- – प्रदेश अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने आज DUSIB द्वारा जन सुविधा कॉम्पलेक्सों के ऑपरेशन, मैनेजमेंट और मैंटेनेंस से जुड़े टेंडर प्रक्रिया में DUSIB उपाध्यक्ष, शहरी विकास मंत्री मनीष सिसोदिया के संरक्षण और मिलीभगत से हुए भ्रष्टाचार, अनियमितताओं व नियमों के उलंघन करने के संबध में शिकायत दर्ज कराई- शराब घोटाले और क्लास घोटाले के बाद मनीष सिसोदिया के शौचालय घोटाले को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने उजागर किया।
नई दिल्ली, 20 सितम्बर, 2022: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार के नेतृत्व में दिल्ली कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली के उपराज्यपाल से मिलकर दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड द्वारा जन सुविधा कॉम्पलेक्सों के ऑपरेशन, मैनेजमेंट और मैंटेनेंस से जुड़े टेंडर प्रक्रिया में डूसीब उपाध्यक्ष, शहरी विकास मंत्री श्री मनीष सिसोदिया के संरक्षण और मिलीभगत से हुए भ्रष्टाचार, अनियमितताओं व नियमों के उलंघन के संबध में ज्ञापन सौंपकर शिकायत दर्ज कराई। उपराज्यपाल वी.के सक्सेना ने कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि आपकी शिकायत पर ध्यान दिया जायेगा और जांच में पाये गए दोषियों पर कानूनी कार्यवाही की जायेगी।
चौ0 अनिल कुमार ने बताया कि डूसीब ने परंपरागत रुप से ई-प्रोक्यूरमेंट वेबसाईट से टेंडर को बदलकर GeM पोर्टल से ऐसी कम्पनी को 559 जन सुविधा कॉम्पलेक्स की 18620 शौचालयों के लिए 118.80 करोड़ का टेंडर देने के लिए आवेदक बनाया गया जो कम्पनी बोर्ड ने प्रतिबंधित किया हुआ था, जबकि इससे पहले छोटे-छोटे टेंडर करके कई कम्पनियों को दिए जाते थे। उन्होंने बताया कि जब श्री मनीष सिसोदिया ने खुद खराब प्रदर्शन के कारण 27 जनवरी 2022 को M/S Sainath Sales & Services Pvt-Limited को 2 सालों के लिए प्रतिबंधित किया, हाई कोर्ट से भी उन्हें 08-06-2022 के आदेशानुसार प्रदर्शन को लेकर कोई क्लीन चिट नहीं मिली, इसके बावजूद टेक्निकल बिड के स्टेज पर उनके टेंडर को खारिज क्यों नहीं किया गया।
ज्ञापन में चौ0 अनिल कुमार ने प्रश्न उठाया कि GeMपोर्टल पर टायलेट रख-रखाव से जुड़ी जब कोई भी कम्पनी DUSIB द्वारा टेंडर निकालने के दो दिन पहले जांच के उपरांत उपलब्ध नही थी फिर भी ळमडपोर्टल पर टेंडर क्यों निकाला गया। उन्होंने बताया कि GeMपोर्टल की शर्तों के अनुरुप जब प्रतिबंधित/खराब कामकाज करने वाली कम्पनी टेंडर में भाग नही ले सकती, तो फिर M/S Sainath Sales & Services Pvt-Limited ने कैसे टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि यह बड़ा प्रश्न है कि
वर्ष 2018 में जन सुविधा कॉम्पलेक्स के लिए जारी टेंडर जो M/S Sainath Sales & Services Pvt-Limited को ही मात्र एक वर्ष के लिए मिला था, उसे वर्ष 2022 तक बार-बार एक्सटेंशन क्यों दिया गया? क्या इसमें डूसीब अधिकारियों और शहरी विकास मंत्री का कोई कनेक्शन था।
चौ0 अनिल कुमार ने बताया कि जन सुविधा कॉम्पलेक्स के आपरेशन, मैनेजमेंट तथा मेंटेनेंस के हुए टेंडर में वर्ष 2018-2022 के बीच प्रति डब्लू.सी. की कीमत में 72 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई, यदि वर्ष 2018 की दर पर टेंडर दिया जाता है तो लगभग 50 करोड़ का कम खर्च आऐगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में छोटे-छोटे 4 ग्रुप में 725 जन सुविधा कॉम्प्लेक्स की 23000 (WC) का एक साल के लिए 42.19 करोड़ में टेन्डर फाइनल हुआ। जिसका औसतन 1528.62 रुपये प्रति महीने WC का खर्च था। जबकि अगस्त’ 2022 में 1 बड़े ग्रुप में जब 559 कॉम्प्लेक्स के 18620 WC का 2 वर्षों के लिए निकाला तो 117.98 करोड़ का टेन्डर फाइनल हुआ। मतलब प्रतिवर्ष लगभग 59 करोड़ का खर्च, औसतनन 2640.08 रुपये प्रति महीने/WC। यह आश्चर्यजनक है कि 118.80 करोड़ के अनुमानित लागत का टेंडर को 117.98 करोड़ में फाईनल हुआ।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल यह मांग करता है कि जब तक हमारे आरोपों की जांच सक्षम जांच एजेंसी से नही होती तब कि टेंडर अवार्ड प्रक्रिया पर लगाई जाए और आरोपी मंत्री मनीष सिसोदिया, अधिकारियों को जांच के उपरांत दोषी पाए जाने पर कानून संगत सजा मिले। उन्होंने कहा कि शौचालयों के रख-रखाव का टेंडर के दोषी शहरी विकास मंत्री मनीष सिसोदिया पर भ्रष्टाचार का यह आरोप कोई नई बात नही है, शराब घोटाले, क्लास रुम घोटाले में हुए करोड़ो रुपये के भ्रष्टाचार यह साबित करते है कि सार्वजनिक जीवन तथा पदों पर रहते हुए सिसोदिया ने केजरीवाल स्वार्थों को पूरा करने के लिए अपराधिक, साजिश और भ्रष्टाचार जैसे संगीन अपराधों को अंजाम दिया।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली में नई आबकारी नीति को लागू करने में हुए शराब घोटाले की शिकायत दिल्ली पुलिस कमिश्नर को दिल्ली काँग्रेस ने 3 जून 2022 को सबसे पहले की थी। उसी प्रकार से, बस घोटाले की शिकायत भी 14 जुलाई 2021 को सर्वप्रथम दिल्ली काँग्रेस ने पूर्व उपराज्यपाल द्वारा गठित समिति द्वारा आंशिक जाँच उपरांत क्लीन चिट के बाद CBI तथा CVC को दी थी, जिसके बाद पूर्व उपराज्यपाल महोदय ने CBI जाँच की अनुशंसा की थी। उन्होंने कहा कि दिल्ली कांग्रेस जनसुविधा कॉम्पलेक्सों के आपरेशन, मैनेजमेंट तथा मैंटेनेंस के लिए हुए टेंडर की विस्तृत जाँच की माँग करते है और जांच राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के बीच नफा-नुकसान के हिसाब से गई द्वेषपूर्ण शिकायतों पर नही बल्कि दिल्ली के हितों को ध्यान में रखते हुए होनी चाहिए।