विधायक सौरभ भारद्वाज ने दक्षिणी दिल्ली क्षेत्र बड़े पैमाने पर कृत्रिम घाट बनाने में की मदद – मां दुर्गा की प्रतिमा का कृत्रिम तालाबों में ही विसर्जन सुनिश्चित करने के प्रशासन को निर्देश दिए हैं – यमुना नदी की सफाई और मां दुर्गा के भक्तों को उनके धार्मिक दायित्वों को पूरा करने में कृत्रिम तालाब मदद करेंगे- सौरभ भारद्वाज
नई दिल्ली, 04 अक्टूबर, 2022 : आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने सीआर पार्क और ग्रेटर कैलाश में बनाए गए कृत्रिम घाटों का आज दौरा किया। विधायक सौरभ भारद्वाज ने दक्षिणी दिल्ली क्षेत्र बड़े पैमाने पर कृत्रिम घाट बनाने में मदद की है। विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मां दुर्गा की प्रतिमा का कृत्रिम तालाबों में ही विसर्जन सुनिश्चित करने के प्रशासन को निर्देश दिए हैं। यमुना नदी की सफाई और मां दुर्गा के भक्तों को उनके धार्मिक दायित्वों को पूरा करने में कृत्रिम तालाब मदद करेंगे।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और ग्रेटर कैलाश विधायक सौरभ भारद्वाज जी ने दुर्गा पूजा के समापन के मौके पर ग्रेटर कैलाश विधानसभा क्षेत्र के सीआर पार्क और अन्य क्षेत्रों में मां दुर्गा की मूर्तियों के विसर्जन के लिए उनके निर्देशन में बनाए गए कृत्रिम घाटों या तालाबों का दौरा किया। यमुना नदी में प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष के निर्देशन में कृत्रिम घाट बनाए गए हैं। अस्थाई घाट स्थिरता के सिद्धांत का प्रतिनिधित्व करते हैं क्योंकि वे यमुना तक पहुंचने और नदी की प्राकृतिक पारिस्थितिकी में बाधा डालने वाले मां दुर्गा की मूर्तियों के निर्माण में प्रयुक्त रसायनों और अन्य सामग्रियों को रोक लेंगे।
दिल्ली जल बोर्ड दुर्गा पूजा समारोह के दौरान यमुना को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए काम कर रहा है। सीआर पार्क को शहर में दुर्गा पूजा समारोहों का केंद्र माना जाता है। विधायक सौरभ भारद्वाज ने इस बार सुनिश्चित किया है कि मां दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन यमुना में नहीं हो और अधिकारियों ने इसके लिए दुर्गा पूजा पंडालों के पास कृत्रिम घाट बनाए हैं। डीजेबी के उपाध्यक्ष ने दिल्ली विकास प्राधिकरण को मां दुर्गा की मूर्तियों के विसर्जन के लिए नेहरू प्लेस के पास आस्था कुंज में विसर्जन घाटों की खुदाई की अनुमति देने के लिए कहा, जिस पर डीडीए ने सहमति दी। पिछले साल मूर्ति विसर्जन के लिए कृत्रिम घाटों की खुदाई के वास्ते डीडीए की ओर से कोई सहयोग नहीं मिला था।
विधायक सौरभ भारद्वाज जी के प्रयासों से दुर्गा पूजा पंडालों के पास 5 कृत्रिम घाटों का विकास किया गया है। दक्षिण दिल्ली के अन्य दुर्गा पूजा पंडालों से मूर्ति विसर्जन के लिए आस्था कुंज में एक बड़े आकार का कृत्रिम घाट बनाया गया है। यहां कृत्रिम घाट और बनाना संभव नहीं था। आस्था कुंज इन सभी कृत्रिम तालाबों में सबसे बड़ा तालाब है, जोकि लगभग 15-20 पानी के टैंकरों की क्षमता रखता है। जिसमें बड़ी मूर्तियां भी आसानी से विसर्जित की जा सकेंगी। विसर्जन के लिए स्थानीय दुर्गा पूजा समितियों को अलग-अलग समय दिया गया है ताकि सभी श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के विसर्जन कर सकें। आस्था कुंज के अलावा ग्रेटर कैलाश-II के बी-ब्लॉक, डी-ब्लॉक, को-ऑपरेटिव ग्राउंड, सीआर पार्क में मेला ग्राउंड और ई-ब्लॉक में पांच कृत्रिम घाट विकसित किए गए हैं।
दिल्ली जल बोर्ड उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि सभी तालाबों में उचित मात्रा में पानी हो। अधिकारियों को कृत्रिम रूप से बनाए गए घाटों पर उचित रोशनी व्यवस्था स्थापित करने का भी निर्देश दिया है, ताकि श्रद्धालु देर शाम और रात में भी मां दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन आसानी से कर सकें।
धर्म और पर्यावरण साथ-साथ
दुर्गा पूजा शुरू होने से ठीक पहले उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज जी ने दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली पुलिस, बाढ़ और सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, दक्षिण दिल्ली के तीन एसडीएम और कई दुर्गा पूजा के प्रतिनिधियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी। यह सुनिश्चित करने के लिए की समितियों की इस वर्ष दुर्गा पूजा भव्य हो। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मां दुर्गा की प्रतिमा को श्रद्धालुओं को सीधे यमुना नदी में विसर्जित करने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने बाढ़ एवं सिंचाई विभाग को कृत्रिम तालाब बनाने को कहा और दिल्ली जल बोर्ड को इन तालाबों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। संबंधित अधिकारियों को दुर्गा पूजा के पंडालों के आसपास की सड़कों के सौंदर्यीकरण, क्षेत्र में बेहतर साफ-सफाई, स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था और उनके निर्वाचन क्षेत्र और पूरी दक्षिण दिल्ली के भक्तों की सुविधा के लिए कड़ी सुरक्षा के निर्देश दिए।
दिल्ली जल बोर्ड उपाध्यक्ष ने कहा कि दिल्लीवासियों के कल्याण के लिए समर्पित सरकार के रूप में हमें यह सुनिश्चित करना है कि मां दुर्गा के एक भी भक्त को पूजा के दौरान या उसके बाद किसी भी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़े। कृत्रिम तालाब यमुना नदी की सफाई और मां दुर्गा के भक्तों को उनके धार्मिक दायित्वों को पूरा करने में मदद के दोनों उद्देश्यों के बीच सामंजस्य स्थापित करेंगे। उन्होंने कहा कि हमें यमुना में मूर्ति विसर्जन के संबंध में एनजीटी के निर्देशों का पालन करना चाहिए, ताकि 2025 तक माननीय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी द्वारा निर्धारित यमुना की सफाई का उद्देश्य पूरा हो सके।