21 जुलाई | आज दिल्ली स्टेट आँगनवाड़ी वर्कर्स एण्ड हेल्पर्स यूनियन के बैनर तले बड़ी संख्या में महिलाओं ने दिल्ली महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्यालय का घेराव किया। इस दौरान ज्ञापन के ज़रिए यूनियन ने निम्न माँगें रखीं : सभी टर्मिनेटेड वर्करों व हेल्परों को तुरन्त बहाल करो। सभी आँगनवाड़ीकर्मियों के जून तक के मानदेय का भुगतान तुरन्त करो। जब तक मामला न्यायाधीन है तब तक टर्मिनेटेड वर्करों को समान (फ़ोन, रजिस्टर इत्यादि) वापस करने के लिए प्रताड़ित करना बन्द करो। सभी टर्मिनेटेड महिलाकर्मियों के बकाये का तुरन्त भुगतान करो।
यूनियन ने बताया कि ज्ञात हो कि दिल्ली में 31 जनवरी से चली आँगनवाड़ीकर्मियों की हड़ताल को तमाम तिकड़म से तोड़ पाने में असफ़ल होने के बाद भाजपा और आप ने मिलीभगत से इस हड़ताल को हेस्मा थोप कर ख़त्म किया था। यही नहीं इसके उपरांत 884 महिलाकर्मियों को महिला एवं बाल विकास विभाग ने महज़ अपने हको के लिए हड़ताल में शामिल होने की वजह से बर्खास्त कर दिया था। बर्खास्त महिलाकर्मियों का मसला फ़िलहाल दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीन है।
यूनियन ने बताया कि ज्ञात हो कि बर्ख़ास्त आँगनवाड़ीकर्मियों के जनवरी माह के मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग इन बर्खास्त महिलाकर्मियों को उनके फ़ोन, रजिस्टर इत्यादि जमा करने के लिए प्रताड़ित कर रहा है। इस मुद्दे पर महिला एवं बाल विकास विभाग को पहले भी कई बार ज्ञापन सौंपे जा चुके हैं। 19 जुलाई को कई बर्खास्त कर्मियों को मानदेय भुगतान का मैसेज प्राप्त होने के बावजूद बैंक खातों में राशि प्राप्त नहीं हुई। आज इस मसले पर विभाग की नयी संयुक्त निदेशक नलिनी महाराज से मुलाक़ात की गयी। जल्द ही भुगतान के मसले पर निदेशक से वार्ता की जायेगी। आज के प्रदर्शन में झण्डे, दफ़्तियों, नारों इत्यादि के साथ महिलाकर्मियों ने विभाग का घेराव किया।