– दिल्ली विश्वविद्यालय के एसओएल ने शुरू किया सीआईएसबीसी
– सभी स्किल आधारित कोर्स वक्त की जरूरत हैं
नई दिल्ली, 31 जनवरी 2024
दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) द्वारा आधुनिक समय की मांग के अनुसार कौशल आधारित शिक्षा के लिए “सेंटर फॉर इनोवेटिव स्किल्स-बेस्ड कोर्सेस” (सीआईएसबीसी) की शुरुआत 31 जनवरी को की गई। इसके तहत फिलहाल 21 कोर्स शुरू किए जाएंगे। इस अवसर पर डीयू के कन्वेन्शन हाल में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि संबोधित करते हुए डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए सेवा और निर्माण क्षेत्र में अधिक प्रगति की जरूरत है। इसके लिए स्किल आधारित कोर्सों तक विद्यार्थियों की पहुँच बनाने वालाडीयू का यह सेंटर लाइफ चेंजर साबित होगा। इस अवसर पर इन सभी कोर्सों के ब्रोशर भी जारी किए गए। कार्यक्रम के आरंभ में एसओएल की निदेशक प्रो. पायल मगो ने अतिथियों का स्वागत किया और सीआईएसबीसी के बारे में विस्तार से जानकारी प्रस्तुत की। कार्यक्रम के अंत में एसओएल के प्रिंसिपल प्रो. अजय जयसवाल ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस अवसर डीन ऑफ कॉलेजेज़ प्रो. बलराम पाणी, दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रो. श्री प्रकाश सिंह और रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता सहित अनेकों गणमान्य व्यक्ति एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
कुलपति ने कहा कि दुनिया के सभी विकसित राष्ट्रों की अर्थव्यवस्था में सर्वाधिक हिस्सेदारी सेवा और निर्माण क्षेत्रों की है और कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी काफी कम है; जबकि अधिकतर गरीब देशों की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का योगदान 50% से अधिक है। उन्होंने अमेरिका का उदाहरण देते हुए बताया कि वहाँ की अर्थव्यवस्था में 80% हिस्सेदारी सेवा क्षेत्र की है और 19% हिस्सेदारी उद्योग की है जबकि कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी मात्र एक प्रतिशत है। कुलपति ने कहा कि बिना ट्रेंड स्किल्ड वर्कफोर्स के विकसित भारत की परिकल्पना संभव नहीं है। इसलिए दिल्ली विश्वविद्यालय इस दिशा में वांछित कार्य कर रहा है। प्रो. योगेश सिंह ने कहा किकैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस के सहयोग से इंग्लिश प्रोफिशिएंसी कोर्स और फिनेक्स के सहयोग से सर्टिफाइड मार्केट एक्सपर्ट कोर्स जैसे ये सभी स्किल आधारित कोर्स वक्त की जरूरत हैं। इसके साथ ही कुलपति ने डीयू एसओएल की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि इस संस्थान ने देश को प्रधानमंत्री से लेकर अनेकों ब्यूरोक्रेट तक दिये हैं। देश के विकास में डीयू एसओएल का बहुत ही सराहनीय योगदान रहा है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के तौर पर संबोधित करते हुए कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस के जेम्स डिंगले ने कहा कि भारत जैसे देश में जहां अंग्रेजी दूसरी भाषा के तौर पर संपर्क भाषा हो, वहां इंगलिश प्रोफिसिएंसी कोर्स बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने डीयू के साथ मिलकर यह कोर्स तैयार करने पर खुशी जताते हुए कहा कि यह उनके लिए शौभाग्य की बात है। उनके साथ ही विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस के टी.के. अरुणाचलण ने कहा कि यह कोर्स तैयार करना हमारे लिए किसी चुनौती से कम नहीं था।