– जहां प्रधानमंत्री अपनी प्राचीन धरोहर को पुनर्जीवित कर हिंदुस्तान को एक विराट शक्ति बनाने में लगे हैं वहीं दिल्ली की केजरीवाल सरकार समाजों को धर्म के नाम पर बांटने में लगी हुई है : सचदेवा
– मस्जिदों के इमामों को 40 हज़ार रुपये प्रतिमाह अगर सैलरी दी जा रही है तो फिर मंदिरों के पुजारियों को क्यों नहीं-मंदिरों के पुजारियों के साथ केजरीवाल दुर्योधन जैसा व्यवहार कर रहे हैं जिसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा-केजरीवाल के ट्वीटर पर लिखी गई बातें और उनकी मानसिकता में काफी फर्क है-दिल्ली में अब केजरीवाल की हिंदू विरोधी मानसिकता नहीं चलने वाली है और हमारा यह संघर्ष लगातार जारी रहेगा
नई दिल्ली, 7 फरवरी 2023 :
दिल्ली भाजपा मंदिर प्रकोष्ठ द्वारा मंदिरो के पुजारियों के साथ केजरीवाल सरकार द्वारा किये जा रहे लगातार भेदभाव और एक विशेष वर्ग को विशेष आश्रय देने के खिलाफ आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर प्रकोष्ठ के संयोजक श्री करनैल सिंह की अध्यक्षता में विशाल विरोध धरने का आयोजन किया गया। दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रो से आये लगभग 5000 से अधिक संतों, ब्राह्मणों और मंदिर के पुजारियों ने केजरीवाल सरकार से मांग करते हुए जोरदार नारेबाजी की उन्हें भी मस्जिदों के इमामो की तरह मासिक वेतन के रूप में राशि दी जाये। धरने में सम्मलित संत-महात्माओं में महामंडलेश्वर महंत सर्व नवल किशोर, भोला गिरी, धीरेन्द्र पूरी, सतीश दास, ओम प्रकाश, अज़ब दास, जगदीश दास, रामदास, नारायण गिरी, कोतवाल गिरिजानंद सरस्वती एवं कोतवाल महंत मंगलदास आदि प्रमुख थे।
मंदिर प्रकोष्ठ के संयोजक करनैल सिंह की अध्यक्षता में आयोजित धरने पर बैठे संत महात्माओं एवं पुजारियों को प्रदेश भाजपा कार्यकारी अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, सांसद मनोज तिवारी एवं रमेश बिधूड़ी और पूर्व महापौर जयप्रकाश ने संबोधित किया। विधायक अनिल वाजपेयी, प्रदेश प्रवक्ता वीरेन्द्र बब्बर, अजय सहरावत एवं सारिका जैन, पूर्वांचल मोर्चा अध्यक्ष कौशल मिश्रा, प्रदेश कार्यालय मंत्री हुकुम सिंह आदि भाजपा पदाधिकारी उपस्थित थे। दिल्ली भाजपा कार्यकारी अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली सरकार की भ्रष्ट अरविंद केजरीवाल सरकार ने संत समाज एवं ब्राह्मण समाज के साथ कुठाराघात किया है। उन्होंने कहा कि जब एक विशेष समुदाय को केजरीवाल सरकार एक विशेष पैकेज के तहत सैलरी दे रही है तो संत समाज के साथ अन्याय पूर्ण रवैया क्यों ? सचदेवा ने कहा कि भ्रष्टाचार की जननी केजरीवाल सरकार ब्राह्मणों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। लोकतंत्र में सब का समान अधिकार है, फिर ब्राह्मणों एवं साधु संतों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने पर केजरीवाल सरकार को जवाब देना होगा।
उन्होंने कहा कि जहां प्रधानमंत्री अपनी प्राचीन धरोहर को पुनर्जीवित कर हिंदुस्तान को एक विराट शक्ति बनाने में लगे हैं वहीं दिल्ली की केजरीवाल सरकार समाज को धर्म के नाम पर बांटने में लगी हुई है। कभी हिंदू मुस्लिम के नाम पर दंगे तो कभी जाति विशेष के नाम पर उनके विधायक व मंत्री द्वारा अलग-अलग तीखे ज्ञान बयान देना उनकी मानसिकता को दर्शाता है। चुनाव आते ही केजरीवाल का चुनावी ब्राह्मण बनने की नौटंकी भी दिल्ली देख चुकी है। नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल सरकार हमेशा से ही हिंदुओं के साथ भेदभाव की मानसिकता के साथ पेश आती रही है। विधानसभा के अंदर भी जब कभी भी भाजपा ने यह मुद्दा उठाया उसको हमेशा से टालने का काम किया गया। उन्होंने कहा कि मस्जिदों के इमामों को 40 हज़ार रुपये प्रतिमाह अगर सैलरी दी जा रही है तो फिर मंदिरों के पुजारियों को क्यों नहीं, इस सवाल का जवाब आज दिल्ली के सभी मंदिरों के पुजारी मांग रहे हैं।
सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि हिंदू समाज सबसे सहनशील समाज है लेकिन जब उसकी सहने की शक्ति समाप्त हो जाती है तो महाभारत जैसा युद्ध भी हो जाता है। आज दिल्ली के मंदिरों के पुजारियों के साथ केजरीवाल दुर्योधन जैसा व्यवहार कर रहे हैं जिसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा और इस हक की लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा संकल्पित है कि जो व्यवस्था या सुविधा अन्य समुदाय को मिल रही है वे सारी व्यवस्थाएं पुजारियों को भी मिलेगी। सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल के ट्विटर पर कुछ और तो उनके दिमाग में कुछ और ही चलता है। एक तरफ ट्वीटर पर लिखते हैं कि सब इंसान बराबर हैं, चाहे वो किसी धर्म या जाति के हों। हमें ऐसा भारत बनाना है जहाँ सभी धर्म और जाति के लोगों में भाईचारा और मोहब्बत हो न कि नफ़रत और बैर हो। लेकिन उनकी मानसिकता साफ दिखती है। आखिर केजरीवाल को एक विशेष धर्म समुदाय से इतना प्यार क्यों है।
मंदिर प्रकोष्ठ के संयोजक करनैल सिंह ने कहा कि भाजपा इस बात का शुरु से विरोध करती रही है कि आखिर जब मस्जिदों के इमामों को सैलरी दी जाती है तो मंदिर के पुजारियों की क्या गलती है जो उन्हें इस सुविधा से वंचित रखा गया है। उन्होंने कहा कि आज हज़ारों की संख्या में उपस्थित संत महात्मा और पुजारी इस बात के गवाह हैं कि दिल्ली में अब केजरीवाल की हिंदू विरोधी मानसिकता नहीं चलने वाली है और हमारा यह संघर्ष लगातार जारी रहेगा। उन्होने कहा की मंदिर प्रकोष्ठ भाजपा से जुड़ा जरूर है पर इसका उद्देश्य राजनीति करना नही बल्कि संत सेवा करना है।