Tuesday, October 8, 2024
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देख तेरे शिक्षक की हालत क्या हो गई भगवान: रामनिवास सौलंकी

  • शिक्षकों को मार्च -2020, अप्रैल-2020 एवं मई-2020 मास का वेतन नहीं मिला है
  • सातवें वेतन आयोग का एरियर पिछले चार वर्षों से नहीं मिला है
  • एमएसीपी एरियर के बिलों का भुगतान पिछले दस वर्षों से नहीं किया गया है
  • एलटीसी बिलों का भुगतान नहीं हो रहा है
  • बच्चों के शिक्षण भत्तों के बिलों का भुगतान पिछले पाँचे वर्षों से बकाया हंै
  • मेडिकल बिलों का भुगतान पिछले कई सालों से नहीं हुआ है

नई दिल्ली : उत्तरी दिल्ली नगर निगम शिक्षकों को तीन माह का वेतन एवं अन्य कई मांगे वर्षों से लंबित हैं, जिनके नहीं मिल पाने के कारण शिक्षकों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। नगर निगम शिक्षक संघ के महासचिव रामनिवास सोलंकी का कहना है कि शिक्षकों की दयनीय हालत को लेकर हर जगह शिकायत लिखी है लेकिन शिक्षकों की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है अब तो दिल से सिर्फ यही आवाज निकल रही है कि देख तेरे शिक्षक की हालत क्या हो गई भगवान।

महासचिव सोलंकी ने बताया कि शिक्षकों की मांगों को लेकर पत्र व्यवहार, ट्विट्टर, व अन्य माध्यम से दिल्ली के बिग बाॅस उपराज्यपाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री, उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर, स्थाई समिति अध्यक्ष, निगमायुक्त आदि संबंधित सभी को समस्याएं बताई गई लेकिन आज तक हमारी किसी भी समस्या का हल किसी ने भी नहीं निकाला है। शिक्षको को तीन माह हो गए है लेकिन अभी तक वेतन नहीं मिला है। जिसके कारण 8000 शिक्षक बहुत परेशान हैं और शिक्षक बिना वेतन शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक उत्पीड़न झेलते हुए जीवन यापन करने को मजबूर हैं।

सोलंकी ने बताया कि जब कोई अध्यापक या परिवार का सदस्य बीमार हो जाता है तो हमारे पास इलाज के लिए भी पैसे नहीं होते हैं। उधार लेकर इलाज कराते हैं मगर विभाग से मेडिकल बिलों का भी भुगतान नहीं होता हैं। इन परिस्थितियों में समस्त शिक्षक परिवार सहित मानसिक यातना झेल रहे हैं। निगम शिक्षक बिना वेतन आर्थिक तंगहाली, भुखमरी में अपना जीवन व्यतीत करने को मजबूर है इनको समय पर वेतन मिलना चाहिए। जो पिछले छः वर्षों से आज तक नहीं हो पाया है।

आज इस कोरोना महामारी संकट में उत्तरी दिल्ली नगर निगम शिक्षक लगातार 12-12 घंटे कोरोना योद्धा बनकर सूखा राशन व पका हुआ भोजन एवं बीएलओ बनकर घर-घर कोरोना संक्रमण सर्वे करना और उपचार केंद्रो पर कार्य करना, प्रवासी को अपने ग्रह राज्य भेजने के केंद्रो पर कार्य करना और बिना साप्ताहिक अवकाश के लगातार कार्य करते हुए बिना पीपीई सुरक्षा किट के कार्य करते हुए अनेकों शिक्षक संक्रमित होने के बावजूद राष्ट्र के प्रति समर्पण भावना से योद्धा बन कर कार्य करते हुए राष्ट्र के प्रति समर्पित हैं।

इस समय परिस्थितियां अनुकूल नहीं है पुलिस कानून का हवाला देकर आमरण अनशन करने से उठा रही है। इसलिए नगर निगम शिक्षक संघ दिल्ली कानून का सम्मान एवं परिस्थितियों को देखते हुए अपना आमरण अनशन आंदोलन को 14 जुलाई-2020 तक स्थगित कर दिया है और विभाग को अपनी उपरोक्त समस्याओं के समाधान करने का समय दिया है। यदि विभाग ने हमारी उपरोक्त समस्याओं का हल हमारे अनुकूल नहीं किया तो 15 जुलाई 2020 से आंदोलन पुनः कुछ परिवर्तन एवं क्रांतिकारी तरीके के साथ नगर निगम शिक्षक संघ दिल्ली करने पर बाध्य होगा और इसकी पूर्ण जिमेदारी विभाग की ही होगी।

दिल्ली देश की राजधानी है। आप यहां भेदभाव तो देखो किस प्रकार से है। दिल्ली में पूर्वी दिल्ली नगर निगम, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम, दिल्ली सरकार एवं नई दिल्ली निगम के सभी कर्मचारियों को वेतन एवं बकाया राशि समय से मिल रहा है लेकिन उसी देश की राजधानी दिल्ली में उत्तरी दिल्ली नगर निगम के साथ भेदभाव अपनाकर मानसिक और आर्थिक तरीके से तंग किया जा रहा है और समय से वेतन भी नही दिया जा रहा है जिसकी वजह से और महामारी में अनेक कार्य कार्य करने की वजह से शिक्षकों की मौत ही गई है। ये कैसा भेदभाव है?, ये कैसा अन्याय है हमारे साथ?

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