– जब तक मांगे पूरी नहीं होगी जारी रहेगा धरना
– शिक्षकों का मानसिक और आर्थिक रूप से शोषण किया जा रहा
– सात सूत्रीय मांगों पर विचार करें और हम न्याय दे
नई दिल्ली, 13 मार्च 2024
अपनी मांगों को लेकर सगम्र शिक्षा अभियान (एसएसए) के तहत कार्य करने वाले शिक्षकों ने दिल्ली एसएसए टीचर्स एसोसिएशन के बैनर तले दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास के पास धरना प्रदर्शन किया। एसएसए शिक्षकों की मांग है कि शिक्षा निदेशालय के टीजीटी शिक्षकों को तुरंत एमसीडी से वापस शिक्षा निदेशालय भेजा जाए और एक साल से रूका हुआ वेतन दिया जाए। इसके अलावा शिक्षकों का कहना है कि हम सभी शिक्षकों की नियुक्ति आरटीई एक्ट के नियमों के तहत हुई थी, इसके बाबजूद भी दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने गलत निर्णय लेकर बच्चों और हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ की है और हम इसीलिए मंगलवार देर रात से यहां धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
पीड़ित शिक्षकों ने बताया कि हम आमरण अनशन पर है और हमारे इस कदम के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल, शिक्षा मंत्री आतिशी और शि क्षा अधिकारी जिम्मेदार है क्योंकि इनके सभी गलत निर्णयों से आधे लोगों की नौकरी जा चुकी और जो आवाज उठाते है उन्हें नौकरी से निकाल देने की धमकियां दी जा रही हैं क्योंकि हम अपने अधिकारों के लिए बार बार उनके दफ्तरों में आवाज उठा रहे हैं। पीड़ित शिक्षकों ने बताया कि इतने साल से सभी जगह निराशा हाथ लगने के बाद हम सभी 1300 एसएसए शिक्षकों ने अपनी मांगों के लिए आज का धरना प्रदर्शन किया है। हमारा निवेदन है कि दिल्ली सरकार हमारी निम्न सात सूत्रीय मांगों पर विचार करे और हम न्याय दे।
– दिल्ली सरकार से किया निवेदन, सात सूत्रीय मांगों पर विचार करें और हम न्याय दे
1- हम सभी 850 एसएसए शिक्षकों को गेस्ट से कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स पर रखा जाए 19 जनवरी 2021 से पहले की तरह वापस रखा जाए।
2- करीब 200 बेरोजगार शिक्षको को एसएसए विभाग में खाली पड़े 1400 टीजीटी पदों पर तुरंत नौकरी पर रखा जाए।
3- दिल्ली नगर निगम में भेजे गए 350 के करीब टीजीटी और पीआरटी शिक्षको को तुरंत शिक्षा निदेशालय के स्कूलों में भेजने के आदेश दिए जाए।
4- दिनाक 3 अक्टूबर 2023 के आदेश को निरस्त करके सभी 200 के करीब बेरोजगार एसएसए टीजीटी शिक्षकों को खाली पड़े 1400 पदों पर नियुक्ति दी जाए।
5- मॉडल आटीई नियम 2010, दिल्ली आरटीई नियम 2012 और एसएसए रिवाइज नियम 2014 का पालन कर हम सभी शिक्षकों को सैलरी और सर्विस कंडीशन रेगुलर शिक्षकों की तरह की जाए।
6-दिल्ली में पढ़ने वाले बच्चो की पढ़ाई और जीवन को बचाने के लिए हम सभी शिक्षकों की नौकरी को स्थाई किया जाए।
7- गलत निर्णय लेने वाले संबंधित अधिकारियो पर कार्यवाही की जाए।
– भारत में सबसे दयनीय हालत में दिल्ली के एसएसए शिक्षक
