Wednesday, October 2, 2024
Homeअंतराष्ट्रीयदिल्ली की चुनी हुई सरकार को अँधेरे में रख रोहिंग्याओं को बसाने...

दिल्ली की चुनी हुई सरकार को अँधेरे में रख रोहिंग्याओं को बसाने की साजिश की हो जाँच

BRIEF _ दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र- दिल्ली सरकार, दिल्ली में रोहिंग्याओं को किसी भी तरह का कोई अस्थाई या स्थाई आवास दिए जाने के किसी भी कदम के खिलाफ, केंद्र सरकार भी इसपर स्पष्ट करें अपना रुख- केंद्र सरकार द्वारा रोहिंग्याओं को एनडीएमसी के फ्लैट्स देने के निर्णय की केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी पहले तारीफ कर लैंडमार्क डिसीजन बताया, पर दिल्ली सरकार द्वारा विरोध होने पर केंद्र सरकार ने लिया यू-टर्न, इस दोहरे रवैये के बजाय मामले पर अपना रुख स्पष्ट करे केंद्र सरकार – रोहिंग्याओं को फ्लैट्स देने के मसले पर 29 जुलाई, 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई मीटिंग, मीटिंग में केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस के अधिकारी भी शामिल रहे, दिल्ली की चुनी हुई सरकार को नहीं दी गई इस बैठक की जानकारी – बैठक में लिए गए निर्णय को दिल्ली के गृहमंत्री या मुख्यमंत्री की जानकारी में लाए बिना, केंद्र सरकार की औपचारिक मंजूरी के लिए मुख्य सचिव द्वारा उपराज्यपाल के पास भेजी जा रही थी फाइल – यह देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ मामला, ऐसे में केंद्र सरकार इस मामले में अपना रुख स्पष्ट करे, और अगर कुछ लोगों ने केंद्र सरकार के रुख के खिलाफ जाकर, दिल्ली की चुनी हुई सरकार से छिपाकर साजिश रची तो उनके खिलाफ सख्त कारवाई की जाए – इस बात की हो जाँच कि केंद्र सरकार में कौन लोग, दिल्ली सरकार के अधिकारियों के साथ मिलकर, दिल्ली की चुनी हुई सरकार से छिपाकर इस तरह के निर्णय लेने की कोशिश कर रहे थे? किसके कहने पर कर रहे थे? उनकी साजिश क्या थी? इसकी निष्पक्ष जाँच हो

नई दिल्ली,18 अगस्त 2022 : दिल्ली सरकार ने रोहिंग्याओं को दिल्ली में आवास देने की साजिश के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया है| दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को इस सम्बन्ध में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा जिसमें उन्होंने कहा कि दिल्ली में  दिल्ली की चुनी हुई सरकार को अँधेरे में रख रोहिंग्याओं को आवास देने की साजिश की जा रही है| उन्हें एनडीएमसी के फ्लैट देने की बात की जा रही है| और केन्द्रीय आवास मंत्री हरदीप पुरी इस निर्णय की तारीफ़ करते हुए ट्वीट कर इसे लैंडमार्क डिसिशन बताते है लेकिन इस बात के मीडिया में आने के बाद दिल्ली सरकार द्वारा विरोध होने पर केंद्र सरकार ने यू-टर्न ले लेती है| ऐसे में इस दोहरे रवैये के बजाय इस मामले पर केंद्र सरकार अपना रुख स्पष्ट करे| उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार, दिल्ली में रोहिंग्याओं को किसी भी तरह का कोई अस्थाई या स्थाई आवास दिए जाने के किसी भी कदम के खिलाफ है और केंद्र सरकार भी इसपर अपना रुख स्पष्ट करें|

उन्होंने आगे कहा कि रोहिंग्याओं को फ्लैट्स देने के मसले पर 29 जुलाई, 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मीटिंग हुई| इस मीटिंग में केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस के अधिकारी भी शामिल रहे लेकिन दिल्ली की चुनी हुई सरकार को इस बैठक की जानकारी नहीं दी गई| बैठक में जो भी निर्णय लिए गए उससे संबंधित फाइल मुख्य सचिव द्वारा दिल्ली के गृहमंत्री या मुख्यमंत्री की जानकारी में लाए बिना, केंद्र सरकार की औपचारिक मंजूरी के लिए के पास भेजी जा रही थी| उन्होंने कहा की यह देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ मामला है ऐसे में केंद्र सरकार इस मामले में अपना रुख स्पष्ट करे, और अगर कुछ लोगों ने केंद्र सरकार के रुख के खिलाफ जाकर, दिल्ली की चुनी हुई सरकार से छिपाकर साजिश रची तो उनके खिलाफ सख्त कारवाई की जाए| इस बात की हो जाँच कि केंद्र सरकार में कौन लोग, दिल्ली सरकार के अधिकारियों के साथ मिलकर, दिल्ली की चुनी हुई सरकार से छिपाकर इस तरह के निर्णय लेने की कोशिश कर रहे थे? किसके कहने पर कर रहे थे? उनकी साजिश क्या थी? इसकी निष्पक्ष जाँच हो|

