- अपने हक के लिए लड़ रही महिलाओं से माफी मंगवाना शर्मनाक: आदेश गुप्ता
- प्रदर्शन कर रही महिलाओं को माफी पत्र लिखने के लिए बनाया जा रहा है दवाब
नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार तानाशाही रवैया अपनाते हुए आंगनबाड़ी की 90 से अधिक महिलाओं को बर्खास्त करने का नोटिस भेज दिया है जबकि महिला एवं बाल विकास विभाग ने इन महिलाओं को तत्काल प्रभाव से सिर्फ इसलिए बर्खास्त कर दिया है क्योंकि वे अपने अधिकारों के लिए दिल्ली सरकार के खिलाफ आवाज उठा रही थीं। दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने सोमवार को केजरीवाल सरकार पर उक्त आरोप लगाये। अध्यक्ष गुप्ता ने कहा कि पिछले 45 दिनों से अधिक समय से प्रदर्शन कर रही महिलाओं को माफी पत्र लिखने के लिए दवाब बनाया जा रहा है जो कि बेहद ही शर्मनाक बात है।
अध्यक्ष गुप्ता ने कहा कि महिला सम्मान की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले केजरीवाल ने पंजाब चुनाव से पहले वायदा किया था कि आंगनवाड़ी महिलाओं को वे नियमित करेंगे लेकिन जैसे ही चुनाव खत्म हुआ उन्होंने अपना असली चेहरा सबको दिखा दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने आंगनवाड़ी के ऊपर पहले ‘अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून’ यानि एस्मा लागू किया और अब उनका दमन कर रही है। कोरोना काल में जिस तरह से आंगनवाड़ी महिलाओं ने दिन-रात एक कर लोगों की सेवा की है, वह सबने देखा है और आज इस तरह से उनकी आवाज़ों को दबाना इंसानीयत को शर्मसार करना है। यह केजरीवालसरकार के ‘मॉडल’ का एक प्रमाण है।
- 22 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को न्यूनत्तम रोजगार भत्ता भी नहीं दिया जाता है
गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में करीब 22 हजार आंगनबाड़ी महिलाएं काम कर रही हैं लेकिन उन्हें न्यूनत्तम रोजगार भत्ता के अंतर्गत भी नहीं रखा गया है। आंगनबाड़ी महिलाओं को प्रतिमाह जितने रुपये मिलते हैं वह एक परिवार को चलाने के लिए यह पर्याप्त नहीं है। उन्होंने केजरीवाल से मांग की है कि आंगनबाड़ी महिलाओं का वेतन कम से कम 25 हजार रुपये तक होना चाहिए ताकि महिलाएं अपने परिवार का भरण-पोषण अच्छी तरह कर सके।