नई दिल्ली, 13 जुलाई 2022: दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा है कि ऐसा लगता है कि आम आदमी पार्टी नेताओं के बीच नगर निगम पर आरोप प्रत्यारोप लगाने की प्रतियोगिता चल रही है, मंगलवार को विधायक अतिशी एवं सौरभ भारद्वाज ने सम्पति कर को लेकर अनर्गल आरोप लगाये तो आज विधायक दुर्गेश पाठक पूर्व निगम नेताओं की फौज के साथ झूठे आरोप लगाने और भ्रम फैलाने को सामने आये। प्रवक्ता कपूर ने कहा कि दुर्गेश पाठक और उनके साथ प्रेसवार्ता में बैठे पूर्व निगम नेता गत पाँच साल से नगर निगम पर काम कर रहे हैं और दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्हें फिर भी इतना नहीं मालूम की नगर निगम में 2004 से यूनिट एरिया प्रणाली लागू है जिसके अंतर्गत सम्पति मालिक स्वयं अपने कर का आंकलन कर नगर निगम मे जमा कराता है। व्यवस्था अनुसार नगर निगम उन्हें वार्षिक टैक्स नोटिस जारी नहीं करता है जिसके कारण अधिकांश सम्पति मालिकों को अपनी टैक्स देनदारी का एहसास ही नहीं होता।
इस कारण दिल्ली में लाखों पंजीकृत सम्पतियाँ होते हुऐ भी खेदपूर्ण है कि उनमें से बहुत कम का समय पर पूरा टैक्स जमा होता है। दुर्गेश पाठक ने बुधवार को एक ओर कहा कि नगर निगम लोगों को सम्पति कर नोटिस भेजकर परेशान कर रहा है तो दूसरी और कहा कि निगम सबको नोटिस ना दे केवल उन्हें ही नोटिस दे जो सम्पति कर नहीं दे रहे। साथ ही दुर्गेश पाठक ने कहा कि निगम लोगों से 2004 से आज तक की मासिक सम्पति कर रसीदें मांग रहा है जो भ्रमात्मक है।
सच यह है कि नगर निगम नोटिस देता ही केवल उन सम्पति स्वामियों को है जिनका टैक्स 3 से अधिक वर्ष का बाकी होता है और यूनिट एरिया प्रणाली में जब विभाग टैक्स मांगता है तो 2004 से बकाया मांगता है। साथ ही दुर्गेश पाठक को मालूम होना चाहिए कि सम्पति कर मासिक नहीं वार्षिक दिया जाता है। दिल्ली भाजपा प्रवक्ता ने कहा है कि सभी सम्पति मालिकों को 2004 से टैक्स देना अनिवार्य नहीं होता है। उन्हें जब से सम्पति खरीदी या बनाई है, उस वर्ष से टैक्स देना होता है और यूनिट एरिया प्रणाली के अंतर्गत यह सूचना सम्पति मालिक को ही देनी होती है। इसके अतिरिक्त नगर निगम हर वर्ष लोगों को सम्पति कर जमा कराने के लियें 15 प्रतिशत की विशेष प्रोत्साहन छूट देता है जो आजकल भी चल रही है, साथ ही पुराने बकाये पर भी ब्याज छूट देता है और आज कल नगर निगम उसी का लाभ लेने लिये लोगों प्रोत्साहित करने हेतु लोगों को नोटिस भेजकर सूचित कर रहा है पर दुर्भाग्यवश आम आदमी पार्टी नेता भ्रम फैला रहे हैं।