Tuesday, July 23, 2024
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केंद्र सरकार के अधीन एजेंसियों पर दिल्ली जल बोर्ड का करीब 6811 करोड़ रुपए बकाया : राघव चड्ढा

  • इन सात सरकारी एजेंसियों ने कई बार रिमाइंडर, नोटिस और औपचारिक अनुरोध करने के बावजूद डीजेबी को लंबे समय से भुगतान नहीं किया है- राघव चड्ढा
  • केंद्र सरकार के अधीन एजेंसियों (भारतीय रेलवे, सीपीडब्ल्यूडी, दिल्ली पुलिस और डीडीए) और एमसीडी (उत्तर, दक्षिण और पूर्व) पर दिल्ली जल बोर्ड का करीब 6811 करोड़ रुपए बकाया- राघव चड्ढा
  • सरकारी विभाग जो केंद्र सरकार द्वारा वित्तीय रूप से अधीन हैं और तीनों एमसीडी अपने बकाया भुगतान में देरी कर रहे हैं, जिसमें भारतीय रेलवे, सीपीडब्ल्यूडी, डीडीए, दिल्ली पुलिस और नॉर्थ, साउथ और ईस्ट एमसीडी शामिल हैं, बोर्ड को बकाया भुगतान जल्द मिलने की उम्मीद है- राघव चड्ढा
  • सबसे अधिक बकाया भारतीय रेलवे का है, जो लगभग 3,283 करोड़ रुपए है, जिसका पूरा प्रबंधन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है – राघव चड्ढा
  • दूसरा सबसे अधिक बकाया उत्तर एमसीडी पर है, जो करीब 2,466 करोड़ रुपए है- राघव चड्ढा
  • महामारी की असाधारण स्थिति और देशव्यापी लॉकडाउन के कारण हमारे सामने आने वाली वित्तीय चुनौतियों का सामना करने के लिए सभी बकाया की वसूली करना आवश्यक हो गया है- राघव चड्ढा
  • बोर्ड को उम्मीद है कि इस अप्रत्याशित महामारी के चुनौती पूर्ण समय में, डीजेबी को पैसा देने वाले विभाग पूरी तरह से सहयोग करेंगे और जितनी जल्दी हो सके बोर्ड को बकाया राशि का भुगतान करेंगे- राघव चड्ढा
  • बकाया राशि की वसूली बोर्ड के लिए बहुत जरूरी है, इसलिए इन विभागों भुगतान करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है- राघव चड्ढा
  • मैं उम्मीद करता हूं और चाहता हूं कि दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई करने की आवश्यकता नहीं होगी, मुझे विश्वास है कि सभी एजेंसियां इन अनुरोधों का जवाब बहुत ही स्पष्टता और स्पष्ट तरीके से देंगी, क्योंकि सभी विभाग एक बेहतर उद्देश्य प्राप्त करने के लिए समाज और लोगों की सेवा में मिलकर काम कर रहे हैं- राघव चड्ढा

नई दिल्ली : दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि केंद्र सरकार और दिल्ली नगर निगम के अधीन आने वाली 7 एजेंसियों पर डीजेबी का 6811 करोड़ रुपए बकाया है। इन सभी एजेंसियों को नोटिस भेज कर बकाया भुगतान 30 दिन के अंदर करने के लिए कहा गया है। चड्ढा ने बताया कि केंद्र सरकार के अधीन भारतीय रेलवे पर 3283 करोड़, सीपीडब्ल्यूडी पर 190 करोड़, डीडीए पर 128 करोड़ और दिल्ली पुलिस पर 614 करोड़ रुपए बकाया है, जबकि दिल्ली नगर निगम के अधीन ईस्ट एमसीडी पर 49 करोड़, नार्थ एमसीडी पर 2466 करोड़ और साउथ एमसीडी पर 81 करोड़ रुपए बकाया है। बकाया भुगतान न होने की स्थिति में दिल्ली जल बोर्ड सेक्शन-55, सेक्शन-82, सेक्शन-87, सेक्शन-89 और सेक्शन-91 के तहत कार्यवाही कर सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और दिल्ली नगर निगम के अधीन इन एजेंसियों को 5 सितंबर 2020 को अंतिम शोकॉज नोटिस दी गई है। कोविड-19 महामारी से केजरीवाल सरकार लड़ाई लड़ रही है। इस लड़ाई को और सरल बनाने के लिए केंद्र सरकार और नगर निगम में बैठी सरकारें डीजेबी को बकाया 6811 करोड़ का भुगतान शीघ्र कर दें।

