दिल्ली के उपराज्यपाल को लिखा पत्र
नई दिल्ली: उत्तरी दिल्ली नगर निगम के नरेला जोन के तहत आने वाले चीफ एडमिनीट्रेटिव मेडिकल ऑफिसर (सीएएमओ) कार्यालय बवाना शिफ्ट होने से निगम के सेवानिवृत कर्मी परेशान हो गए हैं जिसके बाद रिटायर एम्पलाईज एंड सीनियर सिटीजंस वेल्फेयर एसोसिएशन ने दिल्ली के उपराज्यपाल कार्यालय को पत्र लिखा है। एसोसिएशन के महासचिव मनमोहन भारद्वाज ने बताया कि नरेला में उतरी निगम का क्षेत्रीय कार्यालय है। जबसे नरेला क्षेत्र बना तभी से सीएएमओ का कार्यालय नरेला स्वास्थ्य केन्द्र नरेला में ही था। सेवानिवृत कर्मचारी जिनकी आयु 60 वर्ष से 90 वर्ष के बीच में है, वे स्वास्थ्य सेवाओं के बिल संबंधी सुविधाओं को यहां से लाभ उठाते थे लेकिन अचानक से इस कार्यालय को बवाना में स्थानांतरण कर दिया जिस के कारण से इससे अलीपुर स्वास्थ्य केन्द्र एवं नरेला स्वास्थ्य केन्द्र के सेवानिवृत कर्मियों को काफी परेशानी हो रही है।

एसोसिएशन के महासचिव मनमोहन भारद्वाज ने बताया कि उतरी दिल्ली नगर निगम में हरियाणा के सोनीपत, पानीपत से आते हैं। सेवानिवृत कर्मियों से 39,000 से 1,20,000 रुपये जमा करवाने के बाद निगम प्रशासन द्वारा एक मेडिकल कैशलेस कार्ड दिया जाता है और कहा जाता था कि अब आपके एव आपके आश्रित की बिमारी की जिम्मेदारी उतरी दिल्ली नगर निगम की है एवं उनके लिए आपके कोई पैसे देने की जरूरत नहीं है परंतु आजकल किसी भी मान्यता प्राप्त अस्पताल एव आंख, कान, दांत एवं लैब्स में पहले पैसे जमा करवाने पड़ते हैं एवं उसके बाद मे पैसों को रिम्बर्समेंट के माध्यम से अपने पैसों को वापिस प्राप्त किया जाता है जिसके लिए फाईल को सीएएमओ के माध्यम से पैसा प्राप्त किया जाता है।
एसोसिएशन के महासचिव मनमोहन भारद्वाज ने बताया कि चूंकि पहले वह कार्यालय नरेला में ही था तो सभी सेवानिवृत कर्मियों को सुविधा थी कि यहाँ पर जमा करवा कर यदि कोई कमी हो तो उस का निवारण भी यही पर कर दिया जाता था परन्तु अब वरिष्ठ नागरिकों को वृद्ध होने के कारण बवाना के चक्कर लगाने पड़ते हैं जिसके कारण से काफी परेशानी हो रही है। यही पर सीएएमओ विभाग था। अब इसके लिए अलीपुर स्वास्थ्य केन्द्र एवं नरेला स्वास्थ्य केन्द्र के करीब एक हजार सेवानिवृत कर्मचारी काफी परेशान हैं अतः इस कार्यालय को पुनः नरेला स्वास्थ्य केन्द्र में वापिस लाया जाए। जिससे वरिष्ठ सेवानिवृत परेशान नहीं हो सके।