Thursday, October 3, 2024
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केजरीवाल सरकार दिल्ली की 39 अनधिकृत कॉलोनियों व 4 गांव में बिछाएगी सीवर लाइन : सिसोदिया

  • -उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में आयोजित दिल्ली जल बोर्ड की बोर्ड बैठक में लिए गए कई अहम फैसले – बोर्ड बैठक में उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 1855 करोड़ रूपए की परियोजनाओं को दी मंजूरी – कोंडली एसटीपी, कोरोनेशन एसटीपी, रोहिणी एसटीपी, पप्पन कलां, नरेला और निलोठी एसटीपी समेत कुल 6 एसटीपी को किया जाएगा अपग्रेड- राजधानी को झीलों का शहर बनाने की मुहिम में जुटी केजरीवाल सरकार, कई झीलों और जलाशयों को मनोरंजक और सुरक्षित स्थल के तौर पर विकसित किया जा रहा है- यमुना को भी प्राथमिकता के आधार पर साफ करना ही दिल्ली सरकार का मुख्य मकसद- दिल्ली सरकार ने विभिन्न एसटीपी में आधुनिक तकनीकों से पानी को ट्रीट करने की पहल की है

नई दिल्ली,1 जुलाई 2022 : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से शुक्रवार को दिल्ली सचिवालय में उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में आयोजित दिल्ली जल बोर्ड की बोर्ड बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। इस दौरान उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यमुना नदी के प्रदूषण को कम करने और राष्ट्रीय राजधानी की अनाधिकृत कालोनियों में सीवरेज सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न परियोजनाओं को मंजूरी दी। साथ ही उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा पानी को रिसाइकिल व रियूज करने के निर्देश दिए। बैठक में फैसला लिया गया कि दिल्ली के 6 सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को अपग्रेड करने के लिए 1367.5 करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे। वहीं, राजधानी की 39 अनधिकृत कॉलोनियों समेत 4 गांव में सीवर लाइन बिछाई जाएंगी, जिससे करीब 3 लाख लोगों को लाभ मिलेगा। उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि ओखला एसटीपी से यमुना तक साफ पानी पहुंचाने के लिए एक कनेक्टिंग लाइन बिछाई जाएगी। इसके अलावा ग्राउंडवाटर को रिचार्ज करने के लिए ओखला एसटीपी के पास झीलें भी विकसित की जाएगी। ताकि पानी को एसटीपी से सीधे झीलों में छोड़ा जाए। दिल्ली जल बोर्ड की बैठक में 1855 करोड़ रूपए की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।

दिल्ली की 39 अनधिकृत कॉलोनियों और 4 गांव में बिछाई जाएगी सीवर लाइन – केजरीवाल सरकार ने बिजसवाना की 6 अनधिकृत कॉलोनियों और एक गांव में 26.5 किमी की सीवर लाइन बिछाने का फैसला लिया है। इससे करीब 50 हजार की आबादी को फायदा होगा। वहीं, 1.5 एमजीडी पानी को ट्रीट किया जा सकेगा। इसके अलावा नजफगढ़ में 82.79 किलोमीटर सीवर लाइन नेटवर्क बिछाया जाएगा। इसके तहत 21 अनधिकृत कॉलोनियों समेत 1 गांव की करीब 1 लाख 65 हजार आबादी को फायदा होगा। साथ ही 4.75 एमडीजी पानी को दिल्ली जल बोर्ड ट्रीट कर पाएगा। शिकारपुर में 17.25 किमी की सीवर लाइन बिछाई जाएगी, जिससे 20 हजार लोगों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा देवली व संगम विहार की 12 अनधिकृत कॉलोनियों में 35 किमी सीवर लाइन और बुराड़ी में 24 किमी की सीवर लाइन बिछाई जाएगी। इसे यहां रहने वाले 30 हजार लोगों को लाभ मिलेगा। उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि सीवर लाइन बिछने के बाद क्षेत्र के करीब 3 लाख निवासियों को लाभ होगा। वर्तमान में इन क्षेत्रों में उत्पन्न सभी सीवेज को स्थानीय तालाब, सेप्टिक टैंक और स्टॉर्मवाटर ड्रेन में छोड़ा जाता है। नाले का निर्वहन अप्रत्यक्ष रूप से यमुना में जाता है। ऐसे में करीब 39 अनधिकृत कॉलोनियों और 4 गांव में सीवर लाइन बिछाने के बाद 8.25 एमडीजी पानी को ट्रीट करने के लिए मदद मिलेगी और यमुना में केवल साफ पानी की पहुंचेगा।