  • इन विभागों को कई बार बिल और चालान दिए गए, लेकिन पैसे का भुगतान नहीं किए- राघव चड्ढा

दिल्ली उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने दिल्ली सचिवालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि दिल्ली जल बोर्ड का कई एजेंसियों पर करोड़ों का बकाया है, जो केंद्र सरकार की कई एजेंसियों को देना है और दिल्ली के नगर निगम को देना है। दिल्ली जल बोर्ड का केंद्र सरकार और दिल्ली नगर निगम की एजेंसियों पर कुल 6811 करोड़ रुपए का बकाया है। डीजेबी के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि केंद्र सरकार और दिल्ली नगर निगम की एजेंसियों पर दिल्ली जल बोर्ड से पानी और अन्य सुविधाएं प्राप्त करने के बदले में बकाया का भुगतान करना है। इन विभागों को कई बार बिल और चालान दिए जा चुके हैं, लेकिन आज तक उन्होंने वो पैसे हमें नहीं दिए हैं। श्री चड्ढा ने सभी विभागों पर बकाया राशि की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि भारतीय रेल पर 3283 करोड़ रुपए दिल्ली जल बोर्ड का बकाया है, सेंट्रल पब्लिक वक्र्स डिपार्टमेंट (सीपीडब्ल्यूडी) पर 190 करोड़ रुपए बकाया है, डीडीए पर 128 करोड़ रुपए दिल्ली जल बोर्ड का बकाया है, दिल्ली पुलिस पर 614 करोड़ रुपए दिल्ली जल बोर्ड का बकाया है। इसी तरह, दिल्ली नगर निगम के ईस्ट एमसीडी को 49 करोड़ रुपए दिल्ली जल बोर्ड को देने हैं, नार्थ एमसीडी को 2466 करोड़ रुपए दिल्ली जल बोर्ड को देने हैं और साउथ एमसीडी को 81 करोड़ रुपए दिल्ली जल बोर्ड को देने हैं।

राघव चड्ढा ने कहा कि यह कुल सात एजेंसियां हैं, जिन पर दिल्ली जल बोर्ड का करोड़ रुपए बकाया है। इनमें से चार एजेंसियां रेलवे, सीपीडब्ल्यूडी, डीडीए और दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अधीन आती हैं और तीन एजेंसियां नार्थ एमसीडी, ईस्ट एमसीडी और साउथ एमसीडी दिल्ली नगर निगम के अधीन आती हैं। दिल्ली जल बोर्ड का इन सातों एजेंसियों पर कुल मिलाकर 6811 करोड़ रुपए का बकाया है, जो इन्होंने पानी, सीवर और अन्य सुविधाएं, जो दिल्ली जल बोर्ड ने उन्हें प्रदान की है, उसके बदले उन्हें यह पैसा देना है, जो इन पर बकाया है। हमने 1 सितंबर से 15 सितंबर के बीच इन विभागों को रिकवरी और कारण बताओ नोटिस भेजकर के बकाया भुगतान के लिए कहा है। कारण बताओ नोटिस में हमने उनको यह बताया है कि आपको कितना पैसा दिल्ली जल बोर्ड को देना है? यह पैसा कौन से प्रावधानों की तरह देना है? और यह नोटिस सेक्शन-55, सेक्शन-82, सेक्शन-87, सेक्शन-89 और सेक्शन-91, दिल्ली जल बोर्ड के तहत जारी किए गए हैं।

