Thursday, March 6, 2025
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2.25 लाख बच्चे वितीय संकट के स्कूल प्रणाली से बाहर है : चौ0 अनिल कुमार

  • दिल्ली सरकार द्वारा कराए गए सामाजिक-आर्थिक सर्वे के बाद यह उजागर हुआ कि 6-17 आयु वर्ग के 2.25 लाख बच्चे वितीय संकट के स्कूल प्रणाली से बाहर है, जिससे अरविन्द सरकार का शिक्षा मॉडल सामने आ गया है
  • दिल्ली कांग्रेस ने उजागर किया कि 54 लाख दिल्लीवासियों को लॉकडाउन के दौरान राशन से वंचित रखा गया और सर्वे में सामने आया कि 59.21 प्रतिशत लोगों के राशन कार्ड के आवेदन कई वर्षों से लंबित है

नई दिल्ली : दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा नवंबर 2018 से नवंबर 2019 के बीच दिल्ली की लगभग आधी जनसंख्या 1.02 करोड़ लोगों पर कराए गए सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के बाद यह तथ्य सामने आए हैं 6 वर्ष तक के 6 लाख बच्चे आगनबाड़ी तक नही जा पा रहे है और 6 से 17 वर्ष के बीच के 2,21,694 बच्चे स्कूल शिक्षा प्रणाली से बाहर हैं, जिससे दिल्ली सरकार के शिक्षा मॉडल की पोल खुल गई है। वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश में राजनीतिक पैर पसारने के लिए दिल्ली के शिक्षा मॉडल की दुहाई दे रही है। आम आदमी पार्टी अपने शासित दिल्ली प्रदेश में कोविड महामारी, प्रदूषण और आर्थिक कमी के कारण उत्पन्न समस्याओं को निपटाने की जगह दूसरे राज्यों में राजनीतिक प्रचार कर रही है।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि नवम्बर 2020 में आई सर्वेक्षण की रिपोर्ट जिसके आदेश जुलाई 2018 में पूर्वी दिल्ली के मंडावली में भुखमरी के कारण की तीन नाबालिक लड़कियों की संदिग्ध मौत के बाद दिए गए गए, अरविन्द सरकार रिपोर्ट की सच्चाई से भाग नही सकती। यह तीनों नाबालिक लड़कियाँ मंडावली के आंगनवाड़ी नंबर 62 के क्षेत्र में किराए के मकान में रहती थी। इनकी मौत के बाद सरकारी जांच में अधिकारियों ने इनका नाम स्थानीय आंगनवाड़ी रिकॉर्ड में जोड़ा था क्योंकि यह क्षेत्र उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का विधानसभा क्षेत्र में आता है, जबकि सच्चाई में वह परिवार कई दिनों खाने के अभाव में जी रहा था। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस ने यह खुलासा किया था कि दिल्ली की अरविन्द सरकार ने 54 लाख लोगों को लॉकडाउन के दौरान राशन से वंचित किया है जबकि उनका राशन कार्ड बनाने का आवेदन खाद्य आपूर्ति विभागों में कई वर्षों से लंबित है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के 59.21 प्रतिशत परिवारों के पास खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा जारी किए गए राशन कार्ड नहीं हैं।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि नवंबर 2020 में रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया गया और रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए, जबकि मुख्यमंत्री अरविन्द और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया शिक्षा मॉडल की दुहाई देते है। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण से यह तथ्य उजागर हुए हैं कि 6 से 17 वर्ष (या कुल का 9.76 प्रतिशत) के बीच के 2,21,694 बच्चे स्कूल शिक्षा प्रणाली ग्रहण करने से बाहर हैं। इस आयु वर्ग में स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों में 29.2 प्रतिशत का मुख्य कारण वित्तीय संकट है और 13.50 प्रतिशत बच्चे कई घरेलू कामों में लगे हुए हैं। सर्वे की रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि शहर के 42.59 प्रतिशत घरों में प्रति माह 10,000 रुपये से कम खर्च होता है और दिल्ली के 90 प्रतिशत घरों में 25 हजार से कम का मासिक खर्च है। जबकि कोविड महामारी के कारण लॉकडाउन बाद लोगों के रोज़गार खत्म हो गए और उद्योग धंधे बंद होने के बाद लोगों पर आर्थिक संकट गहरा गया है। चौ0 अनिल कुमार ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया कि जब इतने कम बजट में लोग दिल्ली में जीविका पालन कर रहे है, तो अरविन्द सरकार दिल्लीवासियों के विकास के झूठे प्रचार और बयानबाज़ी क्यों कर रही है।

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