- प्रवासी मजदूरों के पलायन के पीछे दिल्ली सरकार की बड़ी साजिश
- सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने दिल्ली सरकार की लापरवाही की पोल खोल दी है
- जहां प्रतिदिन गरीबों के लिए आने वाले पके हुए खाने को गरीबों में ना बांट कर जानवरों को खिलाया जा रहा है
- लॉक डाउन के दौरान दिल्ली सरकार ने कई बार प्रवासी मजदूरों को पलायन के लिए मजबूर किया
- असफलता मिलने के बाद अब उनके निवाले को छीनने पर उतर आए हैं
नई दिल्ली: दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने निरंतर दिल्ली से पलायन कर रहे प्रवासी मजदूरों के लिए दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि इस पलायन के पीछे दिल्ली सरकार की एक सोची-समझी साजिश है जिसके तहत मजदूरों को पलायन के लिए विवश किया जा रहा है। जिस उद्देश्य के साथ दिल्ली में लॉक डाउन की शुरुआत हुई थी उसको निरंतर प्रभावित करने के लिए दिल्ली सरकार ने प्रवासी मजदूरों को मिलने वाली राहत खाद्य सामग्री में हेराफेरी कर मजदूरों को पलायन के लिए मजबूर किया गया।
मनोज तिवारी ने कहा कि पूरे देश भर में गरीब कल्याण योजना के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉक डाउन के दौरान कई प्रकार की योजनाएं शुरू की थी जिन्हें राज्य सरकारों ने कार्यान्वित करना था लेकिन दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा दिए गए मुफ्त राशन को बांटने में लापरवाही की और अफवाह फैलाकर दिल्ली में अफरा तफरी का माहौल पैदा किया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने दिल्ली सरकार की लापरवाही की पोल खोल दी है, वीडियो में दिखाया जा रहा है कि प्रतिदिन गरीबों के लिए आने वाले पके हुए खाने को गरीबों में ना बांट कर जानवरों को खिलाया गया और उसका बिल सरकारी खर्चे में डालकर बड़ी हेराफेरी की गई। केंद्र सरकार ने भरपूर राशन दिल्ली सरकार को दिया है लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा संचालित कई राशन केंद्र खाली पड़े हैं और 15 दिन लगातार चक्कर काटने के बाद भी कई जरूरतमंदों को राशन नहीं दिया गया जिस से पीड़ित होकर दिल्ली के हजारों प्रवासी मजदूर पलायन को विवश है।
अध्यक्ष तिवारी ने कहा कि प्रतिदिन प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए मुख्यमंत्री केजरीवाल दिखावे के लिए प्रवासी मजदूरों से अपील करते हैं कि वह दिल्ली ना छोड़े लेकिन असल में उन मजदूरों को ही दिल्ली सरकार खाने से वंचित रख रही है। कोई भी गरीब भूखा ना सोए इसी उद्देश्य के साथ दिल्ली के लिए केंद्र सरकार ने 768 करोड़ का राशन दिल्ली सरकार को मुहैया कराया लेकिन दिल्ली सरकार और उनके मंत्रियों ने उस राशन को गरीब-जरूरतमंद लोगों की थाली तक पहुंचने ही नहीं दिया। लॉक डाउन के दौरान दिल्ली सरकार ने कई बार प्रवासी मजदूरों को मजबूर किया पलायन करने के लिए लेकिन विफल होने के बाद अब उनके निवाले को छीनने पर उतर आए हैं। यह सब करके दिल्ली सरकार ने संवेदनहीनता की सारी सीमाएं पार कर दी है।
तिवारी ने कहा कि दिल्ली में महामारी का प्रकोप दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है और मजदूरों के निरंतर हो रहे पलायन से यह महामारी अब यहां से जाने वाले प्रवासियों के माध्यम से अन्य राज्यों में अपने पांव पसार रही है। उन्होंने मांग की कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रवासी मजदूरों के खिलाफ जो साजिशन पलायन की जो स्थिति उत्पन्न की है वह उसके लिए लाखों मजदूरों से माफी मांगे और केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को ईमानदारी पूर्वक जरूरतमंदों तक पहुंचा कर दिल्ली में बढ़ रहे महामारी के प्रकोप पर रोकथाम लगाने के लिए पहल करें। दिल्ली सरकार दिल्ली के लोगों के साथ-साथ प्रवासी मजदूरों की जान के साथ भी खिलवाड़ कर रही है। अरविंद केजरीवाल पहले ऐसे मुख्यमंत्री होंगे जो महामारी और विपत्ति काल के समय में भी दिल्ली के हितों से ऊपर राजनीति और दलगत हित के लिए काम कर दिल्ली के सामने एक बड़ा संकट पैदा कर रहे हैं। श्री तिवारी ने दिल्ली सरकार से आग्रह किया कि इस मामले की जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।