  • कोविड-19 के चलते सभी वित्तीय चुनौती से गुजर रहे हैं, इससे लड़ने के लिए जरूरी है कि डीजेबी का बकाया धनराशि सभी विभाग दें दें

डीजेबी के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि जैसा आप सभी जानते हैं, यह सच्चाई है और इससे मुंह नहीं मोड़ा जा सकता है कि कोविड-19 महामारी के चलते, लॉकडाउन के चलते देश की अर्थ व्यवस्था चरमराई हुई है और आज देश की हर सरकार और देश के हर सरकार का हर विभाग एक वित्तीय संकट से गुजर रहा है। उनके सामने एक वित्तीय चुनौती हर विभाग के सामने हैं और इस वित्तीय चुनौती से मजबूती से लड़ाई लड़ने के लिए यह अनिवार्य है कि जो-जो बकाए हमारे दिल्ली जल बोर्ड के हैं, ये तमाम विभाग, केंद्र सरकार में बैठी सरकार और नगर निगम बैठी सरकार उस बकाये का भुगतान करें। यह असाधारण और अप्रत्याशित समय है। इस समय जहां पर बड़ी-बड़ी सरकारें वित्तीय चुनौती के चलते अपने घुटने टेक चल रही हैं, वहां पर लगातार कोविड-19 जैसे इस महामारी रूपी राक्षस से केजरीवाल सरकार लड़ाई लड़ रही है और इस लड़ाई को और सरल बनाने के लिए यह अच्छा होगा कि जो 6811 करोड़ बकाया है, उसे केंद्र सरकार, जो उनके चार विभाग हैं और और नगर निगम में बैठी सरकार, यह दोनों सरकारें हमें वह पैसा दे दें। हम पूरे विश्वास के साथ यह भी कहना चाहते हैं कि केंद्र सरकार और नगर निगम की सरकार बकाया भुगतान अवश्य करेंगी। यह सारे वैध भुगतान हैं, उन्होंने कई सालों से यह सुविधाएं दिल्ली जल बोर्ड से ली है। इसमें कुछ बकाए 2013, 2014 और 2015 के बकाया धनराशि हैं, जो अभी तक भुगतान नहीं किए गए हैं। हमें पूरा विश्वास है कि वो अवश्य भुगतान करेंगे और इस अप्रत्याशित समय में अपनी जिम्मेदारी अवश्य निभाएंगे।

  • डीजेबी के उपर भी बकाए हैं, फिर भी हम बड़े-बड़े प्रोजेक्ट कर रहे हैं

श्री राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के उपर भी बकाए हैं। हमारा भी अपना वित्तीय दयित्व है, जिसे हमें उसे निभाना है और हम निभा रहे हैं। हम बड़े-बड़े प्रोजेक्ट हैं, जो हम पूरा कर रहे हैं, लेकिन हमारी भी वित्तीय दायित्व को देखते हुए हम अनुरोध करना चाहेंगे कि सभी एजेंसियां बकाया भुगतान नियत समय में करें। हमने यह सारे रिकवरी नोटिस सभी सातों एजेंसियों जारी कर दिए है। हमें विश्वास है कि ये सातों एजेंसियां इस नोटिस का संज्ञान लेते हुए इसका भुगतान जल्द से जल्द अवश्य करेंगी। इस संदर्भ में यदि दिल्ली जल बोर्ड कोई भी सहायता कर सके, कोई क्लेरिफिकेशन दे सके, उसके लिए हम तत्पर हैं, तैयार हैं। इन विभागों को जो नोटिस भेजे गए हैं, इनमें कुछ विभागों ने हमें लिखकर क्लेरिफिकेशन भी मांगा है। हमें पूरा विश्वास है कि वो अवश्य इस अप्रत्याशित समय में, इस संकट काॅल में अपने वित्तीय दायित्व को अवश्य निभाएंगे।

