Wednesday, November 20, 2024
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अब दिल्ली के विभिन्न इलाकों में लोगों को सीवर ओवरफ्लो की समस्या से मिलेगी राहत : सिसोदिया

  • केजरीवाल सरकार ने किलोकारी एसपीएस से ओखला एसटीपी तक मुख्य सीवर लाइन की सफाई की योजना को दी मंजूरी
  • उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने किलोकारी एसपीएस से ओखला एसटीपी तक ग्रेविटी डक्ट नंबर-1 की सफाई करने के 4.8 करोड़ रूपये के प्रोजेक्ट को दी मंजूरी
  • उपमुख्यमंत्री ने किलोकारी एसपीएस से ओखला एसटीपी तक की मुख्य सीवर लाइन की समीक्षा की, अधिकारियों को ग्रेविटी डक्ट-1 की सफाई प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करने के निर्देश
  • इस मुख्य सीवर लाइन की सफाई के बाद सीवेज के पानी का प्रवाह अवरुद्ध नहीं होगा और लोगों को सीवर ओवरफ्लो की समस्या से छुटकारा मिलेगा

नई दिल्ली, 3 सितम्बर 2022: दिल्ली में सीवरेज नेटवर्क को बेहतर करने की दिशा में केजरीवाल सरकार लगातार काम कर रही है। इसी कड़ी में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने किलोकारी एसपीएस (फिल्टर हाउस) से ओखला एसटीपी तक ग्रेविटी डक्ट नंबर-1 की सफाई के 4.8 करोड़ रूपये की परियोजना को मंजूरी दी। केजरीवाल सरकार ने डीजेबी के अधिकारियों ने मंथन कर व्यापक स्तर पर सीवर लाइन की सफाई की योजना बनाई है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि किलोकारी एसपीएस (फिल्टर हाउस) से ओखला एसटीपी तक ग्रेविटी डक्ट नंबर-1 (सीवर लाइन) की में गाद जमा हो जाने के कारण इस लाइन में सीवर के पानी का कम प्रवाह हो रहा है। लेकिन अब जल्द ही इस ग्रेविटी डक्ट की सफाई का काम शुरू कर दिया जाएगा। इससे दिल्ली के कई इलाकों में लोगों को सीवर ओवरफ्लो की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा।

