Thursday, March 28, 2024
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कोरोना तेजी से बढ़ रहा, बुजुर्गों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत : अरविंद केजरीवाल

  • दिल्ली सरकार के अस्पताल व निजी अस्पतालों में कोरोना काल तक केवल दिल्ली के लोगों का इलाज होगा
  • केंद्र सरकार के अस्पतालों में पूरे देश के लोग इलाज करा सकेंगे
  • अंकोलाॅजी सर्जरी, ट्रांसप्लांटेशन, न्यूरो समेत कुछ सर्जरी हैं, जो चंद अस्पताल करते हैं, यह अस्पताल पूरे देश के लोगों के लिए खुले रहेंगे
  • जनता से मिले 7.5 लाख सुझावों में से 90 प्रतिशत लोग कोरोना तक अस्पतालों को दिल्ली वालों के लिए रिजर्व रखने के पक्ष में
  • डा. महेश कमेटी का कहना है कि पूरे देश के लिए सभी अस्पताल खोल दिए, तो सभी बेड सिर्फ तीन दिन के अंदर भर जाएंगे
  • कमेटी का कहना है कि जून के अंत तक दिल्ली को 15 हजार बेड की जरूरत पड़ सकती है
  • जनता से मिले सुझावों पर कल खोल दिए जाएंगे दिल्ली के बाॅर्डर
  • दिल्ली सरकार कल से धार्मिक स्थल, माॅल्स और रेस्त्रां खोल रही, सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क लगाने आदि निर्देशों का पालन करना होगा
  • होटल और बैंक्वेट हाँल बंद रहेंगे


नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों से मिले सुझाव के बाद कल (8 जून) से बाॅर्डर खोलने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम सब लोगों ने मिल कर धीरे-धीरे सभी अर्थ व्यवस्था खोल ली है और लाॅकडाउन में ढील दे दी है। लाॅकडाउन में ढील देने का यह मतलब नहीं है कि कोरोना खत्म हो गया है। अभी कोरोना बहुत तेजी से बढ़ रहा है। मैं देखता हूं कि कई लोग बिना मास्क पहने हुए घर के बाहर निकल रहे हैं। मास्क पहन कर आप किसी पर एहसान नहीं कर रहे हैं, बल्कि अपने आप पर एहसान कर रहे हैं। अगर आप ऐहतियात बरतेंगे, तो कोरोना से बच सकते हैं। इसलिए हमें सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते रहना है, मास्क पहनना है और बार-बार हाथ धोते रहना है। यह तीन चीजें हमें अच्छे से करनी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी बुजुर्गों से अनुरोध करते हुए कहा कि आप यह मान कर चलें कि आपके लिए अभी लाॅकडाउन खत्म नहीं हुआ है। आपके लिए अभी भी लाॅकडाउन है। बल्कि इस समय आपके लिए तो और ज्यादा लाॅकडाउन है। आपको लाॅकडाउन का सख्ती से पालन करना है। मसलन, आपके घर में बच्चे हैं, तो कुछ दिनों के लिए आप अपने बच्चों के संपर्क में आना बंद कर दीजिए। अपने घर के अन्य सदस्यों के संपर्क में आने से बचिए और एक ही कमरे में रहिए। अगर जरूरत है कि एक बार घर के बाहर घूम कर आ जाइए, लेकिन किसी के संपर्क में आने से बचें। जितनी मौतें हो रही हैं, उनमे सबसे ज्यादा बुजुर्ग हैं। इसलिए जो बुजुर्ग हैं और जिन्हें कैंसर, डायबिटिज, सांस आदि की गंभीर बीमार है, इन्हें ज्यादा ऐहतियात बरतने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लोगों से मिले सुझावों और 5 विशेषज्ञ डाॅक्टरों की कमेटी की रिपोर्ट के बाद दिल्ली कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों व निजी अस्पतालों में केवल दिल्ली के लोगों का इलाज होगा, जबकि केंद्र सरकार के अस्पतालों में पूरे देश के लोग इलाज करा सकते हैं। अंकोलाॅजी सर्जरी, ट्रांसप्लांटेशन, न्यूरो समेत कुछ सर्जरी हैं, जो दिल्ली के चंद अस्पताल करते हैं, यह अस्पताल पूरे देश के लोगों के लिए खुले रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 7.5 लाख से अधिक मिले सुझाव में से 90 प्रतिशत लोग कोरोना तक सारे अस्पतालों को दिल्ली के लोगों के लिए रखने के पक्ष में हैं। कमेटी का कहना है कि दिल्ली के सारे अस्पतालों को सबके लिए खोल दिए, तो अस्पतालों में उपलब्ध 9000 कोविड-19 बेड मात्र 3 दिन के अंदर भर जाएंगे। कमेटी ने जून के अंत तक दिल्ली को 15 हजार बेड की जरूरत पड़ने की संभावना जताई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार की नई गाइड लाइन का पालन करते हुए दिल्ली सरकार भी कल (8 जून) से धार्मिक स्थल, माॅल्स और रेस्त्रां खोलने जा रही है, लेकिन अभी बैंक्वेट हाॅल और होटल नहीं खोलने का निर्णय लिया गया है।


मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि केंद्र सरकार ने नए आदेश जारी किया है। गाइड लाइन के अनुसार, 8 जून से देश भर में रेस्त्रां, माॅल्स और धार्मिक स्थल खोले जाएंगे। दिल्ली सरकार भी केंद्र सरकार के उन्हीं आदेशों के मुताबिक कल से दिल्ली में रेस्त्रां, माॅल्स और धार्मिक स्थल खोलने जा रही है, लेकिन जब यह खोले जाएंगे, तब वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा, माॅस्क पहनना होगा। साथ ही जितने भी ऐहतियात बरतने के लिए केंद्र सरकार ने आदेश दिए हैं, उन सभी कदमों को दिल्ली सरकार लागू करने जा रही है। यह आदेश आज लागू हो जाएंगे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में अभी बैंक्वेट हाॅल और होटल नहीं खोले जा रहे हैं, क्योंकि दिल्ली में बढ़ते हुए कोरोना के केस को ध्यान में रखते हुए आने वाले समय में हमें कई होटल और बैंक्वेट्स को अस्पताल से संबद्ध करके उनको अस्पताल के रूप में तब्दील करना पड़ सकता है। इसी के मद्देनजर अभी होटल और बैंक्वेट हाॅल को नहीं खोला जा रहा है।



दिल्ली के बाॅर्डर कल से सबके लिए खोल रहे हैं
मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कल से दिल्ली के बाॅर्डर खोले जा रहे हैं। एक सप्ताह पहले हमने दिल्ली के बाॅर्डर सील किए थे। क्योंकि, हमें यह लग रहा था कि बाॅर्डर खोल दिए, तो देश भर से मरीज दिल्ली के अस्पतालों में इलाज कराने आएंगे। अभी जो दिल्ली के अस्पताल कोरोना का इलाज कर रहे हैं, क्या वे उस दबाव को बर्दाश्त कर पाएंगे। इसलिए बाॅर्डर को सील किया गया था। अब कल से दिल्ली के बाॅर्डर को खोला जा रहा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले सप्ताह दिल्ली के लोगों से पूछा था कि मार्च के महीने तक (जब कोरोना नहीं था) दिल्ली के सारे अस्पताल देश के लोगों के लिए खुले रहते थे। दिल्ली के लोगों ने कभी भी अपने देश के लोगों का इलाज करने से मना नहीं किया। किसी भी वक्त हमारे दिल्ली के सारे अस्पतालों में 60 से 70 प्रतिशत मरीज दिल्ली के बाहर से आए हुए होते थे। इसके लिए हमने कभी भी मना नहीं किया। लेकिन इस वक्त दिल्ली खुद बहुत बड़ी समस्या में है। दिल्ली में केस बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं और उसके लिए दिल्ली सरकार (आप की सरकार) अस्पतालों में बेड्स का इंतजाम कर रही है। ऐसी स्थिति में हमने दिल्ली के अस्पताल सारे देश के लोगों के लिए खोल दिए, तो जब दिल्ली के लोग को कोरोना होगा, तो वे कहां जाएंगे? इस पर हम लोगों ने जनता से विचार मांगे थे। 7.5 लाख से अधिक लोगों ने अपने सुझाव भेजे थे, जिसमें 90 प्रतिशत से अधिक लोगों का कहना था कि जब तक कोरोना है, तब तक के लिए दिल्ली के अस्पताल केवल दिल्ली वालों के लिए रिजर्व होने चाहिए।


