- दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार के नेतृत्व में न्याय मार्च आंदोलन के तहत एमसीडी कर्मचारियों के रुके हुए वेतन का तत्काल भुगतान करने की मांग की
- कोविड की ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले सफाई कर्मचारियों को 1 करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग की
- सफाई कर्मचारी यूनियनों के साथ कांग्रेस कार्यकर्ता ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के लाजपत नगर सेन्ट्रल जोन पर धरना दिया
नई दिल्ली : दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार के नेतृत्व में आज कांग्रेस कार्यकर्ताओं और सफाई कर्मचारी यूनियन के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम सेंट्रल जोन लाजपत नगर कार्यालय के बाहर एमसीडी कर्मचारियों के रुके हुए वेतन का भुगतान तुरंत प्रभाव से करने, निगम सफाई कर्मचारियों जिन्होंने कोरोना ड्यूटी के दौरान जान गंवाई उन्हें कोरोना यौद्धाओं के लिए दिल्ली सरकार द्वारा घोषित 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग के साथ न्याय मार्च आंदोलन के तहत धरना दिया।
चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार और भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम निगम कर्मचारियों को वेतन देने के नाम पर सिर्फ बहाने बना रहे है, जबकि कोविड-19 महामारी के चलते निगम कर्मचारी खास कर सफाई कर्मचारी भारी आर्थिक संकट से जूझ रहे है क्योंकि इन्हें 3-4 महीनों से वेतन नही दिया गया है। चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि आप पार्टी ने दलितों के सहारे और दलितों को सब्जबाग दिखाकर सत्ता हासिल की, परंतु आज कोविड महामारी के दौर में जब लोगां को अपनी आजीविका चलाना दूभर हो रहा है, ऐसे में भाजपा और आप पार्टी एक दूसरे पर आरोप लगाकर अपनी जिम्मेदारी से भाग रहीं है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान जान गंवाने वाले निगम सफाई कर्मचारियों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा और परिवार के आश्रित को नौकरी दिलाने की लड़ाई जारी रहेगी।
सेंट्रल जोन निगम कार्यालय लाजपत नगर में न्याय मार्च आंदोलन में प्रदेश अध्यक्ष चैधरी अनिल कुमार के साथ प्रदेश उपाध्यक्ष श्री जय किशन, श्री अभिषेक दत्त, दिल्ली प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष अमृता धवन, पूर्व विधायक अमरीश गौतम, जिला अध्यक्ष दिनेश कुमार एडवोकेट, विरेन्द्र कसाना और राजेश चौहान, निगम पार्षद दर्शना जाटव और शोएब दानिश, परवेज आलम, सुभाष मल्होत्रा, पुष्पा सिंह, सहित भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और सफाई कर्मचारी यूनियन के कार्यकर्ता मौजूद थे। सफाई कर्मचारियों को वेतन न मिलने पर दिल्ली में भाजपा शासित नगर निगमों और अरविंद सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, जबकि कोविड के संकट के दौरान इनका योगदान अमूल्य रहा है। दिल्ली कांग्रेस ने सफाई कर्मचारी यूनियनों के साथ मिलकर न्याय मार्च के तहत सभी एमसीडी जोनल कार्यालयों के बाहर धरने का आयोजन किया जा रहा है।
प्रदेश उपाध्यक्ष जय किशन ने कहा कि आम आदमी पार्टी और भाजपा के दलित नेताओं को चेतावनी दी कि वे सफाई कर्मचारियों के हकों और उन्हें मिलने वाले अधिकारों को दिलाए, अन्यथा इस्तीफा दें। श्री जय किशन ने दलित समुदाय के लोगों से अपील की कि अगर उन्हें उनका अधिकार नही मिलता है तो वे भाजपा और आप पार्टी के दलित नेताओं का सार्वजनिक रुप से बहिष्कार करे, क्योंकि यह नेता सिर्फ आपका इस्तेमाल कर रहे है, आपके अधिकारों की लड़ाई नही लड़ रहे है।
चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली की अरविन्द सरकार महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों के प्रति संवेदनशील नही है, जबकि चुनाव से पूर्व अपने घोषणा पत्र में उन्होंने महिलाओं की रक्षा और सुरक्षा के बहुत से वायदे किए थे और दलित वर्ग जिनमें अधिक सफाई के कार्य से जुड़े है उनको नियमित रोजगार देने और अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारियों को स्थायी करने का वायदा किया था, सभी वायदे खोखले साबित हुए। उन्होंने कहा कि निगम के साथ-साथ दिल्ली सरकार और दिल्ली विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को कई महीनों से वेतन नही दिया गया है। जबकि अरविन्द सरकार दलितों के विकास और उत्थान की बात करती है।