- दिल्ली में अब रोजाना करीब 7000 मीट्रिक टन कूड़े को प्रोसेस करने की क्षमता हो गई है
- 2000 मीट्रिक टन कूड़े की क्षमता वाले इस संयंत्र के निर्माण से हरित ऊर्जा का उत्पादन होगा
- आम आदमी पार्टी लोगों को ’आपनिर्भर’ बनाना चाहती है लेकिन हम दिल्ली की जनता को आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं
नई दिल्ली, 20 अक्टूबर 2022 : ’कचरे से कंचन’ सिद्धांत को अपनाते हुए दिल्ली नगर निगम ने आज एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज दिल्ली नगर निगम के 25 मेगावाट क्षमता के ’वेस्ट टू एनर्जी’ संयंत्र का मशीन बटन दबाकर उद्घाटन किया। इस दौरान दिल्ली के माननीय उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना बतौर विशेष अतिथि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता, सांसद रमेश बिधूड़ी, दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार, दिल्ली नगर निगम के विशेष अधिकारी अश्विनी कुमार और निगमायुक्त ज्ञानेश भारती की भी गरिमामयी उपस्थिति रही। इसके अलावा गणमान्य अतिथि और निगम के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज दिल्ली के लिए अहम दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी को कूड़ामुक्त बनाने का जो कदम उठाया था, आज हम उस सफर में एक और कदम आगे निकल गए हैं। कूड़े से बिजली बनाने के इस संयंत्र के शुरू होने से दिल्ली में अब रोजाना करीब 7000 मीट्रिक टन कूड़े को प्रोसेस करने की क्षमता हो गई है। 2000 मीट्रिक टन कूड़े की क्षमता वाले इस संयंत्र के निर्माण से हरित ऊर्जा का उत्पादन होगा। शाह ने कहा कि दिल्ली नगर निगम अगले कुछ दिनों में एक और ऐसा संयंत्र शुरू करने वाला है। इसके बाद दिल्ली से निकलने वाले सारे कूड़े का निस्तारण किया जा सकेगा।
शाह ने कहा कि कुछ लोगों का कहना है कि चुनावों के कारण इस संयंत्र का उद्घाटन किया जा रहा है। लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि यह संयंत्र का शिलान्यास नहीं है, उद्घाटन है। उद्घाटन तब होता है जब कोई कार्य पूरा हो जाता है। यह काफी पहले शुरू हुई योजना है जो अब पूरी हुई है। शाह ने कहा कि दिल्ली नगर निगम द्वारा कूड़े के प्रबंधन के लिए और भी कार्य किए जा रहे हैं जिनमें बायो गैस प्लांट, कॉम्पेक्टर आदि शामिल हैं। जल्द ही 175 मीट्रिक टन क्षमता के 8 मैटेरियल रिकवरी फैसेलिटी भी शुरू हो जाएंगे। दिल्ली नगर निगम को दिल्ली को कूड़ा रहित बनाने का जो कार्य सौंपा गया था वह पूरा हो रहा है।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा नीतियों के तहत शहरों को बेहतर बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शहरों को आधुनिक बनाने का कार्य किया जा रहा है। अमरूत मिशन के तहत शहरों में सुविधाएं विकसित की जा रही है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत, शहरों को साफ-सुथरा बनाया जा रहा है। झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों को सुविधाएं प्रदान की जा रही है। शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है। वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाए जा रहे हैं। अनाधिकृत कॉलोनी में रह लोगों को मालिकाना हक प्रदान किया जा रहा है।
शाह ने कहा कि आजादी के पहले महात्मा गांधी ने स्वच्छता का संदेश दिया था लेकिन 70 सालों में महात्मा का संदेश भूला दिया गया। नरेन्द्र मोदी ने इस संदेश पर काम किया और स्वच्छता के संस्कार को जन-आंदोलन बनाया। अमित शाह ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लगता है कि विज्ञापन से विकास होता है, लेकिन लोगों को ज्यादा दिन तक इस भ्रम में नहीं रखा जा सकता है। आम आदमी पार्टी लोगों को ’आपनिर्भर’ बनाना चाहती है लेकिन हम दिल्ली की जनता को आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं। केजरीवाल दिल्ली नगर निगम का 40 हजार करोड़ बकाया नहीं देना चाहती है। दिल्ली सरकार ने दिल्ली नगर निगम के साथ सौतेला व्यवहार किया। श्री शाह ने कहा कि दिल्ली नगर निगम का पैसा रोककर केजरीवाल निगम का विकास कार्य बंद कराना चाहते हैं लेकिन केंद्र में मोदी सरकार बैठी है, हम दिल्ली वालो को परेशान नहीं होने देंगे।