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखते हुए दिल्ली में रोहिंग्याओं को अवैध रूप से स्थाई आवास देने से संबंधित संवेदनशील मसले पर ध्यान दिलाते हुए कहा है कि 17 अगस्त, 2022 की सुबह अखबारों में यह स्पष्ट लिखा था कि, केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली में रोहिंग्याओं के लिए बाकायदा एनडीएमसी द्वारा निर्मित फ्लैट्स देकर, उनके आवास की व्यवस्था की जा रही है और इस बाबत केंद्रीय शहरी विकास एवं आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी जी के दो ट्वीट्स भी लिखे जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार के इस निर्णय की तारीफ करते हुए इसे एक लैंडमार्क डिसीजन बताया था। सिसोदिया ने आगे लिखा कि दिल्ली में गृह विभाग का मंत्री होने के नाते मेरे लिए यह बेहद चिंता की बात है कि केंद्र सरकार दिल्ली में बांग्लादेशी रोहिंग्याओं को आवास देने जा रही है और दिल्ली के मुख्यमंत्री या दिल्ली की चुनी हुई सरकार को इस बारे में विश्वास में लेना तो दूर, इसकी जानकारी तक नहीं दी गई।

सिसोदिया ने बताया कि गृह विभाग से दस्तावेज मंगवाने के बाद पता चला कि इस बारे में 29 जुलाई, 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई एक मीटिंग में कुछ निर्णय लिए गए हैं। इस मीटिंग में केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस के अधिकारी भी शामिल रहे हैं। और इस बैठक में लिए गए निर्णय को दिल्ली के गृहमंत्री या मुख्यमंत्री की जानकारी में लाए बिना, केंद्र सरकार की औपचारिक मंजूरी के लिए इसकी फाइल मुख्य सचिव के जरिए उपराज्यपाल महोदय के पास भेजी जा रही थी। दस्तावेजों में यह भी देखा कि केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन आने वाले दिल्ली पुलिस के एफ.आर.आर.ओ के अधिकारियों के अनुरोध पर रोहिंग्याओं को फ्लैट देने के संबंध में एक पत्र भी एनडीएमसी को लिखा गया।

सिसोदिया ने आगे कहा कि यह सब दिल्ली में दिल्ली की चुनी हुई सरकार की जानकारी में लाए बिना केंद्र सरकार द्वारा कराया जा रहा था। केंद्रीय शहरी विकास एवं आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी जी द्वारा 17 अगस्त, 2022 की सुबह किए गए दोनों ट्वीटस भी इस बात की पुष्टि करते हैं। और केंद्र सरकार द्वारा, दिल्ली की चुनी हुई सरकार से छिपाकर अधिकारियों द्वारा निर्णय कराए जाने और उन्हें बिना चुनी हुई सरकार को दिखाये उपराज्यपाल महोदय की मंजूरी के लिए भेजे जाने की घटनाओं से भी इसी बात की पुष्टि होती है। उन्होंने कहा कि जब इस पूरे मामले में जब मीडिया में केंद्र सरकार की फजीहत होनी शुरू हुई तो शाम आते-आते केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कुछ ट्वीट्स के माध्यम से यह जाहिर करने की कोशिश की कि रोहिंग्याओं को दिल्ली में स्थाई आवास देने के पीछे केंद्र सरकार की सहमति नहीं है। जो स्पष्ट करता है कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय का यह बयान असल हकीकत से एकदम विपरीत है|

सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार, दिल्ली में रोहिंग्याओं को किसी भी तरह का कोई अस्थाई या स्थाई आवास दिए जाने के किसी भी कदम के खिलाफ है। इस बारे में दिल्ली की चुनी हुई सरकार का रुख एकदम स्पष्ट है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार की सहमति के बिना यह कदम उठाए गए हैं तो इनकी तुरंत गंभीरता से जांच होनी चाहिए। इस बात की जांच होनी चाहिए कि केंद्र सरकार में कौन लोग, दिल्ली सरकार के अधिकारियों के साथ मिलकर, दिल्ली की चुनी हुई सरकार से छिपाकर इस तरह के निर्णय लेने की कोशिश कर रहे थे? किसके कहने पर कर रहे थे? उनकी साजिश क्या थी? उन्होंने कहा कि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ मामला है और दिल्ली के एक-एक नागरिक की सुरक्षा भी इससे प्रभावित होती है। ऐसे में केंद्र सरकार इस मामले में अपना रुख स्पष्ट करे, और अगर कुछ लोगों ने केंद्र सरकार के रुख के खिलाफ जाकर, दिल्ली की चुनी हुई सरकार से छिपाकर, यह साजिश रची है तो उनके खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाये|

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments