- दिल्ली में होटल इंडस्ट्री को बर्बाद होने से बचाने के लिए होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर दिया धन्यवाद
- हमारे काफी प्रयास के बाद अंततः पिछले दिनों दिल्ली डिजाॅस्टर मैनेजमेंट अथाॅरिटी की बैठक हुई, जिसमें होटलों को खोलने का फैसला लिया गया
- दिल्ली की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सभी हितधारकों को एक साथ आना होगा
- कोरोना के ज्यादा बढ़ने पर हमने अस्पतालों में बेड बढ़ाने के लिए होटलों को अस्पतालों से संबंध किया, तब होटल इंडस्ट्री का बहुत साथ मिला
- हमने केंद्र सरकार, राजनीतिक विरोधियों, दोस्तों, धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं को साथ लेकर कोरोना की स्थिति को नियंत्रित करने में सफलता हासिल की
- मुझे इस बात की खुशी है कि जब से हमने लाॅकडाउन खोला, तब से दिल्ली के अंदर किसी भी रूप में दोबारा लाॅकडाउन नहीं किया
नई दिल्ली : दिल्ली में होटल इंडस्ट्री को बर्बाद होने से बचाने के लिए उन्हें खोलने की अनुमति मिलने के बाद होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर उनका आभार जताते हुए धन्यवाद दिया। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए सभी हितधारकों को एक साथ आना होगा। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली में कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे थे, तब हमने बेड बढ़ाने के लिए कई होटलों को अस्पतालों के साथ संबद्ध किया। इस दौरान होटल इंडस्ट्री का बहुत साथ मिला। हमने केंद्र सरकार, राजनीतिक विरोधियों, दोस्तों, धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं को साथ लेकर स्थिति को नियंत्रित करने में सफलता हासिल की। मुझे खुशी है कि जब से हमने लाॅकडाउन खोला, तब से हमने दिल्ली के अंदर किसी भी रूप में दोबारा लाॅकडाउन नहीं किया।
होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारे सामने पहली सबसे बड़ी चुनौती यह है कि कैसे इस कोरोना महामारी को रोका जाए और दूसरी चुनौती यह है कि इस महामारी से जिन लोगों के काम-धंधे बंद हो गए हैं, लोगों के रोजगार चले गए हैं और अर्थ व्यवस्था को कैसे बढ़ाया जाए? इसमें सामंजस्य स्थापित करना बहुत जरूरी है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के होटल इंडस्ट्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि जब कोरोना बहुत ज्यादा बढ़ गया था, तब हमने बेड बढ़ाने के लिए होटल को अस्पतालों के साथ संबद्ध किया था। यह बहुत ही जरूरी था, क्योंकि एकदम से इतने बेड अस्पतालों में नहीं बढ़ाए जा सकते थे। इस दौरान होटल इंडस्ट्री का बहुत साथ मिला था। हमने हमेशा यह कोशिश की कि सभी को साथ लेकर चला जाए। चाहे हमारे राजनैतिक विरोधी थे, चाहे हमारे दोस्त थे, हमने सभी तरह की राजनीति को एक तरफ करके कोशिश की कि सभी को साथ लेकर चलें। हमने सुना था कि कई ऐसे शहर थे, जहां प्राइवेट अस्पताल वाले अपने अस्पताल पर ताला लगाकर भाग गए थे। उनका कहना था कि जब कोरोना ठीक हो जाएगा, तो दोबारा अस्पताल खोल लेंगे। लेकिन हमने दिल्ली में प्राइवेट अस्पताल वालों को भी साथ लिया, उनकी जो वास्तविक समस्याएं थी, उनका समाधान किया। हमारा अस्पताल वालों ने भी साथ दिया और होटल वालों ने भी साथ दिया। धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं ने भी सहयोग दिया। इसके साथ ही केंद्र सरकार से भी हमें खूब सहयोग मिला। जब भी हमने केंद्र सरकार से कोई मदद मांगी, उन्होंने हमें मदद दी।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज दिल्ली में कोरोना की स्थिति काफी नियंत्रण में आ गई है। मुझे सबसे बड़ी खुशी इस बात की है कि जब एक जून से केंद्र सरकार ने लाॅकडाउन खोलने का ऐलान किया, उन्हीं की गाइडलाइंस के आधार दिल्ली सरकार ने भी लाॅकडाउन खोलने का ऐलान किया, तब से हमने दिल्ली के अंदर किसी भी रूप में दोबारा लाॅकडाउन नहीं किया। हमने इसलिए भी दोबारा लाॅकडाउन नहीं किया, क्योंकि इसके लिए हम लोगों ने बहुत ही गहराई से योजना बनाई थी। हमने एक जून को लाॅकडाउन खोला, तो 15 से 20 दिन तक लगा था कि स्थिति काबू के बाहर जा रही है, लेकिन सभी लोगों का साथ लेकर स्थिति को नियंत्रण में किया गया। होटल खोलने की बात पर केंद्र सरकार ने काफी विरोध किया था।
केंद्र सरकार नहीं चाहती थी कि होटल अभी खुलें। मैं केंद्र सरकार को दोष नहीं दूंगा, क्योंकि केंद्र सरकार भी यही चाहती थी कि बड़ी मुश्किल से सभी ने मिल कर दिल्ली में स्थिति को नियंत्रण में किया है। होटल खोलने से कहीं केस दोबारा से बढ़ न जाएं। इसलिए उन्होंने अच्छे विचार से ही मना किया था। लेकिन मैंने उन्हें समझाया और कहा कि यह ठीक नहीं है, पूरे देश में जहां कोरोना बढ़ रहा है, वहां पर तो होटल खोल दिए गए और जहां पर कोरोना कम हो रहा है, वहां पर होटल बंद कर रहे हैं। यह तो विरोधाभाषी है। हमारे काफी प्रयास के बाद अंततः दिल्ली डिजाॅस्टर मैनेजमेंट अथाॅरिटी की बैठक हुई, जिसमें होटलों को खोलने का फैसला लिया गया।