– साथ साथ कक्ष होने के बाद भी क्यों लिखना पड़ा पत्र
– तालमेल नहीं होने से व्यापारियों को उठानी पड़ रही है परेशानी
– सभी विकास के कार्य पड़े हुए हैं ठप्प
नई दिल्ली
दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी की सरकार है उसके बाद भी आम आदमी पार्टी की महापौर डॉ. शैली ओबरॉय व्यापारियों को राहत नहीं दे पा रही है और अपने दोहरे चरित्र को छुपाने के लिए निगम महापौर निगम आयुक्त को पत्र लिखने का ढोंग रच रही है। दिल्ली नगर निगम में नेता विपक्ष व पूर्व महापौर राजा इकबाल सिंह से मंगलवार को महापौर द्वारा प्रेस वार्ता कर दिए गए बयान का खंडन करते हुए उक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी न्यायिक समिति के आदेश के बावजूद दुकानों को डी-सील न कर पाने की अपनी नाकामी को छुपाने के लिए दिल्ली नगर निगम के उच्च अधिकारियों पर दोषारोपण कर रही है। उन्होंने बताया कि महापौर और आयुक्त दिल्ली नगर निगम के मुख्यालय में ही बैठते हैं उसके बावजूद महापौर को आयुक्त को पत्र लिखना पड़ रहा है जबकि महापौर आयुक्त को बुलाकर इस संबंध में बात कर सकती हैं। इस बात से साफ जाहिर होता है कि आम आदमी पार्टी और निगम अधिकारियों में से किसी तरह का तालमेल नहीं है।
नेता विपक्ष राजा इकबाल ने बताया कि आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार के कारण निगम अधिकारियों में आपस में तालमेल नहीं है जिसके कारण दुकानें डी-सील नहीं हो पा रही है और व्यापारियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी दुकानों को डी-सील नहीं करना चाहती है और इस बात को छुपाने के लिए यह लोग बार बार नए ढोंग रच रहे हैं।
राजा इक़बाल सिंह ने बताया कि आम आदमी पार्टी एक आंदोलन कारी पार्टी है यह लोग डीएमसी एक्ट के अनुरूप कार्य नहीं करना चाहते हैं जिसके कारण सभी विकास के कार्य ठप्प पड़े हुए हैं और कोई नया कार्य नहीं हो पा रहा है जिसका खामियाजा दिल्ली के नागरिकों को उठाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि न्यायिक के आदेश को लगभग दो महीने से ऊपर हो चुके हैं उसके बाद भी दुकानों का डी-सील न होना आम आदमी पार्टी शासित दिल्ली नगर निगम की नाकामी को दर्शाता है।