- राजस्थान का कोटा शहर प्रतियोगिता परीक्षाओं की दृष्टि से पढ़ाई-लिखाई का एक लोकप्रिय केंद्र है
- यूपी ने 300 बसें, मध्यप्रदेश ने 150 बसें, गुजरात ने 16 बसें
- असम ने 391 बसें, हिमाचल ने 9 बसें तथा हरियाणा ने 31 बसें भेजी है
- कोरन्टाईन के बाद डीटीसी की बसों से की जा सकती है मदद
नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से कोरोना महामारी के मद्देनजर जारी लॉक डाउन के कारण राजस्थान के कोटा शहर में फंसे दिल्ली के विद्यार्थियों को वहां से निकालने के लिए तुरंत जरूरी कदम उठाने की मांग की है। मुख्यमंत्री केजरीवाल को सोमवार लिखे एक पत्र में बिधूड़ी ने उनका ध्यान इस समस्या की ओर दिलाते हुए लिखा है कि राजस्थान का कोटा शहर प्रतियोगिता परीक्षाओं की दृष्टि से पढ़ाई-लिखाई का एक लोकप्रिय केंद्र है और देश भर के अलग अलग राज्यों के बच्चे यहां पढ़ने आते हैं। लॉक डाउन के कारण बच्चों की परेशानियों के मद्देनजर ज्यादातर राज्य सरकारों ने अपने राज्य के बच्चों को वहां से निकालने के इंतजाम किए हैं। मेरा भी आपसे यही आग्रह है कि कोटा में मौजूद दिल्ली के बच्चों को वहां से वापस लाने का उचित इंतजाम कराने की कृपा करें।
आपको पता ही होगा कि उत्तर प्रदेश की सरकार ने अपने राज्य के बच्चों को कोटा से लाने के लिए 300 बसें, मध्यप्रदेश ने 150 बसें, गुजरात ने 16 बसें, असम ने 391 बसें, हिमाचल ने 9 बसें तथा हरियाणा ने 31 बसें भेजी हैं। इसी प्रकार महाराष्ट्र की सरकार ने भी बसें भेजकर कोटा में फंसे अपने बच्चों को वहां से निकालने की पहल की है।
जानकारी के अनुसार दिल्ली के भी सैकड़ों बच्चे वहां पर फंसे हुए हैं। लिहाजा, उनको वहां से निकालकर दिल्ली लाने के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। चूंकि डीटीसी की तमाम बसें इस लॉकडाउन में खड़ी ही हैं। ऐसे में इनमें से कुछ बसों को सेनेटाइज कर, कोटा रवाना किया जाए और वहां से बच्चों को लाकर कोरेन्टाईन के नियमों का पालन करते हुए उनके परिजनों को सौंपा जाए। नेता प्रतिपक्ष बिधूड़ी ने मुख्यमंत्री से कहा है कि अपने बच्चों के लिए परेशान अभिभावक बार-बार सरकार से आग्रह कर रहे हैं। इनमें से कई अभिभावकों ने मुझसे भी संपर्क किया है। अतएव मेरा आपसे अनुरोध है कि दिल्ली के बच्चों को कोटा से वापस लाने के लिए तत्काल आवश्यक कार्रवाई करें।