  • बकाया का भुगतान न होने पर स्थिति में बोर्ड कानूनी पहलुओं का इस्तेमाल करने पर मजबूर होगा- राघव चड्ढा

श्री चड्ढा ने कहा कि दिल्ली जलबोर्ड के बकाए का भुगतान न करने की स्थिति में बोर्ड उन कानूनी पहलुओं का इस्तेमाल करने पर मजबूर होगा, जो इसे दिल्ली जल बोर्ड एक्ट 1998 के तहत प्राप्त हैं। दिल्ली जल बोर्ड 1998 के प्रावधानों के तहत बकाया भुगतान में असफल होने की स्थिति में ब्याज का भुगतान करना (सेक्शन 55) होगा और साथ ही कड़ी पेनाल्टी (सेक्शन 82) भी थोपी जा सकती है। इतना ही नहीं, बल्कि चल-अचल संपत्ति की बिक्री व अटैचमेंट (सेक्शन 87) के जरिए भी बकाए की रकम वसूली जा सकती है। इसके अलावा अन्य प्रावधानों का भी हमने अपनी नोटिस में किया है और अनुरोध है। हमें पूरा विश्वास है, मुझे नहीं लगता है कि उन सारे प्रावधानों का इस्तेमाल करने की नौबत आएगी और यह सातों विभाग बकाये का भुगतान अवश्य करेंगे। इसमें सबसे बड़ा विभाग दिल्ली रेलवे है, जो कुल बकाया 6811 करोड़ रुपए हैं, उसमें से 3283 करोड़ रुपए सिर्फ भारतीय रेलवे का है। उसके बाद सबसे बड़ा बकाया नार्थ एमसीडी का है, जो 2466 करोड़ रुपए का है। मुझे विश्वास है कि इन सारे बकाये का भुगतान सभी विभाग जल्द से जल्द अवश्य करेंगे।

  • बकाए का भुगतान करने में एजेंसियों को कोई मदद चाहिए, तो उसके लिए हम तैयार हैं- राघव चड्ढा

राघव चड्ढा ने कहा कि इसमें से कुछ बताएं 2014 और 2013 के हैं। इसमें कई सारे बकाए ऐसे भी हैं, जिनका भुगतान करने के लिए कई बार अवसर भी दिए गए। इन्हें लगातार नोटिस दिए गए, रिमाइंडर भेजे गए और चालान भी भेजे गए, इसके बाद भी इसका भुगतान नहीं हुआ। इसलिए हमने इन्हें पैसे का बकाया भुगतान के लिए 30 दिन की मोहलत दी है और अनुरोध किया है कि 30 दिन के अंदर वह अपना भुगतान कर दें। हमें पूरा विश्वास है कि वो अवश्य अपने बकाए का भुगतान कर देंगे। यह प्रत्याशित समय है और सभी संकट काल से गुजर रहे हैं। सभी एक दूसरे की वित्तीय स्थिति को समझ रहे हैं। हमें विश्वास है कि इस कोरोना काल में जो हमारा वैध वित्तीय बकाया है, वह हमें अवश्य मिलेगा। मैं डीजेबी का उपाध्यक्ष होने के नाते यह आश्वस्त कराना चाहता हूं कि इस बकाए का भुगतान करने में यदि इन सातों एजेंसियों को कोई मदद हमसे चाहिए, किसी प्रकार की कोई रियायत चाहिए, हम वो मदद और रियायत देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। हम चाहेंगे कि उनकी मदद करते हुए बकाया भुगतान जितनी जल्द हो, इसका भुगतान कर दें। हम कानून के तहत कार्रवाई कर रहे हैं। दिल्ली जल बोर्ड जो कहती है, हम उसी के प्रावधानों के तहत ही कार्रवाई हो रही है।

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