देश भर के खादी ग्रामोद्योग संस्था के तत्कालीन चेयरमैन विनय सक्सेना ने अपने कैशियर पर पुराने नोट लेकर उनको नए नोटों में बदलने का दबाव डाला- खादी ग्रामोद्योग के दो कैशियर ने विनय कुमार सक्सेना के ख़िलाफ़ बयान दिया फ़िर भी उनकी जांच क्यों नहीं हुई?- सीबीआई और केंद्र सरकार से मांग है कि विनय कुमार सक्सेना पर 1400 करोड़ के घोटाले की सीबीआई जांच कराई जाए- यह स्पष्ट तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है तो ईडी इसकी जांच करे और इनके पुराने ऑफिस-आवास पर रेड होनी चाहिए- नोटबंदी के दौरान ब्लैकमनी को व्हाइट मनी करने वाले व्यक्ति को दिल्ली के उपराज्यपाल जैसे बड़े संवैधानिक पद पर क्यों बैठाया गया? सीबीआई-ईडी की जांच तक विनय कुमार सक्सेना को एलजी के पद से हटाया जाना चाहिए: आतिशी
नई दिल्ली, 29 अगस्त 2022 : आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि जब देश के लोग नोटबंदी के दौरान 12-12 घंटे लाइन में खड़े थे तब दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ब्लैक मनी को व्हाइट करने में लगे थे। देश भर के खादी ग्रामोद्योग संस्था के तत्कालीन चेयरमैन विनय सक्सेना ने अपने कैशियर पर पुराने नोट लेकर उनको नए नोटों में बदलने का दबाव डाला। खादी ग्रामोद्योग के दो कैशियर ने विनय कुमार सक्सेना के ख़िलाफ़ बयान दिया फ़िर भी उनकी जांच क्यों नहीं हुई? सीबीआई और केंद्र सरकार से मांग है कि विनय कुमार सक्सेना पर 1400 करोड़ के घोटाले की सीबीआई जांच कराई जाए। यह स्पष्ट तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है तो ईडी भी इसकी जांच करे। इनके पुराने ऑफिस-आवास पर रेड होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के दौरान ब्लैकमनी को व्हाइट मनी करने वाले व्यक्ति को दिल्ली के उपराज्यपाल जैसे बड़े संवैधानिक पद पर क्यों बैठाया गया? सीबीआई-ईडी की जांच तक विनय कुमार सक्सेना को एलजी के पद से हटाया जाना चाहिए।
आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और विधायक आतिशी ने कहा कि आज दिल्ली विधानसभा में राजेंद्र नगर के विधायक दुर्गेश पाठक ने पूरे सदन के सामने चौंका देने वाले तथ्य सामने रखे हैं, जो केवल दिल्ली वासियों के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देशवासियों के लिए एक बहुत बड़ी चिंता का विषय है। पूरे देश ने देखा था कि किस तरह से 9 नवंबर 2016 को पूरे देश में नोटबंदी लगाई गई। उस नोटबंदी पूरे देश पर गहरा आर्थिक असर पड़ा। देश में करोड़ों लोग लाइनों में लग गए ताकि जो थोड़ी बहुत जमा पूंजी घर पर रखी थे, उसे नए नोटों में बदलवाने के लिए। लोग घंटो घंटो लाइन में खड़े रहे। बैंको के बाहर जब लोग 12-12 घंटे लाइन में खड़े रहे तो उस दौरान कई लोगों की मृत्यु हो गई। नोटबंदी के दौरान बहुत सारे बिजनेस बंद हो गए, लोगों की नौकरियां चली गई।