शाह ने कहा कि दिल्ली नगर निगम कचरे से कंचन बनाने के अनूठे कार्य कर रही है। पंजाबी बाग में 150 टन स्क्रैप से वेस्ट टू वंडर पार्क बनाया जिससे 11 करोड़ रूपए की आय अर्जित की गई है। शाह ने कहा कि दिल्ली की जनता को विज्ञापन या विकास की राजनीति में से चुनना है, उन्हें प्रचार या परिर्वतन में से एक को चुनना है। दिल्ली के लोगों को भ्रष्टाचार या पारदर्शिता में से एक को चुनना है।
उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में दिल्ली की दो विकास यात्रा शुरू हुआ है, आज उसका अहम दिन है। सक्सेना ने कहा कि वेस्ट टू वंडर पार्क का निर्माण हो या कोविड महामारी का समय, दिल्ली के लोगों को गृह मंत्री का मार्गदर्शन मिलता रहा है। सक्सेना ने कहा कि दिल्ली में कूड़े के पहाड़ को हटाने के लिए हम कड़े प्रयास कर रहे हैं। लैंडफिल साइट पर कूड़े को खत्म करने के लिए पहले 6 ट्रोमेल मशीनें काम कर रही थीं आज वहां 46 मशीनें कार्य कर रही हैं। लैंडफिल साइट पर कूड़े की प्रोसेसिंग से इनर्ट मैटेरियल, आरडीएफ और सीएंडडी वेस्ट निकलता है। इनर्ट मैटेरियल को डीडीए, पीडब्ल्यूडी आदि को फिलिंग आदि के कार्य हेतु प्रयोग किया जा रहा है। एनएचएआई से भी इस संबंध में बात की जा रही है। आम लोगों, बिल्डरों से भी इनर्ट मैटेरियल उठाने में सहयोग की अपील की गई है। एक सीमेंट कंपनी द्वारा आरडीएफ उठाया जा रहा है और वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।
सक्सेना ने कहा कि दिल्ली नगर निगम द्वारा सहभागिता स्कीम के माध्यम से आरडब्ल्यूए को कूड़े को स्रोत पर ही पृथकीकरण व प्रोसेस करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। सक्सेना ने जल्द ही और भी वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाए जाएंगे। इसके बाद दिल्ली से रोजाना निकलने वाले सारे कूड़े की प्रोसेसिंग संभव हो सकेगी और दिल्ली कूड़ामुक्त होगी।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि कूड़े के प्रबंधन की दिशा में दिल्ली नगर निगम द्वारा 482 ढलावों को बंद कर दिया गया है और इनके स्थान पर लाइब्रेरी व मनोरंजन केंद्र बनाने का कार्य किया जा रहा है। दिल्ली नगर निगम के 14000 ऑटो टिप्परों से घर घर से कूड़ा उठाया जा रहा है। दिल्ली सरकार कूड़े पर सियासत तो करती है लेकिन कूड़ा प्रबंधन के लिए दिल्ली निगम निगम को पैसे नहीं देती।
सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि कूड़े से बिजली बनाने के इस संयंत्र के लगने से कूड़े के पहाड़ को खत्म करने में मदद मिलेगी। बिधूड़ी ने कहा कि केंद्र सरकार के प्रयास से दिल्ली को एक से बढ़कर एक विकास कार्यों की सौगात मिलती रही है। दिल्ली में प्रदूषण खत्म करने के लिए इस्टर्न पैरिफेरल व वेस्टर्न पैरिफेरल हाइवे का निर्माण हुआ। दक्षिणी दिल्ली में जैव विविधता पार्क, फ्लाईओवर, पार्क या मेट्रो का विस्तार का कार्य भी केंद्र सरकार के फंड से हुआ। दिल्ली को इलेक्ट्रिक बसों की सौगात भी केंद्र सरकार से मिली।
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली के विकास में दिल खोलकर मदद की जा रही है। झुग्गी की जगह मकान, बसंतकुंज से गुड़गांव से प्रस्तावित सुरंग, प्रगति मैदान की सुरंग, पुलिस वार मैमोरियल, कर्तव्य पथ आदि केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली के विकास के लिए बनवाए गए।
दिल्ली नगर निगम के विशेष अधिकारी अश्विनी कुमार ने कहा कि यह प्लांट 15 एकड़ के जमीन पर बना है जिसकी क्षमता का विस्तार भी हो सकता है। बवाना में 3000 मीट्रिक टन क्षमता का प्लांट भी प्रस्तावित है जिसके बाद हम दिल्ली का सारा कूड़ा प्रोसेस कर सकेंगे। कुमार ने कहा कि हम गाजीपुर, बवाना में भी और प्लांट लगाएंगें ताकि शहर के कूड़े की परिवहन लागत कम की जा सके। वहीं, निगमायुक्त ज्ञानेश भारती ने कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सभी गणमान्य लोगों का धन्यवाद अदा किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार व उपराज्यपाल के मार्गदर्शन में हम आगे भी ऐसे कार्य करते रहेंगे।
