Wednesday, July 24, 2024
Homeताजा खबरेंग्रांट रिलीज की मांग के लिए काॅलेज शिक्षकों ने घरों में की...

ग्रांट रिलीज की मांग के लिए काॅलेज शिक्षकों ने घरों में की भूख हड़ताल

  • दिल्ली सरकार के 12 कॉलेजों की ग्रांट रिलीज कराने की मांग
  • फोरम के सदस्यों ने घरों में भूख हड़ताल की
  • आर्थिक स्थिति का सामना कर रहे हैं एडहॉक टीचर्स और गेस्ट टीचर्स
  • घर चलाने में आने लगी हैं दिक्कतें
  • अभी तक नहीं बनी 28 कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी

नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा ) के आह्वान पर दिल्ली सरकार के शत प्रतिशत वित्त पोषित 12 कॉलेजों की ग्रांट रिलीज ना करने के विरोध में शिक्षकों ने बड़ी संख्या में मंगलवार सुबह 9 बजे से 5 बजे तक अपने घरों में रहकर एक दिवसीय भूख हड़ताल कर विरोध जताया है। फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस की कार्यकारिणी के सदस्यों ने डूटा की जायज मांग का समर्थन करते हुए अपने-अपने घरों में रहकर दिल्ली सरकार के 12 कॉलेजों की ग्रांट रिलीज कराने की मांग का समर्थन करते हुए सरकार से आर्थिक संकट से जूझ रहे स्थायी, एडहॉक, गेस्ट टीचर्स और कर्मचारियों की ग्रांट जल्द से जल्द रिलीज करने की मांग की है।

प्रोफेसर सुमन ने बताया है कि दिल्ली सरकार और दिल्ली विश्वविद्यालय के बीच गवर्निंग बॉडी के गठन को लेकर भी लड़ाई जारी है। उनका कहना है कि 14 मार्च को हुई ईसी की मीटिंग में गवर्निंग बॉडी के सदस्यों के नामों को पास कर दिया गया है लेकिन कुछ शिक्षक संघ आम आदमी पार्टी के लोगों के सदस्यों की गवर्निंग बॉडी बनाने के खिलाफ है। उनका कहना है कि जब भी दिल्ली में जिस भी पार्टी की सरकार बनी है उसी के 28 कॉलेजों में चेयरमैन बनते हैं यह पहला मौका है जब उन्हें नकारा जा रहा है। उन्होंने जल्द से जल्द कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी बनाने और 12 कॉलेजों की ग्रांट रिलीज करने की मांग दिल्ली के मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री से की है ताकि आर्थिक संकट से जूझ रहे शिक्षक उससे बाहर निकल अपना जीवन यापन कर सके।

फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस के चेयरमैन व पूर्व विद्वत परिषद सदस्य प्रोफेसर हंसराज -सुमन- ने बताया है कि दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 12 कॉलेज महीनों से वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय और दिल्ली सरकार की आपसी खींचतान के कारण 28 कॉलेजों की प्रबंध समिति के गठन को लेकर लड़ाई शुरू हुई थी जिसके परिणाम स्वरूप पिछले कुछ महीनों से दिल्ली सरकार द्वारा इन कॉलेजों को ग्रांट देना बंद कर दिया गया। उन्होंने बताया है कि शिक्षकों को सैलरी ना मिलने से उन्हें मकान की ईएमआई, गाड़ी की किस्त, इंश्योरेंस व कुछ शिक्षक किराये के मकानों में रहते हैं उन्हें किराया देने में दिक्कतें आ रही है।

प्रोफेसर सुमन ने आगे बताया है कि 25 मार्च 20 को दिल्ली सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने तीसरी और अंतिम इंस्टालमेंट वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 40 करोड़ 75 लाख रुपये की बकाया राशि रिलीज की थी। रिलीज के बाद शिक्षकों को जनवरी, फरवरी माह का वेतन दे दिया गया। उनका कहना है कि दिल्ली सरकार को मार्च के बाद नए बजट सत्र के बाद कॉलेजों को और ग्रांट रिलीज की जानी थी जो अभी तक नहीं रिलीज की है। उन्होंने बताया है कि ग्रांट रिलीज कराने की मांग को लेकर ही मंगलवार को घरों में रहकर शिक्षकों ने बड़ी संख्या में भूख हड़ताल की है। उन्होंने बताया कि यह पहला मौका है जब इतने बड़े स्तर पर शिक्षकों ने अपनी एकता का परिचय देकर घरों में रहकर भूख हड़ताल की है।


फोरम के महासचिव डॉ. कैलास प्रकाश सिंह ने भी अपने घर में रहकर भूख हड़ताल की। उनका कहना है कि वित्तीय अनुदान के वितरण को कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी के गठन से नहीं जोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के सामने एक तरफ कोरोना के संकट से जूझ रहे हैं वहीं दूसरी ओर उन पर आर्थिक संकट आया हुआ है। इनमें सबसे ज्यादा मार गेस्ट टीचर्स और एडहॉक टीचर्स पर पड़ रही है। एक तरफ ऑन लाइन क्लासेज पढ़ाना तो दूसरी तरफ पैसों का संकट है।


फोरम के सचिव डॉ. विनय कुमार भी भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उनका कहना है कि एक तरफ महंगाई और दूसरी तरफ कोरोना की वजह से कंट्रक्चुअल कर्मचारियों व गेस्ट टीचर्स, एडहॉक टीचर्स को सैलरी ना मिलने से त्रस्त है। तीन कॉलेजों भीमराव अंबेडकर कॉलेज, केशव महाविद्यालय और शहीद राजगुरु कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंस के कर्मचारियों को अभी तक मार्च महीने का वेतन मिलना बाकी है। अप्रैल माह भी समाप्त होने को है दो महीने तक कैसे बिना वेतन के रह सकते हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार से ग्रांट रिलीज करने की मांग की है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments