- आप शिक्षक संगठन के डीयू एसी में दो उम्मीदवार विजयी
- हमारे दोनों सदस्य एसी के अंदर और बाहर सड़कों पर लड़ेंगे
- विजयी होने पर जल्द ही वे दिल्ली सरकार में केबिनेट मंत्रियों से करेंगे मुलाकात
- दिल्ली सरकार के वित्त पोषित 28 कॉलेजों में सर्कुलर लागू कराना है
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ( डीटीए ) ने दिल्ली विश्वविद्यालय में शैक्षिक मामलों में फैसला लेने वाली सर्वोच्च संस्था विद्वत परिषद ( एसी ) के चुनाव में दो उम्मीदवार विजयी हुए है। विजयी उम्मीदवारों में सुनील कुमार, सहायक प्रोफेसर वाणिज्य विभाग, भगतसिंह कॉलेज ( सांध्य ) व डॉ. आशा रानी, हिंदी विभाग, पीजीडीएवी कॉलेज ( सांध्य ) है। डॉ. आशा रानी महिला कोटे के अंतर्गत पहले ही निर्विरोध निर्वाचित घोषित हो चुकी है। कार्यकारी परिषद ( ईसी ) में उनके उम्मीदवार डॉ. नरेंद्र पाण्डेय को हार का सामना करना पड़ा। डीटीए के प्रभारी डाॅ. हंसराज सुमन ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया है कि एसी में उन्होंने दो उम्मीदवार खड़े किए थे जिसमें दोनों ही उम्मीदवार जीत गए।
प्रोफेसर सुमन ने आप समर्थित उम्मीदवार सुनील कुमार व डॉ. आशा रानी के एसी में विजयी घोषित होने पर दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा है कि उनका संगठन शिक्षक हितों में सदैव उनके साथ खड़ा रहेगा। उनका कहना है कि चुनाव के समय शिक्षकों से जो उन्होंने वायदे किए थे उन्हें पूरा कराने के लिए हमारे दोनों सदस्य एसी के अंदर और बाहर सड़कों पर लड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि डीटीए की प्राथमिकता में एडहॉक शिक्षकों का समायोजन/स्थायीकरण कराना है। इसके अलावा 5 दिसम्बर 2019 का शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी सर्कुलर को दिल्ली सरकार के वित्त पोषित 28 कॉलेजों में इसे लागू कराना है। साथ ही एडहॉक टीचर्स को जब तक समायोजन/स्थायीकरण नहीं होता किसी को भी सिस्टम से बाहर नहीं किया जाएगा।
प्रोफेसर सुमन ने बताया है कि विद्वत परिषद में हमारे दो सदस्यों के विजयी होने पर जल्द ही वे दिल्ली सरकार में केबिनेट मंत्री गोपाल राय से मिलने वाले हैं। उनके निर्देशन में डीटीए ने डीयू के शिक्षकों के बीच अपनी पहचान बनाई है। इसके अतिरिक्त डीटीए कार्यकारिणी के पदाधिकारी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व राज्यसभा सांसद सुशील कुमार गुप्ता से मिलकर चुनाव में जीत हासिल कर डीटीए की आगे की रणनीति पर उनसे चर्चा करेंगे, साथ ही संगठन के विस्तार पर भी बातचीत होगी।
प्रोफेसर सुमन ने बताया कि वे दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, शिक्षा सलाहकार आतिशी सिंह तथा समाज कल्याण मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम, संजीव झा आदि विधायकों ने डीटीए की चुनाव में मदद की। उनका कहना है कि सांसद सुशील गुप्ता का सहयोग और उनकी कार्यकुशलता का लाभ उन्हें हर स्तर पर मिला है। उनसे मिलकर संगठन को मजबूती प्रदान करने के लिए सरकार से सहयोग भी मांगा जाएगा ताकि दिल्ली सरकार से सम्बद्व वित्त पोषित 28 कॉलेजों के शिक्षकों को इससे जोड़ा जा सके।
डीटीए के सचिव व मीडिया संयोजक डॉ. मनोज कुमार सिंह ने कहा कि डॉ. हंसराज सुमन के प्रभारी बनने पर संगठन में काफी सकारात्मक बदलाव हुए है और इस जीत में इनका योगदान सराहनीय रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि डॉ. सुमन के नेतृत्व में हमारा संगठन उत्तरोत्तर विकास करेगा। उनका कहना है कि संगठन की जीत के पीछे पिछले छह महीने शिक्षकों के बीच डॉ. सुमन के कार्यों ने सफलता दिलाई है वरना पिछली बार भी डीटीए का विद्वत परिषद में खाता नहीं खुल पाया था, इस बार उन्होंने दो उम्मीदवारों को एसी में भेजा है जिसका पूरा श्रेय डॉ. सुमन को जाता है।