Saturday, December 21, 2024
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प्रधानाचार्य और उपप्रधानाचार्य के बिना चल रहे हैं दिल्ली के अधिकतर स्कूल: आदेश गुप्ता

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में गरीब बच्चे बिना शिक्षक पढ़ने को हैं मजबूर
सिसोदिया राजनीतिक पर्यटन की जगह दिल्ली के खस्ताहाल सरकारी स्कूलों की तस्वीरें भी देख लें
कमरों की कमी के कारण दिल्ली सरकार के स्कूलों में बच्चे तीन-तीन पालियों में पढ़ने को मजबूर
दिल्ली का शिक्षा मॉडल भ्रष्टाचार का जीता जागता नमूना है

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर 2022:

दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि मनीष सिसोदिया को जितनी चिंता दूसरे राज्यों के स्कूल और वहां पढ़ने वाले बच्चों की है उसका 10 फ़ीसदी चिंता अगर वह दिल्ली का कर लेते तो आज दिल्ली में बच्चे 2-2 शिफ्टों में पढ़ने को मजबूर नहीं होते। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार जिस सैनिक स्कूल के प्रचार के लिए इतनी जोर जबरदस्ती की लेकिन फिर उसे निजी हाथों में बेचने का काम किया। आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में कमरों की कमी इतनी ज्यादा है कि कक्षा 6 से 11 तक की क्लास दो दिन बाद लगाई जाती है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में प्रधानाचार्य के 84 फीसदी, उप-प्रधानाचार्य के 34 फीसदी, टीजीटी शिक्षकों के 40 फीसदी और पीजीटी शिक्षकों के 22 फीसदी पद खाली पड़े है। उन्होंने कहा कि दिल्ली शिक्षा व्यवस्था को विश्व का बेहतरीन मॉडल बताने वाले केजरीवाल के इस मॉडल में गरीब आदमी के बच्चे बिना शिक्षक पढ़ने को मजबूर है।

आदेश गुप्ता ने आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का शिक्षा मॉडल पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है और अब उन्होंने अपने करीबी आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को स्कूल सौंपना शुरु कर दिया है। उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपये का यह भ्रष्टाचार वास्तव में दिल्ली का शिक्षा मॉडल है और केजरीवाल का हर कार्य भ्रष्टाचार से शुरु होता है और वे भ्रष्टाचार के लिए ही काम करते हैं ताकि उन्हें हर समय पैसों की उगाही हो सके। उन्होंने कहा कि शिक्षा मॉडल को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बताने वाले स्कूलों की स्थिति देखनी हो तो खजूरी खास इसका बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने कहा कि इस स्कूल में छात्र-छात्राओं की संख्या बहुत ज्यादा है और लड़कियां सुबह की पाली में और लड़के दूसरी पाली में पढ़ने को मजबूर हैं।

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