6 एसटीपी को किया जाएगा अपग्रेड, यमुना में बहेगा साफ पानी -दिल्ली में कोंडली एसटीपी, कोरोनेशन एसटीपी, रोहिणी एसटीपी, पप्पन कलां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, नरेला एसटीपी, निलोठी एसटीपी समेत कुल 6 एसटीपी को अपग्रेड किया जाएगा। इसे अपग्रेड करने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से 1367.5 करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे। वर्तमान में इन एसटीपी की कुल क्षमता 160 एमजीडी है, जोकि अपग्रेड होने के बाद बढ़कर 205 एमजीडी हो जाएगी। इसके अलावा पानी को बेहतर ट्रीट करने के लिए आधुनिक तकनीक अपनाई जाएगी। उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि इन वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी को उपचारित किया जाएगा, जिससे यमुना साफ होगी। इन एसटीपी में टीएसएस-10 मिलीग्राम प्रति लीटर के अपशिष्ट प्रवाह मानकों के साथ नवीनतम तकनीक से बनाया जाएगा, जिसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस हटाने के साथ-साथ कीट भी मारे जा सकेंगे। वहीं, पप्पनकलां एसटीपी की क्षमता 20 एमडीजी से 30 एमडीजी तक बढ़ाई जाएगी। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के ट्रीट हो रहे पानी को यहां मौजूद झील में छोड़ा जाएगा।

एसटीपी का नाम – अपग्रेड होने के बाद की क्षमता – अपग्रेडेड डिजाइन (बीओडी: टीएसएस) कोंडली एसटीपी 45 एमजीडी 10/10 = कोरोनेशन एसटीपी 30 एमजीडी 10/10 = नरेला एसटीपी 10 से 15 एमजीडी 10/10 = रोहिणी एसटीपी 15 से 25 एमजीडी 10/10 = पप्पन कलां एसटीपी 20 से 30 एमजीडी 10/10 = निलोठी एसटीपी 40 से 60 एमजीडी 10/10

क्या है बीओडी, सीओडी और टीएसएस

सीवर के पानी की बायोलॉजिकल ऑक्सीडेशन डिमांड (बीओडी) 250 तक होती है। गंदे पानी को शोधित कर 10 तक लाया जाता है। इसके बाद नाले में डाल दिया जाता है। सीवर के शोधित पानी में दो बातों को देखा जाता है। पहला बीओडी और दूसरा सीओडी होता है। बीओडी ऑक्सीजन की मात्रा है जो एरोबिक स्थितियों के तहत कार्बनिक पदार्थों को विघटित करते हुए बैक्टीरिया द्वारा खपत होती है। वहीं, सीओडी पानी में कुल कार्बनिक पदार्थों के रासायनिक ऑक्सीकरण के लिए आवश्यक ऑक्सीजन की मात्रा है। बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड जितनी ज्यादा होगी, पानी की ऑक्सीजन उतनी तेजी से खत्म होगी और बाकी जीवों पर उतना ही खराब असर पड़ेगा। आसपास के वातावरण पर विपरीत असर पड़ता है। पानी के संपर्क में आने से चर्म रोग होते हैं। इसके अलावा टीएसएस (TSS) भी पानी की गुणवत्ता जांचने का एक महत्वपूर्ण उपाय है। टोटल सस्पेंडेड सॉलिड (TSS) सूक्ष्म कणों का वह भाग है जो पानी में निलंबन में रहता है। यह जितना कम होगा, पानी की गुणवत्ता उतनी ही बेहतर होगी। केजरीवाल सरकार सीवेज पानी को ट्रीट करने की पूरी प्रक्रिया को लागत प्रभावी बनाने, समय की बचत करने और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए पूरी लगन से काम कर रही है।

