- दिल्ली सरकार ने कोरोना मरीजों के उपचार के लिए नामित किया अस्पताल
- एक जून के बाद ओपीडी, आपातकालीन, प्रसव और आंतरिक आदि सेवाएं होगी बंद
- प्रतिदिन करीब 2 हजार मरीजों की बढ़ जाएगी समस्या
नई दिल्ली : दिल्ली देहात और हरियाणा से ओपीडी व आपातकालीन मरीजों के लिए एक जून के बाद नरेला स्थित सत्यवादी राजा हरिशचंद्र अस्पताल में सेवाएं बंद हो जाएगी। क्योंकि दिल्ली सरकार ने इस अस्पताल को कोरोना यानि कोविड अस्पताल घोषित कर दिया है। दिल्ली में कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए दिल्ली सरकार ने यह कदम उठाया हैं। लेकिन इस कदम के बाद अस्पताल प्रशासन और क्षेत्रीय जागरूक लोगों में रोष हैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर अस्पताल स्टाॅफ ने बताया कि यहां समस्त जरूरी सुविधाएं नहीं हैं और बताया जा रहा है कि यहां मरीजों के आने के बाद झगड़े की संभावना है।
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने 29 मई, शुक्रवार को एक आदेश जारी कर अस्पताल को कोरोना संक्रमण के उपचार के लिए नामित कर दिया गया है। आदेश के बाद अब अस्पताल में 200 कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार किया जा सकेगा। सरकार ने चिकित्सा अधीक्षक को निर्देश जारी किए हैं कि 2 जून तक अस्पताल को कोरोना मरीजों के उपचार के लिए तैयार कर ले और अस्पताल में भर्ती मरीजों को नजदीकी सरकारी अस्पतालों में और यदि किसी मरीज को विशेष उपचार की आवश्कता हो तो उन्हें नजदीकी निजी अस्पताल में स्थानांतरित कर दे। उपचार के लिए दिल्ली सरकार दिल्ली आरोग्य कोष से बिल चुका देगी।
सरकार के इस आदेश के बाद स्थानीय लोगों में रोष है। उनका कहना है कि दिल्ली सरकार का मात्र एक ही अस्पताल है और इसे भी अब कोरोना उपचार के लिए बना दिया जाएगा। जबकि यहां पहले ही पूरी सुविधाएं नहीं हैं और ऐसे में ओपीडी जैसी सेवांए बंद होने से यहां आने वाले हजारों मरीजों को भारी परेशानी उठानी पड़ेगी। इसके अलावा कोरोना उपचार के लिए दिल्ली के लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल को 2 हजार बिस्तर, राजीव गांधी सुपर स्पेशयल्टी अस्पताल को 500 बिस्तर और दीप चंद बंधु अस्पताल को 200 बिस्तर के लिए नामित किया गया है व दिल्ली सरकार ने सभी चिकित्सा अधीक्षकों को हरिश्चंद्र अस्पताल की भांति आदेश जारी किए हैं।