  • 2025 तक यमुना को साफ करना दिल्ली सरकार का लक्ष्य
    उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली सरकार ने यमुना नदी को अगले तीन साल में पूरा साफ करने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत दिल्ली के 100 फीसदी घरों को भी सीवर लाइन से जोड़ने का प्लान है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फरवरी 2025 तक यमुना को साफ करने की जिम्मेदारी जल बोर्ड को दी है, जिस तरह पिछले कार्यकाल में दिल्ली सरकार ने स्कूलों और अस्पतालों का कायाकल्प किया, वैसे ही इस बार यमुना को भी प्राथमिकता के आधार पर साफ करना ही मुख्य मकसद है। यमुना क्लीनिंग सेल नए एसटीपी, डीएसटीपी का निर्माण, मौजूदा एसटीपी का 10/10 तक उन्नयन और क्षमता वृद्धि, अनधिकृत कालोनियों में सीवरेज नेटवर्क बिछाना, सेप्टेज प्रबंधन; ट्रंक/परिधीय सीवर लाइनों की गाद निकालना, पहले से अधिसूचित क्षेत्रों में सीवर कनेक्शन उपलब्ध कराना, आइएसपी के तहत नालों की ट्रैपिंग, नालियों का इन-सीटू ट्रीटमेंट आदि कार्यों कर रही हैं, ताकि दिल्लीवालों को कोई परेशानी न झेनली पड़़े और उन्हें बेहतर सुविधाएं मिलें।
  • मानसून से पहले ही ग्रेविटी डक्ट नंबर-2 और 3 की सफाई का कार्य कर लिया गया था पूरा
    उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने बताया कि 140-एमजीडी ओखला एसटीपी में मौजूदा तीन ग्रेविटी डक्ट्स (सीवर लाइनों) के माध्यम से सीवेज को पहुंचाया जाता है। इन तीन ग्रेविटी डक्ट्स को एनओएस नंबर-1, 2 और 3 में बांटा गया है। ग्रेविटी डक्ट नंबर- 1 और 2, किलोकारी सीवेज पंपिंग स्टेशन से निकलते हैं, जबकि ग्रेविटी डक्ट नंबर-3 श्रीनिवासपुरी में रिंग रोड स्थित कैम्ब्रिज स्कूल के पीछे टैक्सी स्टेंड से शुरू होती है। विभिन्न एसपीएस जैसे एंड्रयूज गंज, रिंग रोड, प्रगति विहार, बाटला हाउस, ईस्ट ऑफ कैलाश, कालकाजी, तुगलकाबाद, बाटला हाउस आदि को राइजिंग मेन्स के माध्यम से डक्ट नंबर-1, 2 और 3 में पंप किया जा रहा है। इनमें से ग्रेविटी डक्ट नंबर-3 की सफाई का काम मार्च 2022 में पूरा हो गया था। अब इसमें सीवेज का प्रवाह बेहतर हो चुका है। वहीं,  केजरीवाल सरकार ने मानसून से पहले ही ग्रेविटी डक्ट नंबर-2 की सफाई का काम पूरा कर लिया था। इसे भी चालू भी कर दिया गया है।
  • ग्रेविटी डक्ट नंबर- 1 के बाद लोगों को जलभराव की समस्या से मिलेगी राहत
    उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने बताया कि वर्तमान में ग्रेविटी डक्ट नंबर-1 की सफाई का कार्य बचा है, इसके अंदर भारी गाद जमा होने के कारण इसमें सीवेज का कम प्रवाह हो रहा है। खासकर भारी बारिश के दौरान एसपीएस से अत्यधिक पंपिंग के कारण बैकफ्लो की स्थिति पैदा हो जाती है। ऐसे में सीवर का पानी कैप्टन गौर मार्ग पर ओवरफ्लो होता है, जिससे यातायात और पैदल चलने वाले लोगों को आवाजाही में काफी परेशानी का सामना करना पढ़ता है। सीवर लाइन में सीवेज के पानी के बेहतर प्रवाह व लोगों को जलभराव की समस्या से राहत देने के लिए दिल्ली सरकार ने ग्रेविटी डक्ट नंबर- 1 की सफाई शुरू करने की योजना को मंजूरी दी है।
  • ग्रेविटी डक्ट नीचे की ओर से सेमी सर्कल की शेप में होती है
    उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने बताया कि ग्रेविटी डक्ट नीचे की ओर से सेमी सर्कल की शेप में होती हैं, जिनकी डिजाइनिंग क्षमता 140, 285 और 300 क्यूसेक होती है, जिनका निर्माण क्रमशः 1938, 1956 और 1985 में किया गया था। ग्रेविटी डक्ट नंबर-1, 2 और 3 की लंबाई क्रमशः 5140 मीटर, 5200 मीटर और 4290 मीटर है। ग्रेविटी डक्ट्स में गाद जमा होने के कारण उनकी वहन क्षमता कम हो जाती है, जिसके चलते विशेष तौर पर निवास पुरी, नेहरू नगर और ओखला सब्जी मंडी के इलाकों में सीवेज का ज्यादा प्रवाह होता है। इस समस्या को दूर करने के लिए डीजेबी ने एक-एक करके ग्रेविटी डक्ट्स की गाद निकालने व सफाई करने का काम शुरू किया। इनमें दो ग्रेविटी डक्ट्स की सफाई का काम पूरा हो चुका है, अब केवल ग्रेविटी डक्ट नंबर-1 बची है। इस सीवर लाइन को ऊपर से आरसीसी/कास्ट इन सीटू और ईंटों से कवर किया गया है। जलभराव की आ रही परेशानी के चलते सीवरेज की इस मुख्य पाइप लाइन के सफाई का काम शुरू किया जाएगा।
  • एसटीपी तक पहुंचाने के लिए कुल 116 सीवर पंपिंग स्टेशन बनाए गए है
    उल्लेखनीय है कि राजधानी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में दिल्ली बोर्ड ने सीवर के पानी को पंप कर एसटीपी तक पहुंचाने के लिए कुल 116 सीवर पपिंग स्टेशन बनाए गए है। खास बात यह है कि इन सीवर पंपिंग स्टेशनों की निगरानी अब प्वज्  डिवाइस के जरिये की जाएगी। इस इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में लगा सेंसर यह सुनिश्चित करेगा कि सीवर पपिंग स्टेशन में सीवर का गंदा पानी किस लेवल तक भर चुका है। जैसे ही सीवर का पानी नॉर्मल लेवल से अधिक भर जाएगा, मॉनिटरिंग डिवाइस के माध्यम से इसकी जानकारी दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को मिल जाएगी। ऐसे में यह आसानी से पता लग जाएगा है कि अब सीवर पपिंग स्टेशन (एसपीएस) को चालू करने का वक्त आ गया है, ताकि सीवर का पानी का दबाव न बढ़े।
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