- जाट संसद में पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह, केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बाल्यान आदि आएंगे
- इसके अलावा विख्यात फिल्म अभिनेता सन्नी देओल के भी आने की संभावना है
नई दिल्ली, 24 अक्टूबर 2023 : जाट समाज की सम्पूर्ण विश्व में अपनी विशेष व अमिट पहचान है और जाट समाज व उसकी कार्यशैली, सामाजिक न्याय व्यवस्था आदि से सभी परिचित है। मगर वर्तमान समय में जाट समाज अपने हितों व भावनाओं के साथ हो रही राजनीति से आहत व दुखी है। दरअसल समाज में जाटों की छवि नकारात्मक बनाने की कोशिश की जा रही है, उससे चिंतित व दुखी जाट समाज ने आगामी 28 अक्तूबर को जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में जाट संसद का आयोजन किया है। इस मौके पर जाट समाज के प्रबुद्ध व अग्रणी व्यक्ति गहन चिंतन कर समाज को सही दिशा देने का का कार्य करेंगे।
जाट संसद की राष्ट्रीय संयोजक मीना डबास, उत्तर भारत की सबसे बड़ी खाप पालम 360 खाप के प्रधान चौ. सुरेंद्र सोलंकी व लाडो सराय 96 खाप के प्रधान चौ. नरेश ने आज मंगलवार प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि जाट संसद में पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह, केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बाल्यान, हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, सांसद जयंत चौधरी, किसान नेता राकेश टिकैत आदि नेताओं के अलावा फिल्म स्टार प्रवीन डबास व हरियाणा फिल्म इंडस्ट्री के कई उभरते हुए सितारे भी आएगे। इसके अलावा विख्यात फिल्म अभिनेता सन्नी देओल के भी आने की संभावना है।
- जाट संसद में चार सत्र होंगे
राष्ट्रीय संयोजक मीना डबास ने बताया कि जाट संसद में चार सत्र होंगे, जिनमें एक सत्र में नेता अपने विचार व्यक्त करेंगे, जबकि एक अन्य सत्र में समाज को नई दिशा देने के कार्य में जुटे समाजिक व्यक्ति अपनी बात रखेंगे, वहीं एक सत्र में वर्तमान व पूर्व अधिकारी समाज को जागरूक करने का कार्य करेंगे। एक सत्र में फिल्म स्टार प्रवीन डबास व हरियाणा फिल्म इंडस्ट्री के कई उभरते हुए सितारे युवाओं को समाज की छवि बेहतर बनाने के लिए संदेश देंगे।
- जब अपने स्वाभिमान व सम्मान की बात होती है तो जाट पीछे नहीं हटते हैं
राष्ट्रीय संयोजक मीना डबास ने कहा कि सामान्य व्यवहार में जाटों को कर्मशील, कर्तव्यनिष्ठ, न्यायप्रिय, धरतीपुत्र किसान, वीर योद्धा, धर्मपरायण, भाई चारे की भावना वाले, समाज के विभिन्न महत्वपूर्ण निर्णयों में अग्रणी चौधरी की भूमिका में सभी स्वीकार करते है कुछ माह पहले भोपाल में आयोजित जाट महाकुंभ में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि जाट समाज की उत्पत्ति शिव की जटाओं से हुई है। उन्होंने स्वीकारा था कि जाट समाज साहसी, स्पष्टवादी और वीर बहादुर होता है। दरअसल जब अपने स्वाभिमान व सम्मान की बात होती है तो जाट पीछे नहीं हटते है और वह जान की बाजी लगा देते है। लिहाजा अब जाट समाज के प्रबुद्ध व अग्रणी व्यक्तियों को अपने समाज के मान सम्मान को बनाए रखने के लिए गहन चिंतन, एकजुट होकर, सर्वसम्मति बना कर कड़े कदम उठाने होंगे। उन्हें सुनिश्चित करना होगा कि जाट समाज की आत्मा व उनके मान सम्मान के साथ यदि कुछ लोग अपने हितों के लिए छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं तो उसे कैसे रोकें।