‘आप’ विधायक आतिशी ने कहा कि आज जो तथ्य विधानसभा में रखे गए, उससे यह सामने आया है कि जब पूरा देश लाइनों में लगा हुआ था। जब देश के लोगों के पास खाना खरीदने के पैसे नहीं थे तो विनय कुमार सक्सेना जी, जो आज दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर है। वह उस समय खादी ग्रामोद्योग (केवीआईसी) के देशभर के चेयरमैन थे। उन्होंने देश भर में खादी ग्रामोद्योग के भवनों को ब्लैक मनी को व्हाइट करने का काम किया है। उनके ही केवीआईसी के दो कैशियर संजीव कुमार और प्रदीप यादव ने इंक्वायरी कमेटी की अलग-अलग एजेंसीज के सामने बयान दिया। एक कैशियर के लिए आरोप लगाना आसान नहीं होता है, क्योंकि वह छोटे लेवल का अधिकारी होता है। दोनों ने देश भर के खादी ग्राम उद्योग संस्था के चेयरमैन पर आरोप लगाया। प्रदीप यादव और संजीव कुमार ने यह लिखित बयान देकर कहा कि हम पर पुराने नोटों को नए नोटों में बदलने का दबाव डाला गया। चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना द्वारा दवाब डाला गया। हमें कहा गया अगर तुमने ब्लैक मनी को व्हाइट नहीं किया तो तुम्हारा तबादला कर देंगे तुम्हें दिल्ली से बाहर भेज देंगे। यह सिर्फ एक ब्रांच के कैशियर थे, जिन्होंने कहा कि खादी ग्रामोद्योग की सिर्फ एक ब्रांच में मात्र 22 लाख रुपये ब्लैक से व्हाइट हुए। खादी ग्रामोद्योग की पूरे देश भर में सात हजार से ज्यादा ब्रांच हैं।
उन्होंने कहा गया है जैसा विधानसभा के सामने कहा गया उस पर हम अनुमान लगाएं तो यह 1400 करोड़ का घोटाला है। सवाल उठता है कि अगर यह 1400 करोड़ का घोटाला हुआ है और विनय कुमार सक्सेना के दबाव में हुआ है तो विनय कुमार सक्सेना जी की जांच क्यों नहीं हो रही है? जब सीबीआई ने इस मामले पर जांच शुरू की, तो कई छोटे छोटे लेवल के अधिकारियों पर यह जांच शुरु हो गई। लेकिन जिस चैयरमैन विनय कुमार सक्सेना के खिलाफ इन दोनों कैशियर ने बयान दिया था, उनको सीबीआई की जांच में शामिल नहीं किया
हम यह मांग करते हैं कि विनय कुमार सक्सेना क्ष पर इस घोटाले के लिए सीबीआई की जांच होनी चाहिए। उनको सीबीआई की जांच में शामिल कर उन पर भी एफआईआर होनी चाहिए। हमारी सीबीआई और केंद्र सरकार से मांग है कि अगर आप में हिम्मत है तो विनय कुमार सक्सेना पर 1400 करोड़ के घोटाले पर सीबीआई की जांच कराई जाए। हमारी दूसरी मांग है कि यह साफ तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस निकल कर आ रहा है, जो पीएमएलए एक्ट में इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट द्वारा जांच होनी चाहिए। केंद्र सरकार से मांग है कि ईडी द्वारा विनय कुमार सक्सेना पर केस दर्ज होना चाहिए। जिस तरह सीबीआई और ईडी जांच करती है, उसके तहत इनके पुराने ऑफिस और पुराने आवास पर रेड होनी चाहिए। जिससे कि यह पता चले कि किसी प्रकार का सबूत इनके द्वारा छुपाया तो नहीं गया है।
विधायक आतिशी ने कहा कि अगर नोटबंदी के दौरान कोई ब्लैक मनी से व्हाइट मनी कर रहा था, तो उनको दिल्ली का उपराज्यपाल क्यों बनाया गया? अगर कोई इतने बड़े घोटाले में शामिल था, तो इतने बड़े संवैधानिक पद पर क्यों बैठाया गया? हमारी मांग है कि जब तक यह जांच चल रही है तब तक विनय कुमार सक्सेना को एलजी के पद से हटाया जाना चाहिए, ताकि जांच निष्पक्ष तरीके से हो सके।