भावुक हुए छात्रों ने साझा किए अपने अनुभव
नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध श्री अरबिंदो कॉलेज के हिंदी विभाग के तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों के विदाई समारोह का भव्य आयोजन शुक्रवार को किया गया। विदाई समारोह में छात्र इतने भावुक हो गए और उन्होंने बीते दिनों के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि कोरोना जैसी महामारी में कॉलेज में ना आ पाने और बीमारी के चलते अनेक कठिनाइयों का सामना करते हुए हम घर में कैद और मानसिक रूप से अवसाद ग्रस्त हो गए थे। ऐसे कठिन समय में हमारे विभाग के शिक्षकों ने हमारे भविष्य की उम्मीदों को कमजोर नहीं होने दिया, उनके मार्गदर्शन और सक्रिय सहयोग ने हमें सदैव भविष्य में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। इस अवसर पर मुख्य अतिथि कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर विपिन कुमार अग्रवाल व हिंदी विभाग के प्रभारी एवं अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।
हिंदी विभाग द्वारा आयोजित विदाई समारोह के अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर विपिन अग्रवाल ने कहा कि हिंदी विभाग में जितना आत्मीयता और अपनापन तथा संस्कृति के प्रति प्रतिबद्धता दिखती है वह काबिले तारीफ है। हिंदी विभाग के शिक्षक जमीन से जुड़े हुए हैं जो हमें कृत्रिमता से दूर रहने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों के भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि लग्न और पूर्ण समर्थन से आप कोई भी मंजिल पा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आप जिस भी क्षेत्र में जाए उसमें ईमानदारी और निष्ठा से कार्य करें और आप आगे बढ़ेंगे तो कॉलेज का नाम भी रोशन होगा। प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा कि यह कॉलेज आपके लिए हमेशा खुला है और हमारे शिक्षक भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर मार्गदर्शन करते रहेंगे।
हिंदी विभाग के प्रभारी डॉ. हंसराज सुमन ने विदाई समारोह के अवसर पर छात्रों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिंदी में रोजगार के अनेक विकल्प खुले हुए हैं, आप शिक्षक से लेकर आईएएस तक और फ़िल्म स्क्रिप्ट से लेकर डायरेक्टर तक बन सकते हैं। यह समय हिंदी का समय है जिसमें आज हिंदी अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त तीसरे नम्बर की भाषा है। हिंदी का अध्ययन कर विदेशों में भी रोजगार प्राप्त करके भविष्य भी बना सकते है और नाम भी कमा सकते हैं। उन्होंने छात्रों से कहा कि परीक्षा उतीर्ण करने के बाद हिंदी में 40 से अधिक लिस्टिड नौकरियां है जहां पर रोजगार की अपार संभावनाएं है।
डॉ. सुमन ने आगे कहा कि आज लोगों को अपनी यह सोच बदलनी पड़ेगी कि अंग्रेजी भाषा में ही सबसे ज्यादा रोजगार की संभावनाएं है जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। उन्होंने कहा कि आज मल्टीनेशनल कम्पनियांभी हिंदी जानने वालों की भारी संख्या में भर्तियां कर रही है, गूगल और अमेजॉन इसके बेहतरीन उदाहरण है। इसके अलावा भी अनेक कंपनियों में हिंदी अनुवादक और दुभाषिए रखे जाते हैं। उच्चायोगों और दूतावासों में, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के संस्थानों में, प्रकाशनों में, हिंदी के जानकारों की अत्यधिक मांग है। उन्होंने बताया कि जानकारी के अभाव में और अंग्रेजी वर्चस्व की भाषा है इस जड़ सोच के कारण लोगों को ये अवसर दिखाई नहीं पड़तें। सभी छात्रों को अपनी और से विभाग प्रभारी ने शुभकामनाएं दी और वर्षभर की गतिविधियों में व उपलब्धियां हासिल करने वाले छात्र -छात्राओं को पारितोषिक / पुरुस्कार प्रदान किए।
हिंदी विभाग के इस विदाई समारोह में छात्र -छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से नृत्य, गीत, संगीत और गायन के द्वारा कार्यक्रम को रंगारंग बना दिया। इस अवसर पर डॉ. प्रदीप कुमार सिंह, डॉ. रोशन लाल मीणा, डॉ.दीपा, डॉ.विनय जैन, डॉ. शिवमंगल, बालेंदर, डॉ. सीमा, डॉ. नीतू द्विवेदी, डॉ. कल्पिता व डॉ. प्रमोद सिंह आदि उपस्थित थे। मंच संचालन कुमारी रिशिता व कु. शिवानी ने किया। अंत में धन्यवाद डॉ. दीपा ने किया।