डा. महेश वर्मा कमेटी का सुझाव, कुछ महीनों तक सारे अस्पताल केवल दिल्ली के लोगों के लिए होने चाहिए

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लोगों से सुझाव पर विचार करने के लिए हमने 5 डाॅक्टरों की कमेटी बनाई थी। कमेटी में अनुभवी और नामी डाॅक्टर शामिल थे। जिसमें आईपी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डाॅ. महेश वर्मा, जीटीबी अस्पताल के मेडिकल डाॅयरेक्टर डाॅ. सुनिल कुमार, दिल्ली मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष डाॅ. अरूण गुप्ता, दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डाॅ. आरके गुप्ता, मैक्स हेल्थ केयर के ग्रुप मेडिकल डाॅयरेक्टर डाॅ. संदीप बुद्धि राजा शामिल है। इन पांच लोगों की कमेटी ने दिल्ली के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर का आंकलन किया और विचार-विमर्श के बाद अपनी रिपोर्ट दी है। उनकी रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण बातें हैं। कमेटी का कहना है कि दिल्ली में इस समय कोरोना के केस बहुत ज्यादा बढ़ रहे हैं और जून के अंत तक दिल्ली को करीब 15 हजार बेड की जरूरत होगी। यह बेड कहां से आएंगे? इसीलिए उनका सुझाव है कि दिल्ली के सारे अस्पताल कुछ महीनों के लिए केवल दिल्ली के लोगों के लिए होने चाहिए। दिल्ली के अस्पतालों को पूरे देश के लोगों के लिए फिलहाल नहीं खोलने चाहिए। उन्होंने यह कहा है कि यदि अस्पताल सबके लिए खोल दिया, तो आज जो हमने 9000 बेड कोविड-19 मरीजों के लिए रखे हैं, वे मात्र तीन दिन के अंदर ही भर जाएंगे।

प्राइवेट अस्पतालों में भी केवल दिल्ली के लोगों का इलाज होगा, विशेष सर्जरी करने वाले अस्पतालों में सबका इलाज होगा
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि आज कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें कैबिनेट ने इन सभी बातों पर गौर किया। कैबिनेट ने यह निर्णय लिया है कि हमें संतुलन बनाने की जरूरत है। दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 10 हजार बेड हैं और केंद्र सरकार के अस्पतालों में भी 10 हजार बेड हैं। एक तरफ, हम कल से बाॅर्डर खोल रहे हैं। बाॅर्डर खोलने के बाद दिल्ली सरकार के जो अस्पताल हैं, वे अस्पताल केवल दिल्ली के लोगों के लिए रिजर्व रहने चाहिए। वहीं, केंद्र सरकार के जो अस्पताल हैं, उसमें भी 10 हजार बेड हैं और वहां पर देश भर से कोई आकर इलाज करा सकता है, उस पर दिल्ली सरकार कोई आदेश नहीं जारी कर रही है। केंद्र सरकार के सभी अस्पताल सबके लिए खुले रहेंगे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्राइवेट अस्पताल कोरोना तक केवल दिल्ली वालों के लिए रिजर्व रहेंगे, लेकिन कुछ प्राइवेट अस्पताल ऐसे हैं, जो स्पेशल किस्म की सर्जरी करते हैं, जो सर्जरी देश के बाकी शहरों में अभी उपलब्ध नहीं है। इसलिए लोगों को अपनी जान बचाने के लिए दिल्ली आना पड़ता है। जैसे, अंकोलाॅजी सर्जरी, ट्रांसप्लांटेशन, न्यूरो समेत कुछ सर्जरी हैं, जो चंद अस्पताल करते हैं, यह अस्पताल पूरे देश के लोगों के लिए खुले रहेंगे। देश भर के लोग आकर इन सर्जरी को करा सकते हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे लगता है कि यह एक संतुलन है, जिसमें दिल्ली वालों के हितों की भी रक्षा होगी और देश भर से दिल्ली आकर इलाज करने वाले नागरिकों के हितों की भी रक्षा होगी।

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