Monday, October 7, 2024
Homeअंतराष्ट्रीयसमाज कार्य का काम बिना त्याग के नहीं हो सकता है :...

समाज कार्य का काम बिना त्याग के नहीं हो सकता है : प्राचार्य दुबे

  • डीयू: अंबेडकर कॉलेज में सोशल कार्य विभाग ने किया संगोष्ठी का आयोजन
  • मेंटल हेल्थ सोशल वर्क एरिया में सबसे महत्वपूर्ण है
  • समाज कार्य में रोज़गार के अवसर सबसे अधिक है

नई दिल्ली, 18 अगस्त 2022: दिल्ली विश्वविद्यालय के भीमराव अम्बेडकर कॉलेज के समाज कार्य विभाग ने एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। इस संगोष्ठी में प्रो. संजय भट्ट, प्रो. नीरा अग्निमित्रा, मिस रीता पणिकर और प्रो. संजोय रॉय अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। कॉलेज के समाज कार्य विभाग में प्रो अतुल प्रताप सिंह यह जानकारी देते हुए बताया कि संगोष्ठी में उपस्थित शिक्षकों और विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए प्राचार्य आर.एन. दुबे ने कहा कि समाज कार्य का काम बिना त्याग के नहीं हो सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि जो इस क्षेत्र में सेवा करना चाहते हैं उन्हें कार्य क्षेत्र की भाषा, संस्कृति और रीति रिवाज का पता होना चाहिए।
   

प्रो. संजय भट्ट ने कहा कि 2030 तक हम सतत विकास को संभावित रूप से हासिल कर लेंगे। भारत में समाज कार्य के 86 वर्ष हो चुके हैं। आज इसका बहु-विषयक प्रवृत्ति होने की वजह से विभिन्न क्षेत्रों में विस्तृत है। 1970 के बाद कई ब्यूरोक्रेट्स ने एनजीओ चालू किए और 1977 के अंत तक भारत में 63 समाज कार्य के स्कूल हो चुके थे। आज 500 से अधिक समाज कार्य के स्कूल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इसमें रोज़गार के अवसर सबसे अधिक है। प्रो. नीरा अग्निमित्र के अनुसार आने वाला 25 वर्ष का अमृत काल कर्तव्य काल है। यह समय दुबारा विचार करना, नई चीज़ों को स्थापित करना और उसपर कार्य करने की ज़रूरत है। लोगों की मनोवृत्ति और दृष्टिकोण पर भी कार्य करना होगा।

बटरफ्लाई एनजीओ की चेयरमेन रीता पणिकर ने कहा कि मेंटल हेल्थ सोशल वर्क एरिया में सबसे महत्वपूर्ण है। हाल ही में कोविड पेंडेमिक आया जिसकी वजह से क्लीनिकल डिप्रेशन बढ़ गया। उन्होंने यह भी कहा कि सोशल वर्क में अच्छा होने के लिए आपको एक अच्छा रिसर्चर होना होगा। इसके लिए डेटा मैनेजमेंट, रिपोर्ट, ग्राफ का जानकार होना ज़रूरी है। अंत में पैनल डिस्कशन और ओपन डिस्कशन भी रखा गया। कार्यक्रम में प्रो. अतुल प्रताप, प्रो. अर्चना दस्सी, डॉ. प्रशांत चौहान और मिस्टर सुनील वात्स्यायन भी मौजूद रहे। संगोष्ठी का संयोजन और संचालन समाज कार्य विभाग के प्रो अतुल प्रताप सिंह ने किया।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments