- मंत्री, बु़ि़द्धजीवी वर्ग ने रखे अपने विचार
- हमेशा राष्ट्रहित के प्रति समर्पण के साथ काम करने का वादा लिया
नई दिल्ली, 8 अगस्त 2022: राजनीति विज्ञान विभाग, श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज, वाणिज्य विभाग दिल्ली यूनिवर्सिटी, सोशल साइंस फाउंडेशन के तत्वधान में आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च (आईसीएसएसआर) स्पॉन्सर्ड मार्जिनलाइजेश एंड इनक्लूजन रोल ऑफ मार्जिनलाइजड कम्यूनिटीज इन इंडियाज स्ट्रगल फॉर फ्रीडम नामक दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉन्फ्रेंस सेंटर में हुआ।
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय और सूचना और प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री लोगनाथन मुरुगन ने मुख्य अतिथि के रूप में अपनी बात रखते हुए कहा कि डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम, रामनाथ कोविंद, द्रौपदी मुर्मू का राज्य के प्रमुख के रूप में सर्वाेच्च पद पर उदय समावेशी दृष्टिकोण के प्रति प्रतिबद्धताओं का प्रमाण है। बेबी रानी मौर्य, महिला कल्याण, बाल विकास और पोषण मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार ने हाशिए पर लोगों की आवाज के माध्यम से इतिहास को समझने के प्रयासों की सराहना की।
डीयू के कुलपति प्रो योगेश सिंह ने अपने रोचक संबोधन में सभी प्रतिभागियों से हमेशा राष्ट्रहित के प्रति समर्पण के साथ काम करने का वादा लिया। प्रो. आलोक चक्रवाल गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के नए कुलपति ने भारतीय सभ्यता के समावेशी आख्यान पर प्रकाश डाला। वहीं, दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रो. प्रकाश सिंह ने अपने समापन भाषण में कहा कि देश के हर हिस्से में स्वतंत्रता संग्राम की एक कहानी है जिसे हमें समझना चाहिए।
प्रो. साधना शर्मा ने स्वागत प्रस्ताव प्रस्तुत किया एवं प्रो अजय कुमार सिंह ने विषयवस्तु के परिचय पर बात की। उधम सिंह, मंगू राम, जगजीवन राम स्वतंत्रता सेनानियों के वंशज भी उपस्थित रहे और उनके विचारों से यह राष्ट्रीय सेमिनार भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाले महान व्यक्तित्वों के संघर्ष उजागर हुए। डॉ संजीव, डॉ अदिति, प्रो ऋतु सपरा कॉन्फ्रेंस के कन्वेनर के प्रयासों के कारण कार्यक्रम का सफल आयोजन हुआ। डॉ आमना, डॉ प्रीति चहल, प्रो. राजकुमार, डॉ उर्मिल वत्स, डॉ नेहा, डॉ मनीष और अन्य लोगों ने महत्पूर्ण भूमिका निभाई।