- डीटीए का प्रतिनिधि मंडल कार्यवाहक कुलपति से कॉलेजों में स्थायी नियुक्ति और शिक्षकों की पदोन्नति को लेकर मिला
- दिल्ली सरकार के 6 कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी के सदस्यों के नाम भेजने की मांग
- शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति और पदोन्नति को लेकर स्कूटनी और स्क्रीनिंग का काम जोरों पर
- जल्द ही जारी होंगी गाइडलाइंस
नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) का एक प्रतिनिधि मंडल बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर पी.सी.जोशी से उनके कार्यालय में दिल्ली सरकार के 6 कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी के सदस्यों के नामों को भेजे जाने व लगभग 5000 एडहॉक शिक्षकों की कॉलेजों में स्थायी नियुक्ति करने, लंबे समय से रुकी शिक्षकों की पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू कराने की मांग को लेकर उन्हें ज्ञापन और मांग पत्र सौंपा।प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व एसोसिएशन के प्रभारी प्रोफेसर हंसराज सुमन ने किया। अध्यक्ष डॉ. आशा रानी उपाध्यक्ष डॉ. नरेंद्र पांडेय, सचिव डॉ. मनोज कुमार सिंह व श्री केदारनाथ आदि भी उपस्थित थे।
एसोसिएशन के प्रभारी प्रोफेसर हंसराज सुमन ने कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर जोशी को बताया कि दिल्ली सरकार के वित्त पोषित 6 कॉलेजों में दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा गवर्निंग बॉडी के सदस्यों के नाम अभी तक नहीं भेजे गए हैं जिसके कारण इन कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी नहीं बन पाई है। उन्होंने कार्यवाहक कुलपति से इस संदर्भ में तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है। अदिति कॉलेज, महर्षि वाल्मीकि कॉलेज, कालिंदी कॉलेज, दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज, केशव महाविद्यालय और लक्ष्मीबाई कॉलेज में पिछले 6 महीनों से सदस्यों के नाम नहीं भेजे। बताया गया कि लक्ष्मीबाई कॉलेज में तो बिना एक सदस्य के गवर्निंग बॉडी बना ली है जिसमें उसने दिल्ली सरकार के बाहर के सदस्यों से गवर्निंग बॉडी बन गई है। चेयरमैन डीयू प्रशासन से बनाया गया है।
प्रोफेसर सुमन ने कार्यवाहक कुलपति को यह भी बताया गया कि पिछले एक दशक से 3000 शिक्षकों की पदोन्नति ना होने से उन्हें हर महीने हजारों रुपये की आर्थिक हानि हो रही है।साथ ही लंबे समय से लगभग 5 हजार एडहॉक शिक्षक विभिन्न कॉलेजों में पढ़ा रहे हैं। इसके अलावा विभागों में सहायक प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के 800 पदों पर नियुक्ति होनी है।विभागों में शिक्षकों की नियुक्ति ना होने से शोध कार्य प्रभावित हो रहा है और शोधार्थियों को शोध निर्देशक मिलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, उनका कहना है कि यह समस्या सबसे ज्यादा विज्ञान विषयों में है जहां विभाग से बाहर कम ही शोध निर्देशक लिए जाते हैं।
प्रतिनिधि मंडल की बात सुनने के बाद कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर जोशी ने कहा कि जल्द ही विभागों और कॉलेजों में खाली पड़े सहायक प्रोफेसर के पदों पर स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर देगा। कॉलेजों में खाली पड़े पदों पर नियुक्ति करने संबंधी स्कूटनी के बाद स्क्रीनिंग की प्रक्रिया का कार्य जोरों पर है।उन्होंने बताया कि स्क्रीनिंग की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद कॉलेजों को नियुक्ति संबंधी गाइडलाइंस जारी कर दी जाएगी।उनका कहना है कि कोरोना की समाप्ति के तुरंत बाद कॉलेजों में इंटरव्यू की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।प्रोफेसर जोशी ने कहा कि जल्द ही जिन कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी नहीं बनी है उन 6 कॉलेजों के सदस्यों के नाम भेज दिए जाएंगे।उनका यह भी कहना था कि प्रमोशन के लिए परफॉर्मा कॉलेजों को भेज दिया गया है, जल्द ही प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
प्रोफेसर सुमन ने उन्हें यह भी बताया है कि दिल्ली सरकार के वित्त पोषित 28 कॉलेजों में से 6 कॉलेजों में अभी तक गवर्निंग बॉडी नहीं बनी है।उनका कहना है कि पिछले चार महीने से ईसी में गवर्निंग बॉडी के सदस्यों के नाम पास हो चुके ,6 कॉलेजों के 6 सदस्यों पर आपत्ति जताई थी लेकिन उसके तीन दिन बाद दिल्ली सरकार ने वाइस चांसलर को नाम भेज दिए थे लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय ने उनके नामों को आज तक कॉलेजों को नहीं भेजा है जिससे गवर्निंग बॉडी बनने में दिक्कतें आ रही है।
डीटीए की अध्यक्ष डॉ. आशा, सचिव डॉ. मनोज कुमार सिंह, उपाध्यक्ष डॉ. नरेंद्र पांडेय आदि ने कार्यवाहक कुलपति से मांग की है कि दिल्ली सरकार के वित्त पोषित 6 कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी के सदस्यों के नाम भेजे जाए ताकि तुरंत सैलरी रिलीज हो सके और आर्थिक स्थिति से जूझ रहे शिक्षकों को वेतन दिया जा सके।उन्होंने कहा है कि डीयू प्रशासन को अपनी हठधर्मिता छोड़ शिक्षकों के हितों में फैसला लेते हुए जल्द से जल्द सदस्यों के नामों को भेजकर आम आदमी पार्टी के सदस्यों की गवर्निंग बॉडी बनवाए।