- दिल्ली भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर किया बढ़े हुए बिजली बिलों का दहन
- इस संकट के समय में दिल्ली के लोग दिल्ली सरकार से बिजली बिल में आर्थिक राहत की उम्मीद कर रहे थे,
- दिल्ली सरकार ने लोगों को राहत देने के बजाय बिजली कंपनियों के जरिए अपनी जेब को मजबूत करने के लिए काम कर रही है
- दिल्ली भाजपा यह मांग करती है कि मार्च से लेकर नवंबर तक के बिजली बिलों से फिक्स्ड चार्ज माफ किए जाए
नई दिल्ली : कोरोना संकट को देखते हुए बिजली बिल माफ करने के बजाय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवरेज बिल और फिक्स्ड चार्ज के नाम पर दिल्ली के लोगों से भारी बिजली बिल वसूल रहे हैं। सरकार और बिजली कंपनियों की मिलीभगत के खिलाफ सोमवार को दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता के नेतृत्व में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, प्रदेश महामंत्री व बिजली जन आंदोलन संयोजक के राजेश भाटिया, युवा मोर्चा अध्यक्ष व सह संयोजक सुनील यादव, प्रदेश महामंत्री कुलजीत सिंह चहल, प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव बब्बर, योगिता सिंह, डाॅ. मोनिका पंत, सतेन्द्र सिंह, विधायक अभय वर्मा, अजय महावर, प्रदेश मंत्री विक्रम बिधूड़ी, मीडिया प्रमुख अशोक गोयल देवराहा सहित प्रदेश पदाधिकारियों, जिला अध्यक्षों ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और बढ़े हुए बिजली बिलों का दहन किया। प्रदर्शन के बाद आदेश गुप्ता सहित उपस्थित वरिष्ठ नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार करके सिविल लाइन थाना ले गई।
आदेश गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने कोरोना संकट के समय में भी बिजली कंपनियों की मिलीभगत से बिजली बिलों में पावर परचेज चार्ज, पेंशन सरचार्ज, फिक्स्ड चार्ज एवं अन्य अधिभारों को लगाकर भारी-भरकम बिल भिजवाकर दिल्ली के लोगों को छलने का काम किया है। इस संकट के समय में दिल्ली के लोग दिल्ली सरकार से बिजली बिल में आर्थिक राहत की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन दिल्ली सरकार ने लोगों को राहत देने के बजाय बिजली कंपनियों के जरिए अपनी जेब को मजबूत करने के लिए काम कर रही है। दिल्ली सरकार भी स्वयं बढ़े हुए बिजली बिलों की समस्या से अवगत है, लेकिन इसे जानबूझकर नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान उद्योग, दुकानें एवं तमाम प्रतिष्ठान बंद थे और वहां पर बिजली का उपयोग नहीं हुआ, उन्हें भी भारी भरकम बिल भेजे जा रहे हैं, यहां तक की घरेलू उपभोक्ताओं को भी बिना सब्सिडी के बिल भेजे जा रहे हैं।
गुप्ता ने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री के समक्ष भाजपा सांसद बिजली का मुद्दा उठाया था जिस पर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा था कि वह फिक्स्ड चार्ज हटाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें कर्मचारियों को वेतन देना है इसलिए वह मजबूर हैं। मैं पूछना चाहूंगा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री क्या फिक्स्ड चार्ज से ही कर्मचारियों के वेतन दिए जाते हैं? उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियां 7409 मेगा वाट हाईएस्ट पीक डिमांड होने के बाद भी 22,876 मेगा वाट के फिक्स्ड चार्ज के बिल भिजवा रही है, यानी वास्तविक खपत से करीब 3 गुना ज्यादा बिजली के फिक्स्ड चार्ज ले रही है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली सरकार और बिजली कंपनियों की मनमानी नहीं चलने देंगे। दिल्ली भाजपा यह मांग करती है कि मार्च से लेकर नवंबर तक के बिजली बिलों से फिक्स्ड चार्ज माफ किए जाए। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली बिलों पर सब्सिडी बहाल किया जाए, बिजली कनेक्शन काटने वाले नोटिस को वापस लिया जाए, जिनके बिजली बिल बकाया हैं उन्हें किस्तों में बिल पेमेंट करने की सुविधा दी जाए। अगर पेमेंट के कारण किसी भी उपभोक्ता की बिजली काटी गई तो हमारे युवा कार्यकर्ता दिल्ली के मुख्यमंत्री के आवास की बिजली काटने का काम करेंगे। मुख्यमंत्री केजरीवाल को भी उन सुविधाओं का लाभ लेने का कोई हक नहीं जो सुविधाएं वह दिल्ली के लोगों को नहीं दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों के हितों में जब तक यह मांगे पूरी नहीं की जाती है तब तक बिजली जन आंदोलन जारी रहेगा।
रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली के लोगों का हितैषी बनने का ढोंग करने वाले मुख्यमंत्री केजरीवाल आज दिल्ली की जनता को डिस्कनेक्शन का नोटिस देकर अपना असली चेहरा दिखा रहे है। सस्ती बिजली का वादा करने वाले केजरीवाल आज मनमाना बिल वसूल रहे है। भाजपा दिल्लीवासियों के साथ ये धोखाधड़ी सहन नहीं करेगी। दिल्ली के लोगों की सुविधा और उनके हितों के लिए हम मिलकर इन मांगों को बार-बार केजरीवाल सरकार के सामने रखेंगे जब तक इन मांगों को लागू नहीं किया जाता है।
राजेश भाटिया ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के लोगों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए लेकिन वह इस समस्याओं को सुनना भी नहीं चाहते हैं। चुनाव से पहले बिजली बिल को हाफ करने को लेकर किए गए वादे ही मुख्यमंत्री केजरीवाल ने संकट के समय में भी लागू नहीं किए। दिल्ली के लोगों को संकट में देखकर मुख्यमंत्री केजरीवाल इसे निश्चिंत कैसे रह सकते हैं।
सुनील यादव ने कहा कि दिल्ली भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता पूरी सतर्कता के साथ सुनिश्चित कर रहे हैं कि बिजली कंपनियों के द्वारा किसी के घर की बिजली ना काटी जाए। अगर ऐसा हुआ तो हम स्वयं ही बिजली कनेक्शन को जोड़ेंगे। मुझे पूर्ण विश्वास है कि दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता जी के नेतृत्व में हम मिलकर केजरीवाल सरकार और बिजली कंपनियों की सांठगांठ नहीं चलने देंगे और दिल्ली के लोगों के हितों की रक्षा हेतु बिजली को लेकर हो रही समस्याओं का निवारण करने में सफल होंगे।