- शराब माफियाओं से मिलीभगत कर आप ने दिल्ली को बर्बाद कर दिया: प्रवेश
नई दिल्ली, 27 जुलाई 2022: दिल्ली सरकार की नई शराब नीति में शराब माफियाओं से मिलीभगत कर आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली को ना केवल बर्बाद करने का काम किया है बल्कि हजारों करोड़ का कमीशन भी अवैध रूप से लेकर 850 से ज्यादा दुकानें खोली हैं। पश्चिमी दिल्ली से भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने बुधवार को आम आदमी पार्टी मुख्यालय पर दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की बर्खास्तगी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान ये उक्त आरोप लगाए।
इस दौरान सांसद प्रवेश ने कहा कि अरविंद केजरीवाल अब ज्यादा दिन अपनी नई शराब नीति के घोटालों को छुपा नहीं सकते, क्योंकि सीबीआई जांच की मांग की गई है और सीबीआई जांच शुरू होते ही दिल्ली सरकार के सारे शराब माफियाओं के मित्र जेल में होंगे। सांसद ने कहा कि देश की राजधानी को शराब की राजधानी बनाने वाले शराब माफियाओं के मित्र सीएम केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया हैं। नई शराब नीति बनाने में नियमों की अनदेखी हुई क्योंकि हजारों करोड़ का कमीशन केजरीवाल को मिला था। उन्होंने कहा कि दिल्ली में नई आबकारी नीति में भ्रष्टाचार करने वालों का नया ठिकाना जेल होगी। इस दौरान भाजपा पार्टी पदाधिकारियों सहित भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे।
सांसद ने आरोप लगाते हुए कहा कि केजरीवाल के भ्रष्ट स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र की याददाश्त जाने की खबर सबसे पहले तो अत्यंत दुःखद है क्योंकि केजरीवाल के हजारों करोड़ के भ्रष्टाचार से भरी संदूक की चाबी उसी मंत्री के पास है और अब दूसरे मंत्री भी जेल जाने की पैकिंग में लगे हुए हैं। अब कहीं इनकी भी याददाश्त ना चली जाए। आम आदमी पार्टी के अब तक जितने भी नेता भ्रष्टाचार, बलात्कार, दंगा, रिश्वत, फर्जी डिग्री, हवाला कारोबार में गिरफ्तार हुए हैं, उनको केजरीवाल ने खुद ही जज बनकर ईमानदारी के प्रमाणपत्र बांटे है।
सांसद ने कहा कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल बहुत शातिर हैं और इसी के चलते उन्होंने एक भी मंत्रालय खुद नहीं संभाला क्योंकि उसको पता था मुझे हजारों करोड़ कमाने हैं और मैं एक दिन पकड़ा जाऊंगा तो जेल जाऊंगा इसलिए केजरीवाल ने सारे मंत्रालय दूसरों को दे दिये लेकिन सरकार खुद चला रहे हैं। दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने 144 करोड़ रूपये शराब माफियाओं का माफ किया क्योंकि भ्रष्ट सिसोदिया के शराब कारोबारी मित्र कोरोना काल में शराब नहीं बेच पाए थे। वहीं दिल्ली में छोटे-2 उद्योग चला रहे लोगों का एक रुपया भी माफ नहीं किया, बिजली बिल माफ नहीं किया।