राजधानी को झीलों का शहर बनाने की मुहिम में जुटी दिल्ली सरकार

उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार राजधानी को झीलों का शहर बनाने की मुहिम में जुटी है। दिल्ली में 299 जलाशय और 9 झीलों को विकसित किया जा रहा है। इनमें कई झीलों और जलाशयों को मनोरंजक और सुरक्षित स्थल के तौर पर विकसित किया जा रहा है। झीलों व जलाशयों के पुनर्जीवित होने से राजधानी की बायोडायवर्सिटी में भी सुधार होगा और साथ ही आसपास के भूजल स्तर में भी सुधार आएगा। एक तय भूजल स्तर पर उस पानी का इस्तेमाल पानी की डिमांड और सप्लाई के अंतर को कम करने के लिए भी कर पाएगा। दिल्‍ली की सभी झीलों व जलाशयों को विकसित करने के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है, ताकि इनके सुंदरीकरण के साथ ग्राउंड वाटर को रिचार्ज करने में भी मदद मिल सके। इसके अलावा महरौली एसटीपी से ट्रीटेड पानी को डीएलएफ छतरपुर, सतबारी और राधे मोहन ड्राइव फार्म हाउस में सप्लाई किया जाएगा, ताकि बोरवेल से पानी निकलने की नौबत न आए।

ओखला एसटीपी के पास विकसित की जाएंगी झीलें


ओखला एसटीपी से यमुना नदी तक पानी पहुंचाने के लिए एक कनेक्टिंग लाइन बिछाई जाएगी। इसके साथ ही ग्राउंडवाटर को रिचार्ज करने के लिए ओखला एसटीपी के पास छोटी-छोटी झीलें विकसित की जाएगी, ताकि पानी को एसटीपी से झीलों में छोड़ा जाएगा। अतिरिक्त ट्रीटेड पानी को यमुना में कनेक्टिंग लाइन के जरिए छोड़ा जाएगा। इसके अलावा ओखला एसटीपी से एनटीसीपी ईकोपार्क बदरपूर तक भी ट्रीटेड पानी पहुंचाया जाएगा। उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने विभिन्न सीवर ट्रीटमेंट प्लांट्स में आधुनिक तकनीक के जरिए पानी को ट्रीट करने की पहल की है। इस अनोखी तकनीक की मदद से वर्तमान में ओखला एसटीपी में सीवर के पानी को भी बेहतर तरीके से ट्रीट किया जा रहा है। यही वजह है कि एसटीपी में पानी की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। सीवेज वॉटर को ट्रीट करके सरकार सिविल कार्य और भारी मशीनरी खरीदने के लिए उपयोग की जाने वाली लागत को कम कर पाएगी।

यमुना को भी प्राथमिकता के आधार पर साफ करना ही दिल्ली सरकार का मुख्य मकसद

उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पानी व सीवर के इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करना सरकार का काम है। लोग टैक्स देते हैं, इस कारण इंफ्रास्ट्रक्चर पर उनका हक है। केजरीवाल सरकार ने यमुना नदी को अगले तीन साल में पूरा साफ करने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत दिल्ली के 100 फीसदी घरों को भी सीवर लाइन से जोड़ने का प्लान है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फरवरी 2025 तक यमुना को साफ करने की जिम्मेदारी जल बोर्ड को दी है, जिस तरह पिछले कार्यकाल में दिल्ली सरकार ने स्कूलों और अस्पतालों का कायाकल्प किया, वैसे ही इस बार यमुना को भी प्राथमिकता के आधार पर साफ करना ही मुख्य मकसद है।

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