। व्यापारियों की दुकानों को जल्द से जल्द डी-सील कर उनको राहत दी जाए। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का भी वादा है कि व्यापारियों के हित में काम करेंगे। हम इस वादे को पूरा करना चाहते हैं। अब नगर निगम की ज़िम्मेदारी है कि जल्द से जल्द हम इन दुकानों को भी डी-सील कर व्यापारियों को राहत दी जाए।
महापौर डॉ. ओबरॉय ने कहा कि एमसीडी में पिछले 15 सालों के भाजपा के शासन में व्यापारियों ने बहुत कुछ सहा है। पिछले 5-6 सालों से दिल्ली के व्यापारियों की दुकानें सील रही। दिल्ली में 9 अलग अलग मार्केट में व्यापारियों की दुकानें सील हो गईं थी। सुप्रीम कोर्ट ने उन सभी को राहत दिलाने के लिए 13 सितंबर 2022 को न्यायिक समिति का गठन किया और अब हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित इस समिति ने 18 दिसंबर 2023 को निर्देश दिए की छह साल पहले सील की गईं सभी दुकानों को डी-सील कर दिया जाए। दिल्ली नगर निगम को इस समिति के माध्यम से जो निर्देश दिए गए हैं उन्हें लागू करना था।
– दुकानों को डी-सील किया जाना व्यापारियों की अहम जरूरत : उपमहापौर
उपमहापौर आले मोहम्मद इकबाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित न्यायिक समिति ने सील दुकानों को डी-सील करने के आदेश दिए, जिसके बाद दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी की सरकार ने तुरंत ही इस आदेश को लागू करने के लिए सदन की विशेष बैठक को बुलाई, ताकि सील दुकानों को जल्द से जल्द डी-सील किया जा सके। दुकानों को डी-सील किया जाना व्यापारियों की अहम जरूरत है। दिल्ली के विभिन्न मार्केट एसोसिएशन के लोगों ने हम से मुलाकात की और हम इस संबंध में प्रस्ताव निगम के विशेष सदन में लेकर आए। इसके बाद दिन प्रतिदिन डी-सीलिंग की प्रक्रिया में विलंब हो रहा है। इसी के मद्देनज़र महापौर ने दिल्ली नगर निगम के आयुक्त को पत्र लिखकर की न्यायिक समिति के आदेश और निगम द्वारा पारित प्रस्ताव के अनुरूप दुकानों को डी-सील करने के आदेश दिए हैं।
महापौर ने बताया कि इस संबंध में पहला रेजोल्यूशन दिल्ली नगर निगम के विशेष सदन में 23 दिसंबर 2023 पास किया गया और आयुक्त को साफ निर्देश दिए गए कि जल्द से जल्द कमेटी के निर्देश का पालन करते हुए इन सभी दुकानों को भी डी-सील कर दिया जाए। इसके बाद 17 जनवरी 2024 को दिल्ली नगर निगम के सदन में दूसरा रेजोल्यूशन पास किया गया। इसके जरिए निगम आयुक्त को दोबारा से निर्देश दिए गए कि जल्द से जल्द व्यापारियों को राहत दी जाए और सभी दुकानों को भी डी-सील कर दिया जाए। महापौर ने बताया कि भाजपा शासित नगर निगम में व्यापारियों ने खून के आंसू रोए हैं व्यापारियों के कारोबार ठप हो गए। उनके परिवार के पालन पोषण के लिए भी बहुत कुछ सहना पड़ा। ऐसे में व्यापारियों को जल्द से जल्द राहत देने के लिए आयुक्त को पत्र लिखा गया है, इसमें फिर से निर्देश दे दिए गए हैं कि दोनों रेजोल्यूशन का पालन करते हुए न्यायिक समिति के निर्देश को लागू किया जाए। इन सभी दुकानों को जल्द से जल्द ही डी-सील कर दिया जाएगा।
महापौर ने बताया कि दिल्ली नगर निगम में सदन सर्वोपरि होता है। सदन के अलावा किसी के पास शक्ति नहीं है कि किसी भी प्रस्ताव को अस्वीकार कर सके और किसी अधिकारी के पास भी शक्ति नहीं है कि वह सदन से पास की गई नीति या प्रस्ताव को ओवर पावर कर सके। उन्होंने बताया कि जब हम नीति निर्माण की बात करते हैं तब डीएमसी एक्ट में साफ साफ लिखा हुआ है कि जो नीति है वो सदन में पारित की जाती है। कोई भी प्रस्ताव अगर सदन में लाया जाता है उसको पास करने के बाद उन सभी प्रस्तावों को लागू करने की शक्ति आयुक्त और अधिकारियों के पास है।