Monday, April 22, 2024
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पूनम पराशर का हरदयाल लाइब्रेरी पर दुर्गेश पाठक को बहस के लिए खुली चुनौती

– गवर्निंग बॉडी का हर साल कराया जाता है चुनाव इसलिए आजीवन सदस्यता का सवाल ही नहीं उठता – केजरीवाल सरकार द्वारा एमसीडी का पैसा रोकने से नहीं दिया गया 18 महीनों से कर्मचारियों को वेतन-पूनम पाराशर

नई दिल्ली, 15 जुलाई : हरदयाल म्युनिसिपल हैरिटेज पब्लिक लाइब्रेरी की सचिव पूनम पाराशर झा ने आप विधायक दुर्गेश पाठक द्वारा लगाए गए बेबुनियाद और आधारहीन आरोप पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मेरा कार्यकाल 13 सितम्बर, 2021 से प्रारम्भ हुआ जबकि जिन नियुक्तियों को लेकर मेरे ऊपर आरोप लगाए गए हैं वे मेरे कार्यकाल से पहले ही हो चुकी थीं। उन्होंने दुर्गेश पाठक को इस मुद्दे पर बहस की खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर मेरा आरोप साबित हो जाएगा तो मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा नहीं तो दुर्गेश पाठक अपनी विधायकी से इस्तीफा दें।

पूनम पाराशर ने कहा कि हरदयाल म्युनिसिपल हैरिटेज पब्लिक लाइब्रेरी एक सार्वजनिक पुस्तकालय है। यहां पर दिल्ली एवं एनसीआर का कोई भी व्यक्ति आजीवन सदस्य बन सकता है जो लाइब्रेरी के संविधान में यह प्रावधान है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष गवर्निंग बॉडी का चुनाव पाठक सदस्यों में से कराया जाता है जिससे स्पष्ट है कि किसी भी व्यक्ति को आजीवन सदस्य नहीं बनाया जा सकता है। इसलिए आप विधायक द्वारा लगाये गये आरोप निराधार और बेबुनियाद हैं।

पूनम पाराशर झा ने केजरीवाल सरकार से मांग करते हुए कहा कि एमसीडी के पैसें को तुरंत जारी करें जिससे लाइब्रेरी के कर्मचारियों को विगत 18 महीनों से जो वेतन रुका हुआ है, वह दिया जा सके। उन्होंने कहा कि हमने केजरीवाल से कई बार मांग कर चुके हैं कि लाइब्रेरी का बिजली-पानी का बिल माफ करें लेकिन उन्होंने इसपर कोई ध्यान नहीं दिया और दूसरी तरफ दिल्ली की जनता को गुमराह करते हैं कि दिल्ली में बिजली और पानी मुफ्त दिया जा रहा है। यह बेहद शर्मनाक है कि केजरीवाल सरकार शिक्षा के मंदिर पर भी राजनीति करने से पीछे नहीं हटती।

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