- – छात्रों को परेशानी को देखते हुए एबीवीपी जेएनयू का अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन जारी – हॉस्टल, फेलोशिप और ऑफलाइन क्लास में सामान्य छात्रों को आ रही परेशानी को लेकर शुरू किया गया एबीवीपी जेएनयू का सत्याग्रह आंदोलन जारी
नई दिल्ली, 18 अगस्त 2022 : बीते 12 अगस्त को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की जेएनयू इकाई ने जेएनयू प्रशासन के छात्रों के प्रति नकारात्मक रवैये से तंग आकर अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन की शुरुवात की। हॉस्टल, फ़ेलोशिप और पढाई तीनों ही एक विद्यार्थी के लिए आधारभूत मुद्दा और मांग हैं। वर्तमान समय में जेएनयू प्रशासन इन तीनो ही मुद्दों पर फेल साबित हुआ है। विद्यार्थियों को हॉस्टल अलोट करने की प्रक्रिया से लेकर उनकी प्लेट में ठीक भोजन हो, उसके सिर पर ऐसी छत हो जिसके गिरने का डर विद्यार्थी को हर समय न सता रहा हो, और पीने का साफ़ पानी तो मौलिक अधिकार है, उसका भी हनन इस विश्वविद्यालय में हो रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन पिछले कई महीनों से यही रट लगा रहा है की उसे 56 करोड़ रुपये भारत सरकार से छात्रावास मरम्मत हेतु मिले हैं। वे 56 करोड़ कहाँ हैं, इस बात पर जेएनयू प्रशासन को मानो साप सूंघ लेता है।
छात्रावास के मुद्दे के अलावा जेएनयू प्रशासन के पास छात्रों को एमसीएम और फेलोशिप देने के लिए पूरे साल फंड का अभाव ही नजर आता है। इसके अलावा प्रशासन के पास ऑफलाइन क्लास का भी कोई ब्लू प्रिंट नहीं है। जेएनयू के छात्रों के लिए सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि ऐसे मुश्किल घड़ी में जेएनयूएसयू एकदम चुप्पी धारण किए हुए जेएनयू प्रशासन को अपना समर्थन दे रही है। इकाई अध्यक्ष रोहित कुमार का कहना है “नकारे जेएनयूएसयू और जेएनयू प्रशासन की मिलीभगत का खामियाजा आम छात्रों को उठाना पड़ रहा है। जब तक जेएनयू प्रशासन छात्रों के मुद्दों का समाधान नहीं निकालता, विद्यार्थी परिषद का सत्याग्रह आंदोलन जारी रहेगा।”
इकाई मंत्री उमेश चंद्र अजमीरा का कहना है “विद्यार्थी परिषद हमेशा से छात्र हित के लिए खड़ा रहा है। जेएनयू में चाहे वाईफाई की सुविधा हो, कैंपस के अंदर ई रिक्शा हो या नए हॉस्टल का निर्माण हो, ये सभी सकारात्मक परिणाम परिषद के संघर्ष से ही सफल हो सका है। आगे भी छात्रहितो के लिए विद्यार्थी परिषद छात्रों के बेहतरी के लिए सदैव खड़ा रहेगा।”