तेहखंड वेस्ट टू इलेक्ट्रिसिटी प्रोजेक्ट लिमिटेड
तेहखंड वेस्ट टू इलेक्ट्रिसिटी प्रोजेक्ट लिमिटेड एक विशेष परियोजना है, जिसे दक्षिणी दिल्ली के तुगलकाबाद में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट स्थापित करने के लिए पूर्ववर्ती दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (अब एकीकरण के बाद दिल्ली नगर निगम) द्वारा स्थापित किया गया है। इसे नगरीय ठोस अपशिष्ट (एम.एस.डब्ल्यू.) के निपटान के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम-2016 के अनुरुप, तेहखंड में मौजूदा ओखला लैंडफिल के पास स्थापित किया गया है। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने ’स्वच्छ भारत मिशन’ के तहत परियोजना को 105 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की है।
इस परियोजना को जेआईटीएफ अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (जेयूआईएल) द्वारा कुल 475 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित किया गया है जिसमें 125 करोड़ रुपए का इक्विटी निवेश व 250 करोड़ का ऋण शामिल है। यह प्रतिदिन लगभग 2,000 मीट्रिक टनएमएसडब्ल्यू को वैज्ञानिक रूप से संसाधित करने और 25 मेगावाट हरित ऊर्जा पैदा करने के लिए उपयुक्त होगा। जेयूआईएल, जिंदल एस.ए.डब्ल्यू. लिमिटेड के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है जो जल,अपशिष्ट जल और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्रों में मौजूदा मानदंडों को पुर्नपरिभाषित कर रही है और एक सुरक्षित व सतत भविष्य के लिए एक मजबूत नींव रखने में शामिल है।
टीडब्लयूईपीएल एक आधुनिक संयंत्र है जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरुप कार्य करता है। रोजाना की जरूरत से 10-15 गुना तक कूड़े को संयंत्र में मौजूद पिट में ही संग्रहित किया जा सकता है और इसे इस प्रकार प्रबंधित किया जाता है जिससे इसमें बदबू भी ना हो।दिल्ली के लोगों को समर्पित यह संयंत्र अगले 6-7 सालों में करीब 50 लाख मीट्रिक टन कूड़े को लैंडफिल साइट पर जाने से बचाएगा। दिल्ली नगर निगम की यह पहल ग्रीनहाउस गैसों जैसे -मीथेन के उत्सर्जन पर अंकुश लगाने में मददगार होगी और इन गैसों को वायुमंडल में घुलने से रोकेगी यह मीथेन के साथ-साथ अन्य हानिकारक गैसों को भी वायुमंडल में घुलने से रोकेगी।
यह संयंत्र कूड़े से बिजली बनाने के कार्य करेगा और इस बिजली को स्टेट ग्रिड को उपलब्ध कराया जाएगा। यह स्वच्छ ऊर्जा बिजली उत्पादन में जीवाश्म ईंधन के प्रयोग को भी हतोत्साहित व कम करने में मदद करेगा जिससे ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में भी कमी आएगी। यह संयंत्र कूड़े से कम्पोस्ट के अलावा, लौह व गैर-लौह धातुओं को भी अलग करने में मदद करेगा जिससे धातुओं को कूड़े में मिलने से बचाया जा सकेगा। इन धातुओं की रिसाइकिलिंग से एक प्रकार हमें ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को रोकने में भी मदद मिलती है क्योंकि कच्चे माल से नई धातु बनाने में ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन होता है।
इस प्रकार, एक टन कूड़े को लैंडफिल के बजाय संयंत्र में काम लिए जाने से औसतन एक टन कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन रोका जा सकता है यानि अगले 6-7 सालों में हम 50 लाख टन कार्बन डाई ऑक्साइड के बराबर ग्रीन हाउसगैसों का उत्सर्जन रोक सकेंगे।इसके अलावा, यह दिल्ली के 25 हजार घरों को बिजली देगा जो स्वच्छ ऊर्जा होगी। यह स्टेट ग्रिड को सालाना 200 मिलियन यूनिट (एमयू) स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराएगा। यह ऊर्जा का एक बेहतर स्रोत बनकर सतत ऊर्जा उपलब्ध कराएगा।