शिक्षकों ने बताया कि हम समग्र शिक्षा अभियान के तहत सालों से काम कर रहे शिक्षक पीआटी और टीजीटी के पद पर हैं और पूरे भारत में सबसे दयनीय हालत में दिल्ली के ये एसएसए शिक्षक क्योंकि पिछले कुछ सालों से लगातार शिक्षा विभाग के अधिकारियों और दिल्ली सरकार के द्वारा कई प्रकार से हमारी नौकरी में बाधाएं डाली जा रही जैसे इतिहास में पहले बार किसी ने शिक्षक के साथ अन्याय किया होगा जैसा दिनाक 13 जुलाई को टीजीटी शिक्षक को दिल्ली नगर निगम प्राइमरी स्कूल में जबदस्ती भेज दिया वो भी बाढ़ के दिनों में। रातों रात ऑर्डर निकाल कर और शिक्षकों को धीरे धीरे नौकरी से हटा रही सरकार और अधिकारियो ने इन शिक्षकों के साथ सडयंत्र किया। 2017 से एक पैसे सैलरी ना बढ़ाना और जो हक हर महीने मिलना चाहिए। साल भर इंतजार कर मिल रहा है।
– कर्ज लेकर शिक्षक अपने घर परिवार का पालन पोषण करने को मजबूर
पीड़ित शिक्षकों ने कहा कि कर्ज लेकर शिक्षक अपने घर परिवार का पालन पोषण करने को मजबूर है। इन शिक्षकों ने इसके लिए भी सभी जगह गुहार लगाई लेकिन न तो दिल्ली के मुख्यमंत्री, ना शिक्षा मंत्री और न ही किसी अधिकारी ने इन एसएसए शिक्षको का साथ दिया। जिस कारण से यह सभी शिक्षक हर दूसरे महीने नौकरी से निकाल दिए जाते रहे है, और ऐसा पिछले 2 साल से चल रहा है। इस वजह से शिक्षक की जिंदगी खराब तो हो रही है। आप समझिए दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे जो एक शिक्षक से जुड़ने में इतना वक्त लगता है। उतने दिन में सभी शिक्षकों को लगातार नौकरी से निकाला जा रहा है जिससे बच्चे की पढ़ाई और उनका भविष्य दोनों खराब हो रहे हैं।
– मांग की तो हमें नौकरी से हटा दिया जाएगा
शिक्षकों ने बताया कि इतिहास में पहले बार किसी ने शिक्षक के साथ अन्याय किया है। जैसा औैर अब जब महीनों हो गए अधिकारियों से बातचीत करते हुए तो उनके द्वारा कहा जाता है कि कॉन्ट्रेक्ट कर्मचारी के साथ कभी भी कुछ भी कर सकते हैं और अब तुम्हें कम सैलरी भी मिल सकती है और अगर हमने अपनी नौकरी पहले जैसी करने की मांग की तो हमें नौकरी से हटा दिया जाएगा और दिल्ली सरकार के पास पैसे नहीं है, यह तर्क दिया जाता है जबकि दिल्ली सरकार हर साल बजट के रूप में 70 हजार करोड़ से 80 हजार करोड़ का बजट प्रस्तुत करती है और शिक्षा के लिए 10 प्रतिशत बजट हर साल देती है। इसके बाद भी दिल्ली के पास बजट की कमी है जबकि दिल्ली में हर चीज फ्री में मिलती है और हम अपनी मेहनत करके दिल्ली के स्कूलों में पढ़ाते आ रहे है, हमें देने के लिए पैसे नहीं है। इस परेशानी को बताने के लिए हमने दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी और मुंख्यमंत्री केजरीवाल से मिलने की बहुत कोशिश की और इन्हे पत्र भी लिखा, लेकिन आज तक न ही हमारे पत्र का जवाब दिया गया और न ही हमारी परेशानी का उपाय किया गया।
– शिक्षकों का मानसिक और आर्थिक रूप से शोषण किया जा रहा
शिक्षकों ने बताया कि दिनाक 16 अक्टूबर 2023 को एसएसए शिक्षकों ने धरना किया और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने फाइल बनकर ग़लतियों को सुधारने की बात कही पर फिर भी टीचर्स को सिर्फ धोखा दिया गया सरकार और अफसरशाही द्वारा हम सभी शिक्षकों का मानसिक और आर्थिक रूप से शोषण किया जा रहा है। इसलिए अब हम दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा दी गई सीख का पालन करेंगे। सरकारों और अधिकारियों की मनमानी के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर कर के दिल्ली में एक सरकार का बना ली लेकिन आज उन्हीं के अधिकारी और खुद सरकार गलत निर्णय लेकर बच्चों और शिक्षको का भविष्य खराब कर रहे है।