- बारिश से मचा दिल्ली में हाहाकर, यही है केजरीवाल सरकार
- दिल्ली सरकार ने नालों की सफाई पर 100 करोड़ रुपए खर्च करने का दावा किया था लेकिन यह दावा पानी में बह गया
- ड्रेनेज मास्टर प्लान को मंजूरी मिलने के बाद भी दिल्ली सरकार ने अभी तक इसे लागू नहीं किया, जिस वजह से थोड़ी सी बारिश में ही दिल्ली पानी-पानी हो जाती है
- कोरोना को देखते हुए दिल्ली सरकार को ज्यादा एहतियात की जरूरत थी, लेकिन ऐसा करने में केजरीवाल सरकार नाकाम रही
- दिल्ली सरकार के अधीन आने वाला पीडब्ल्यूडी विभाग मानसून से पहले तक नालों से गाद निकालने का काम 50 फीसदी तक भी पूरा नहीं कर पाया था
नई दिल्ली : लगातार हो रही बारिश से दिल्ली में हाहाकर मच गया है और दिल्ली सरकार की बारिश की तैयारियों को लेकर किए गए दावों की पोल खुल गई है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने केजरीवाल सरकार की जमकर अलोचना की और कहा कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली को लंदन बनाने की बात कर रहे थे, लेकिन केजरीवाल सरकार की लापरवाही और खराब की नीतियों की वजह से दिल्ली लंदन तो दूर पहले जैसे भी नहीं रही। दिल्ली की सड़कों पर 6-6 फीट तक पानी भर गया। दिल्ली की ऐसी तस्वीर पहले कभी नहीं देखी गई। मानूसन से पहले की तैयारियों को पूरा करने में केजरीवाल सरकार पूरी तरह असफल रही, जिसका खामियाजा आज दिल्ली के लोग भुगत रहे हैं।
गुप्ता ने बताया कि देश का सबसे बड़ा थोक बाजार कहे जाने वाला सदर बाजार पूरी तरह पानी में डूब गया। पहले से ही कोरोना के कारण व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऊपर से जलभराव के कारण व्यापारियों का लाखों का कीमती सामान बेकार हो गया। नजफगढ़ में नाले के ऊपर बनाया गया फुटपाथ व दुकानें भी बारिश की वजह से ढह गईं, साथ ही जखीरा और प्रहलाद अंडर पास में इतना पानी भर गया कि पुलिस की वैन भी फंस गई। उन्होंने कहा कि दिल्ली की ऐसी दशा करने के लिए दिल्ली की जनता केजरीवाल सरकार को माफ नहीं करेगी और दिल्ली वाले खामोश रहकर यह सब नहीं सहेंगे। वह दिल्ली सरकार को इसका जवाब जरूर देंगे।
गुप्ता का कहना है कि मानूसन से पहले तक दिल्ली सरकार का पीडब्ल्यूडी विभाग नालों से गाद निकालने का काम निर्धारित लक्ष्य से 50 फीसदी तक भी पूरा नहीं कर पाया था, जिसका नतीजा रहा कि जुलाई की बारिश में भी दिल्ली डूब गई। यहां तक की मिंटो ब्रिज पर एक ट्रक चालक की पानी में डूबकर मौत हो गई थी। इतनी बड़ी घटना के बाद भी दिल्ली सरकार हाथ पर हाथ रखे बैठी रही। जलभराव के कारण दिल्ली में बीमारी का खतरा और बढ़ गया है। कोरोनाकाल में दिल्ली सरकार को ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत थी, लेकिन केजरीवाल सरकार दिल्ली वालों को मौत के मुख में झोक दिया है।
गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने दावा किया था कि 100 करोड़ रूपय से ज्यादा नालों की सफाई पर खर्च किया गया है, लेकिन यह करोड़ों का दावा भी बारिश की पानी में बह गया। करोड़ों खर्च में बाद भी दिल्ली का ऐसा हाल होना घोटाले की ओर इशारा करता है। उन्होंने बताया दिल्ली का ड्रेनेज मास्टर प्लान मंजूर हो चुका है, लेकिन केजरीवाल सरकार ने अभी तक इसे लागू नहीं किया है, जिसकी वजह से थोड़ी सी बारिश में ही पूरी दिल्ली पानी-पानी हो जाती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड सीवर चार्ज के रूप में हर साल करोड़ों राजस्व दिल्ली की जनता से वसूलता है, लेकिन दिल्ली जल बोर्ड सीवरों की सही तरीके से सफाई नहीं करा पा रहा है। दिल्ली जल बोर्ड ने सीवर सफाई के लिए करोड़ों की मशीनें खरीदी थीं, अब वह मशीनें कहा है कोई पता नहीं। दिल्ली सरकार सिर्फ विज्ञापन और झूठ की सरकार है क्योंकि दिल्ली की जनता की परेशानी से इसका कोई सरोकार नहीं है।