- भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर किया प्रचंड विरोध प्रदर्शन और दी गिरफ्तारी
- अपनी उस फूट और हार को बचाने के लिए सदन में गुंडागर्दी की गई
नई दिल्ली, 9 जनवरी 2023: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी के नेतृत्व में आज दिल्ली भाजपा के लगभग 5000 से अधिक कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा नगर निगम के सदन में हंगामा करने और संविधान का अपमान करने के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन कर गिरफ्तारी दी। विरोध प्रदर्शन में वीरेंद्र सचदेवा, सांसद प्रवेश साहिब सिंह, प्रदेश महामंत्री हर्ष मल्होत्रा एवं दिनेश प्रताप सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील यादव, विधायक अनिल वाजयेपी एवं पूर्व महापौर जयप्रकाश सहित कई कार्यकर्ताओं ने पुलिस के सामने अपनी गिरफ्तारी दी। पुलिस ने बैरिकेड्स तोड़ कर मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन भी चलाए।
प्रदर्शन में प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव बब्बर एवं सुनील यादव, विधायक ओम प्रकाश शर्मा, अजय महावर, अभय वर्मा, जितेन्द्र महाजन एवं अनिल वाजपेयी, प्रदेश मंत्री गौरव खारी, पूर्व मेयर जयप्रकाश, भाजपा मेयर प्रत्याशी रेखा गुप्ता, प्रदेश प्रवक्ता हरीश खुराना, प्रवीण शंकर कपूर, मोहन लाल गिहारा एवं अजय सहरावत, पूर्वांचल मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कौशल मिश्रा, महिला मोर्चा अध्यक्षा योगिता सिंह, ओ.बी.सी. मोर्चा अध्यक्ष संतोष पाल, एस.टी. मोर्चा अध्यक्ष सी.एल. मीणा, किसान मोर्चा अध्यक्ष विनोद सहरावत, मीडिया रिलेशन विभाग सह-प्रमुख विक्रम मित्तल सहित सभी 14 जिलाध्यक्ष, सभी 105 पार्षद और कार्यकर्ता उपस्थित थे।
विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि 6 जनवरी को सदन में हुई घटना बेहद शर्मनाक है जिसमें राजनीतिक मर्यादा को तार तार किया गया। यह दिल्लीवासियों के लिए दुर्भाग्य की बात है कि दिल्ली में एक ऐसा ‘टुल्लू पंप’ मुख्यमंत्री बना है जो पिछले आठ सालों से दिल्लीवासियों का दोहन कर रहा है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को देशवासियों से और भाजपा की महिला पार्षदों से माफी मांगनी पड़ेगी नहीं तो यह हमारा संघर्ष आगे भी जारी रहेगा।सचदेवा ने कहा कि आखिर केजरीवाल की पार्टी 134 पार्षदों के साथ निगम के सदन में पहुंची है तो उन्हें किस बात का डर है। केजरीवाल को भी पता है कि उनकी पार्टी में फूट पड़ चुकी है क्योंकि दो दो मेयर प्रत्याशी और उपमहापौर प्रत्याशी उनकी पार्टी से हैं। अपनी उस फूट और हार को बचाने के लिए सदन में गुंडागर्दी की गई। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को दिल्ली की जनता मुहतोड़ जवाब देगी और वह अपनी जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकते हैं।
नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि आप विधायकों और पार्षदों ने अरविंद केजरीवाल के इशारे पर बाबा भीमराव अम्बेडकर द्वारा लिखे संविधान का अपमान किया है। पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा जो महिला होने के साथ-साथ एक वरिष्ठ निगम पार्षद भी हैं, के ऊपर आप नेताओं द्वारा कुर्सी फेंकना काफी शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि पीठासीन की कुर्सी की गरीमा को तार तार करना, कागज़ फाड़ना ये सारी हरकते बताती है कि केजरीवाल और उनके नेता अपने आप को संविधान से ऊपर मानते हैं। बिधूड़ी ने कहा कि आप विधायकों और पार्षदों द्वारा भाजपा के महिला निगम पार्षदों के साथ दुर्व्यवहार किया गया इसलिए दिल्ली के उपराज्यपाल से हमारी मांग है कि जिन 13 विधायकों ने निगम के सदन ने बदतमिजी की थी, उन्हें एक साल के लिए विधानसभा से निष्कासित कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों ने देखा है कि किस तरह से महिला सम्मान की बात करने वाले आप नेता सदन में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार कर रहे थे।
सांसद प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि जनता को गुमराह करने की प्रतीक आम आदमी पार्टी ने देश के इतिहास में पहली बार एक सत्ता में काबिज पार्टी ने सदन में इस प्रकार का प्रदर्शन किया है। भाजपा महिला पार्षदों के साथ आप पार्षदों ने जो दुर्व्यवहार किया। शराब पीकर सदन में आकर हंगामा करने वाले आप नेताओं की हरकते दिल्ली की जनता रामलीला मैदान से लेकर सदन तक देख चुकी है। भाजपा विधायक ओम प्रकाश शर्मा, अजय महावर, अभय वर्मा, जितेन्द्र महाजन और अनिल वाजपेयी ने भी विरोध प्रदर्शन को संबोधित किया और कहा कि आप विधायकों के इशारे पर और केजरीवाल के शह पर जो कुछ भी सदन के अंदर हुआ, वह सिर्फ बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के संविधान का अपमान ही नहीं बल्कि देश के लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरे का विषय है।
प्रदेश महामंत्री हर्ष मल्होत्रा एवं दिनेश प्रताप सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले 25 सालों से ऐसा कभी नहीं हुआ जब सत्ता में रहने वाली पार्टी ही सिर्फ अपनी कमियों को छिपाने के लिए सदन में विरोध करना शुरु कर दे। उन्होंने कहा कि विरोधी पार्टी जरूर प्रदर्शन करती है, विरोध करती है लेकिन सत्तारुढ़ पार्टी द्वारा विरोध पहली बार दिल्लीवासी देख रहे हैं। मुख्यमंत्री केजरीवाल को पता है जिस तरह से वे दिल्ली की सरकार चलाने में फेल साबित हुए हैं, ठीक वैसे ही वे निगम में भी फेल साबित होंगे।