- दो दिन तक छात्रा सघन चिकित्सा वार्ड में रही थी भर्ती
- मुख्यमंत्री केजरीवाल छात्रा के परिवार से मिलने भी नहीं गए
- दिल्ली सरकार ने छात्रा के समुचित इलाज की व्यवस्था भी नहीं की
नई दिल्ली, 6 सितम्बर: नांगलोई स्थित दिल्ली सरकार के विद्यालय में क्लास रूम में पंखा गिरने से घायल हुई छात्रा का इलाज अब एम्स में कराया जा रहा है और इसके लिए उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने मंगलवार को परिवार से मिलकर उनकी पूरी मदद करने का भरोसा दिलाया और अपनी गाड़ी से भेज कर एम्स के ट्रॉमा सेंटर में घायल छात्रा की चिकित्सीय जांच करवाई। छात्रा की माता पानो देवी ने बताया कि वह चाहती है कि उनकी बेटी बिलकुल पहले की तरह ठीक हो जाए। उन्होंने कहा कि सांसद तिवारी ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। वहीं, उत्तर पूर्वी जिले के भाजपा उपाध्यक्ष आनंद त्रिवेदी ने बताया कि मामले की जानकारी मिलते ही मैनें राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष को पत्र लिखकर दोषी लोगों के खिलाफ कार्यवाही एवं पीड़ित छात्रा को उचित मुआवजा देने की मांग की थी जिस पर संज्ञान लेते हुए आयोग ने शिक्षा विभाग एवं पश्चिमी दिल्ली के डीएम को नोटिस जारी कर दिया है और जांच चल रही है।
बता दें कि गत माह की 27 तारीख को दिल्ली सरकार के नांगलोई स्थित विद्यालय में क्लास रूम में पढ रही छात्रा के सिर पर चलता हुआ पंखा गिर गया और वह बुरी तरह घायल हुई। स्कूल प्रशासन ने पास के ही एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया जहां 2 दिन तक छात्रा सघन चिकित्सा वार्ड में भर्ती रही और उसके पश्चात उसे घर भेज दिया गया लेकिन अगले ही दिन छात्रा फिर बेहोश हो गई तो उसे संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया लेकिन छात्रा के परिजन मौजूदा इलाज से संतुष्ट नहीं थे।
दिल्ली से भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने भेंट की और अपनी गाड़ी से तुरंत एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भेज कर इलाज कराया। सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि घायल छात्रा की माँ ने मुझसे अच्छे अस्पताल में इलाज कराने की इच्छा जाहिर की। उनकी इच्छा थी कि घायल छात्रा का इलाज एम्स में हो, मैंने तुरंत डॉक्टरों से बात कर उन्हें यह सुविधा उपलब्ध कराई।
इसके अलावा भी पीड़ित छात्रा के इलाज में जो भी मदद करनी पड़ी मैं करूंगा क्योंकि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के जानलेवा स्कूल में घायल हुई छात्रा को दिल्ली सरकार के बदहाल अस्पतालों के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता। उन्होंने आरोप लगाया की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा इसी बात से साबित होती है कि शिक्षा मंत्री या दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल छात्रा के परिवार से मिलने भी नहीं गए और ना ही समुचित इलाज की व्यवस्था की।